01/11/2019 करेंट अफेयर्स (Prelims Sure Shot) हिंदी में

 

 

28वां व्‍यास सम्‍मान: लीलाधर जगूड़ी को उनके कविता संग्रह ‘जितने लोग उतने प्रेम’ के लिए सम्मानित किया गया

  • हिंदी के प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी को 31 अक्टूबर को नई दिल्‍ली में आयोजित एक समारोह में 28वें व्‍यास सम्‍मान से अलंकृत किया गया.
  • ‘जितने लोग उतने प्रेम’ के लिए व्यास सम्मान
  • लीलाधर जगूड़ी को यह सम्मान उनके कविता संग्रह ‘जितने लोग उतने प्रेम’ के लिए दिया गया है. यह कविता संग्रह वर्ष 2013 में प्रकाशित हुआ था.

व्यास सम्मान: एक दृष्टि

  • व्यास सम्मान भारतीय साहित्य में किये गये योगदान हेतु दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य सम्मान है.
  • यह सम्मान प्रत्येक साल भारतीय भाषाओं के लेखक और कवि को दिया जाता है.
  • इस सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र और पटि्टका के साथ-साथ चार लाख रुपये की राशि दी जाती है.
  • इस पुरस्कार को साल 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन ने शुरू किया था.
  • पहला व्यास सम्मान साल 1991 में रामविलास शर्मा की कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी’ के लिए दिया गया था.
  • साल 2017 का व्यास सम्मान हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया को उनके उपन्यास ‘दुक्खम – सुक्खम’ के लिए दिया गया था.

 

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आया

  • 31 अक्टूबर 2019 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर दो केन्द्रशासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ गये. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बदला गया हो. अब देश में कुल राज्यों की कुल संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गयी है.
  • जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के उप-राज्‍यपालों का शपथ ग्रहण

जम्मू-कश्मीर: 

  • गिरीश चन्‍द्र मुरमु को केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उप-राज्‍यपाल नियुक्त किया गया है. जम्‍मू कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय की मुख्‍य न्‍यायाधीश गीता मित्‍तल ने 31 अक्टूबर को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

लद्दाख: 

  • राधा कृष्ण माथुर को केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख का पहला उप-राज्‍यपाल (लेफ्टि‍नेट गवर्नर) नियुक्त किया गया है. जम्‍मू कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय की मुख्‍य न्‍यायाधीश गीता मित्‍तल ने 31 अक्टूबर को लेह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
  • जम्मू-कश्मीर राज्य का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठन
  • इस वर्ष पांच अगस्त को केन्द्र ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 और 35A के प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन किया था.
पुनर्गठन कानून के मुख्य बिन्दु
  • केंद्रशासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर में पुद्दुचेरी की तर्ज पर एक निर्वाचित विधानसभा और मुख्‍यमंत्री होगा. जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य की विधान परिषद समाप्‍त कर दी गयी है. सीटों के पुनर्निर्धारण के बाद जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा का पुनर्गठन होगा.
  • लद्दाख, अंडमान और निकोबार की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश होगा और सीधे उप-राज्‍यपाल द्वारा संचालित होगा. लद्दाख में एक हिल काउंसिल होगी जो उप-राज्‍यपाल के अधीन होगी.
  • लद्दाख और जम्‍मू-कश्‍मीर दोनों के लिए एक ही जम्‍मू-कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय होगा.
  • 106 केंद्रीय कानून दोनों नए केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होंगे. इनमें आधार अधिनियम-2016, भारतीय दंड संहिता-1860 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 शामिल हैं.
  • अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग तथा अल्‍पसंख्‍यक आयोग दोनों संघ शासित प्रदेशों में बनाए जाएंगे.

 

 

31 अक्टूबर 2019: सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती ‘ऱाष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई गयी

  • प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यानी 2019 में उनकी 144वीं जयंती मनाई गयी.
  • वर्ष 2014 से सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को ‘ऱाष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. देश में राष्ट्रीय एकता की भावना का संचार करने के उद्देश्य से बीते 5 सालों से केन्द्र सरकार इस दिन ‘रन फॉर यूनिटी दौड़’ कार्यक्रम का आयोजन करती है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में सरदार पटेल की पर विश्‍व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’ पर उन्हें पुष्‍पांजलि अर्पित की. गु़जरात के नर्मदा किनारे केवाडिया में बने यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है, जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गयी है.

एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ पर्व का आयोजन

  • सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर नई दिल्‍ली के इंडिया गेट पर ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ पर्व का आयोजन किया गया. इस पहल का उद्देश्‍य सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच देश की विविधता में एकता को रेखांकित करना है. एक भारत श्रेष्‍ठ भारत का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 31 अक्‍तूबर, 2015 को सरदार पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर किया था.

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल: संक्षिप्त परिचय

  • सरदार वल्‍लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्‍तूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था. वह भारत के लौह पुरूष के रूप में जाने जाते हैं. उन्‍होंने भारत के साथ पांच सौ से अधिक रजवाड़ों का विलय कराया था. 12 अक्‍तूबर 1947 को दशहरे के अवसर पर सरदार पटेल ने अखंड भारत की अवधारणा का आह्वान किया था.
  • सरदार पटेल ने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की और गृहमंत्री भी रहे. वे भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता थे. भारत गणराज्‍य के एक संस्‍थापक के रूप में पटेल ने देश की आजादी के लिए संघर्ष में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई.

 

अर्जेंटीना के राफेल ग्रॉसी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख निर्वाचित हुए

  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण  परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार से रोकने के लिए प्रयासरत एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की स्थापना 29 जुलाई, सन 1957 ई. में की गई थी।
  • न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय में 26 अक्टूबर, 1957 को आयोजित एक अंतरर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इसकी संविधि स्वीकृत की गई थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ से इसका संबंध एक समझौते के माध्यम से जोड़ा गया है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण का मुख्यालय वियना(ऑस्ट्रिया) में है
  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण का मुख्य उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण: संरचना 

  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण  संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देती है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की कुल सदस्य संख्या 168 ( 2016 तक) है। इस संस्था के मुख्यत: तीन अंग हैं-
  • राज्यपालों का बोर्ड अर्थात गवर्नर मंडल (बोर्ड ऑफ गर्वनर्स),
  • सामान्य सम्मेलन (जनरल कांफ्रेंस) और
  • सचिवालय (सेकेट्रेरिएट)
  1. गवर्नर मंडल (बोर्ड ऑफ गर्वनर्स):   बोर्ड ऑफ गर्वनर्स में सदस्यों की संख्या 35  होती है, जिनमें से 13  सदस्य पिछले बोर्ड से लिए जाते हैं, जबकि शेष 22  सदस्यों का चुनाव सामान्य सम्मेलन द्वारा होता है। बोर्ड ऑफ गर्वनर्स का मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की नीतियों का निर्धारण करना है।
    2.  सामान्य सम्मेलन (जनरल कांफ्रेंस): सामान्य सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरणका एक महत्वपूर्ण अंग है।  जनरल कांफ्रेंस की प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में बैठक होती है, जिसमें बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा प्रस्तावित बजट और कार्यो की सहमति प्रदान की जाती है।इसके अतिरिक्त सामान्य सम्मेलन  में महासचिव का भी चयन किया जाता है।
  2. सचिवालय (सेकेट्रेरिएट):सचिवालय के अध्यक्ष महासचिव होते हैं। यह जनरल कांफ्रेंस और बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा लाए गए प्रस्तावों को कार्यरूप में लाने के लिए उत्तरदायी होता है।

स संस्था के तीन मुख्य कार्य  हैं-

  • सुरक्षा,
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं
  • सुरक्षा व संपुष्टि।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण: कार्य 

 

  • सार्वभौमिक स्तर पर शांति, स्वास्थ्य तथा समृद्धि को त्वरायित एवं परिवर्धित करने की दिशा में परमाणु ऊर्जा का उपयोग।
  • इस तथ्य के प्रति सजग रहना कि अभिकरण द्वारा परमाणु ऊर्जा की  संस्तुति पर तथा इसकी देखभाल अथवा नियंत्रण में दी जाने वाली सहायता का उपयोग कहीं सैनिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तो नहीं किया जा रहा है
  • अभिकरण सदस्य राष्ट्रों को (जनवरी, 1970 ई. तक इनकी संख्या 103 थी) पारमाणविक शक्ति के विकास, जिसमें जल के अपक्षारीकरण में पारमाण्विक शक्ति का उपयोग भी सम्मिलित है, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा रेडियोधर्मिता को नष्ट करने की व्यवस्था इत्यादि के संबंध में परामर्श और तकनीकी सहायता भी देता है।
  • कायचिकित्सा, कृषि उद्योग तथा जल विज्ञान प्रभृति क्षेत्रों में विकिरण रेडिएशन एवं रेडियो विकिरण समस्थानिकोंके उपयोग को उक्त अभिकरण विशेषज्ञों की सेवा जुटाकर, प्रशिक्षण पाठ्‌यक्रम की व्यवस्था करके, शिक्षावृत्ति देकर, अनुसंधान संबंधी अनुबंध करके, विज्ञान गोष्ठियाँ आयोजित करके तथा तत्संबंधी साहित्य का प्रकाशन करके प्रोत्साहित करता है।

 

 

भारतीय मूल के विदेशी नागरिक को राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत पंजीकरण कराने की अनुमति दी गयी

  • भारत के पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण ने भारतीय मूल के विदेशी नागरिक को प्रवासी भारतीयों की ही तरह राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत पंजीकरण कराने की अनुमति दी है.
  • वित्‍त मंत्रालय के अधिसूचना के अनुसार भारतीय मूल के विदेशी नागरिक NPS के लिए पंजीकरण करा सकते हैं बशर्ते वे कानून के तहत भारत में निवेश करने के पात्र हों. ऐसे लोग अपनी जमा-पूंजी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के दिशा-निर्देशों के तहत देश के बाहर भी ले जा सकेंगे.
  • अब कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वह देश में रहता हो या विदेश में और चाहे वह भारतीय मूल का विदेशी नागरिक ही क्‍यों न हो, 65 वर्ष की उम्र तक NPS के तहत पंजीकरण करा सकता है.

 

तमिलनाडु अनुबंध कृषि पर कानून बनाने वाला पहला राज्य बना

  • तमिलनाडु अनुबंध कृषि पर कानून बनाने वाला पहला राज्य बन गया है. उसने इसके लिए 30 अक्टूबर को कृषि उपज और पशुधन संविदा खेती तथा सेवा अधिनियम (Agricultural Produce and Livestock Contract Farming and Services (Promotion and Facilitation) Act) को मंजूरी दी.
  • इस कानून के माध्यम से बाज़ार मूल्य में उतार-चढ़ाव होने की स्थिति में किसानों के हितों की रक्षा हो सकेगी. इसके अंतर्गत खरीदारों व किसानों के मध्य हुए समझौते के तहत किसानों को पूर्व-निर्धारित मूल्य का भुगतान किया जाएगा

 

 

हैदराबाद IIIT टीम ने पहली बार ‘इंडियन ब्रेन एटलस’ तैयार किया

  • हैदराबाद IIIT के शोध टीम ने पहली बार ‘इंडियन ब्रेन एटलस’ तैयार किया हिया. इस शोध में पता चला है कि भारतीयों के दिमाग का आकार पश्चिमी और पूर्वी देशों के लोगों की तुलना में छोटा होता है. भारतीयों का मस्तिष्क लंबाई, चौड़ाई और घनत्व तीनों ही लिहाज से अपेक्षाकृत छोटा होता है.
  • यह शोध अल्जाइमर और ब्रेन से जुड़ी अन्य बीमारियों को ध्यान में रखकर किया गया. यह शोध न्यूरोलॉजी इंडिया नामक मेडिकल जरनल में प्रकाशित हुआ है

 

 

चंद्रयान 2 : चन्द्रमा के बाह्यमंडल में आर्गन 40 की खोज की गयी

  • चंद्रयान 2 ने चन्द्रमा के बाह्यमंडल में आर्गन 40 की खोज की। आर्गन 40 आर्गन का एक आइसोटोप है। इसरो ने आर्गन 40 के चन्द्रमा के बाह्यमंडल में पहुँचने की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन किया है। यह पोटैशियम-40 के रेडियोएक्टिव विखंडन से उत्पन्न होता है।

मुख्य बिंदु

  • CHACE-20 (Chandra’s Atmospheric Composition Explorer 2) चंद्रयान-2 ऑर्बिटर में लगा हुआ एक पेलोड है, यह न्यूट्रल गैस स्पेक्ट्रोमीटर है। इस उपकरण ने 100 किलोमीटर की ऊंचाई से आर्गन 40 का पता लगाया है। चन्द्रमा में रात के दौरान गैस बाहयमंडल में संघनित होती है।

मिशन चंद्रयान-2

  • चंद्रयान-2 भारत का चंद्रमा पर दूसरा मिशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन है। यह 2008 में लांच किये गए मिशन चंद्रयान का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान मिशन ने केवल चन्द्रमा की परिक्रमा की थी, परन्तु चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा की सतह पर एक रोवर भी उतारा जाना था।
  • इस मिशन के सभी हिस्से इसरो ने स्वदेश रूप से भारत में ही बनाये हैं, इसमें ऑर्बिटर, लैंडर व रोवर शामिल है। इस मिशन में इसरो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड रोवर को उतारने की कोशिश की। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके चन्द्रमा की सतह के घटकों का विश्लेषण करने के लिए निर्मित किया गया था।
  • चंद्रयान-2 को GSLV Mk III से लांच किया गया। यह इसरो का ऐसा पहला अंतर्ग्रहीय मिशन है, जिसमे इसरो ने किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रोवर उतारने का प्रयास किया। इसरो के स्पेसक्राफ्ट (ऑर्बिटर) का वज़न 3,290 किलोग्राम है, यह स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा की परिक्रमा करके डाटा एकत्रित करेगा, इसका उपयोग मुख्य रूप से रिमोट सेंसिंग के लिए किया जा रहा है।
  • 6 पहिये वाला रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके मिट्टी व चट्टान के नमूने इकठ्ठा करने के लिए बनाया गया था, इससे चन्द्रमा की भू-पर्पटी, खनिज पदार्थ तथा हाइड्रॉक्सिल और जल-बर्फ के चिन्ह के बारे में जानकारी मिलने की सम्भावना थी।
  • चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करना इस मिशन का सबसे कठिन हिस्सा था, अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही यह कारनामा कर पाए हैं। इजराइल का स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा पर क्रेश हो गया था।

 

 

सामरिक भागीदारी परिषद पर समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे भारत-सऊदी अरब

  • पीएम मोदी सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वह तीसरे भविष्य निवेश पहल में भाग लेने और किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने के लिए देश का दौरा कर रहे हैं। रक्षा, नागरिक उड्डयन, बुनियादी ढांचा, गैर-नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, आदि जैसे क्षेत्रों में अपनी यात्राओं के दौरान पीएम न्यूनतम 12 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
  • इसके अलावा, पीएम मोदी द्विपक्षीय “रणनीतिक भागीदारी परिषद” समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। भारत चौथा देश है जिसके साथ सऊदी अरब समझौते पर हस्ताक्षर कर रहा है। तीन अन्य देश यूके, फ्रांस और चीन हैं।

सामरिक भागीदारी परिषद

  • परिषद में NITI Aayog, विदेश मंत्रालय और सऊदी अरब के समकक्ष संगठनों के कई खंड शामिल होंगे।
  • परिषद का नेतृत्व श्री मोदी और किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद द्वारा किया जाना है।

परिषद में दो समानांतर ट्रैक होंगे

  • राजनीतिक, सुरक्षा, संस्कृति और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व वाला समाज
  • भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री और सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था और निवेश।

महत्व

  • भारत की कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त होने के तीन महीने बाद यात्रा का महत्व बढ़ जाता है।
  • गठित होने वाली परिषद सुरक्षा, व्यापार, निवेश, रक्षा और सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का युग खोलेगी।
  • इस क्षेत्र में 8 मिलियन से अधिक भारतीय प्रवासी हैं।

 

 

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार (NCSRA) प्रदान किए

  • राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नई दिल्ली में चयनित कंपनियों को राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार (NCSRA) प्रदान किया। ये पुरस्कार भारत सरकार द्वारा CSR के क्षेत्र में दिए गए सर्वोच्च मान्यता प्राप्त हैं और कंपनियों को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किए जाते हैं।

राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार (NCRSA)

  • केंद्रीय विकास मंत्रालय (MCA) द्वारा समावेशी विकास और सतत विकास को प्राप्त करने के लिए CSR के क्षेत्र में कॉर्पोरेट पहलों को मान्यता देने के लिए 2017 में पुरस्कारों की स्थापना की गई है। CSR पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद पुरस्कारों की स्थापना की गई।
  • NCRSA के 2019 संस्करण में, कुल 528 प्रविष्टियों में से 19 कंपनियों को कंपनियों द्वारा प्रस्तुतियाँ के आधार पर और CSR विशेषज्ञों, जूरी द्वारा स्वतंत्र मूल्यांकन की रिपोर्ट के आधार पर पुरस्कार के लिए चुना गया है।

उद्देश्य

  • कंपनियों की विभिन्न श्रेणियों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ताकि उनकी CSR गतिविधियों में उत्कृष्टता का संचार हो सके।
  • कंपनियों को पूरी राशि यानि पात्र सीएसआर खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • प्रभाव, प्रौद्योगिकी का उपयोग, नवाचार, लिंग और पर्यावरण के मुद्दों, मापनीयता, प्रतिकृति और सीएसआर गतिविधियों की स्थिरता को पहचानना।
  • कॉरपोरेट की CSR पहलों को चैनलाइज़ करना ताकि इन गतिविधियों का लाभ देश के सुदूर इलाकों तक और समाज के हाशिए पर मौजूद लोगों तक पहुंचे।

पुरस्कारों की श्रेणियाँ

NCRA के पुरस्कारों की कुल संख्या 3 श्रेणियों में 20 है-

  1. CSR में उत्कृष्टता के लिए कॉर्पोरेट पुरस्कार:
  2. a) कुल पात्र CSR व्यय (4 पुरस्कार) के आधार पर किसी कंपनी को पुनर्विचार –

१०० करोड़ रुपये से ऊपर
Rs.10 करोड़ और Rs.99.99 करोड़ के बीच
1 करोड़ और Rs.9.99 करोड़ के बीच
100 करोड़ रुपये से कम खर्च करें
b) माननीय उल्लेख: चार मुख्य पुरस्कारों के अलावा, उन कंपनियों के लिए चार सम्माननीय उल्लेख हो सकते हैं, जिन्होंने सराहनीय सीएसआई गतिविधियों का संचालन किया है।

  1. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में CSR में कॉर्पोरेट पुरस्कार:
  2. a) चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों, कठिन इलाकों या अशांत क्षेत्रों, दूसरों के बीच आकांक्षात्मक जिलों (पांच पुरस्कारों तक) में अपने सीएसआर प्रयासों के आधार पर एक कंपनी को मान्यता।
  3. b) माननीय उल्लेख: 5 मुख्य पुरस्कारों के अलावा, उन कंपनियों के लिए 5 सम्माननीय उल्लेख हो सकते हैं, जिन्होंने सराहनीय सीएसआई गतिविधियों का संचालन किया है।
  4. राष्ट्रीय प्राथमिकता योजनाओं (NPS) में योगदान के आधार पर एक कंपनी को मान्यता दी जाए, ताकि इन क्षेत्रों में खर्च करने के लिए कॉर्पोरेट को प्रेरित किया जा सके। (11 पुरस्कार तक)
  5. a) माननीय उल्लेख: 11 मुख्य पुरस्कारों के अलावा, 11 माननीय कंपनियों के नाम हो सकते हैं, जिन्होंने सराहनीय CSR गतिविधियाँ की हैं।

 

 

IOD, EQUINOD, अल नीनो का भारतीय मानसून पर प्रभाव

  • प्रायद्वीपीय भारत में पूर्वोत्तर मानसून की चल रही उन्मत्तता को उन्हीं कारकों ने प्रोत्साहन दिया, जिन्होंने दक्षिण-पश्चिम मानसून को प्रेरित किया। 2019 के भारतीय मानसून ने एक तटस्थ प्रशांत (न तो अल नीनो और न ही ला नीना), एक सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल (IOD) और एक सकारात्मक इक्वेटोरियल इंडियन ओशन ऑसिलेशन (EQUINOO) देखा।

अल नीनो

  • समुद्र की सतह के तापमान में भिन्नता हिंद महासागर और प्रशांत घटना और इस तरह भारतीय मानसून को प्रेरित करती है।
  • अल नीनो भूमध्यरेखीय प्रशांत में एक फेनोमेना है जहां तापमान 5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से अधिक हो जाता है। अल नीनो के दौरान इक्वेटोरियल ईस्ट पैसिफिक पश्चिम के सापेक्ष गर्म होता है और भारतीय मानसून पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
  • मॉनसूनी हवाएं और बारिश ला नीना के दौरान मजबूत और अल नीनो के दौरान कमजोर होती हैं। ला नीना वर्ष भारी वर्षा लाते हैं और अल नीनो वर्ष शुष्क होते हैं।
  • इस साल प्रशांत महासागर में कमजोर अल नीनो जून के महीने में वर्षा की कमी का एक कारण है।

IOD

  • एक सकारात्मक IOD में, हिंद महासागर का पश्चिमी बेसिन कम दबाव बनाता है। यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में तूफानों और भारी बारिश को स्थापित करने के लिए गर्म हवा के बादल उगाता है। भारतीय मानसून में एक सकारात्मक IOD अच्छे मानसून का कारण बना।

EQUINOD

  • सकारात्मक EQUINOD अधिक या कम सकारात्मक IOD का अर्थ है। उत्तर पूर्व मानसून में सकारात्मक EQUINOD एड्स। 2019 मानसून एक सकारात्मक EQUINOD देखा गया।

 

फिलीपींस भारत की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदेगा

  • ब्रह्मोस मिसाइल को सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में से एक माना जाता है। फिलीपींस की सेना अपने तटीय बचाव को मजबूत करने के लिए भारतीय-निर्मित हथियार प्राप्त कर रही है। 2018 में, भारतीय पीएम मोदी ने अपनी फिलीपींस यात्रा के दौरान 4 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए, और ब्रह्मोस प्राप्त करना उनमें से एक है।

महत्व

  • इस समझौते से साबित होता है कि भारत की अधिनियम पूर्व नीति को मजबूत किया जा रहा है।
  • दक्षिण एशियाई देशों के साथ और फिलीपींस के साथ भी भारत के द्विपक्षीय संबंध विविधतापूर्ण हैं।
  • यह अगले 5 वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये के भारत के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

ब्रह्मोस मिसाइल

  • ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की क्रूज मिसाइल है जिसे पनडुब्बी, विमान, जहाज और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल है। मिसाइल का डिज़ाइन रूस और भारत के बीच एक संयुक्त उद्यम था। ब्रह्मोस का नाम भारत में दो नदियों ब्रह्मपुत्र और रूस में मोस्कवा के नामों से बना है।
  • 2016 में, भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण शासन का एक हिस्सा बन गया जिसके बाद भारत और रूस अब 500 किलोमीटर की लक्ष्य सीमा के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की एक नई पीढ़ी विकसित करने की योजना बना रहे हैं।

 

 

कॉस्मिक येति क्या है?

  • वैज्ञानिकों ने गलती से शुरुआती ब्रह्मांड में ‘एक बड़ी आकाशगंगा में पैरों के निशान’ की खोज की है जो पहले कभी नहीं देखी गई थी, इसे कॉस्मिक येति कहा गया है।। खोज ब्रह्मांड में कुछ सबसे बड़ी आकाशगंगाओं के पहले बढ़ते कदमों में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। खगोलीय निष्कर्ष एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित किए गए थे।

कॉस्मिक येति

  • वैज्ञानिकों ने नवनिर्मित बड़ी आकाशगंगा को मिथकीय येति के समान माना है क्योंकि पहले वैज्ञानिक समुदाय आमतौर पर इन आकाशगंगाओं को उनके अस्तित्व के साक्ष्य की कमी को देखते हुए लोककथाओं के रूप में मानते थे, लेकिन हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खगोलविद उसकी तस्वीर को बनाने में कामयाब रहे।

मुख्य निष्कर्ष

  • हाल के अध्ययन में पाया गया युवा ब्रह्मांड की कुछ सबसे बड़ी आकाशगंगाएं बहुत जल्दी परिपक्व हो जाती हैं, यह एक ऐसी चीज है जिसे अभी तक सैद्धांतिक रूप से नहीं समझा गया है।
  • “कॉस्मिक येति” आकाशगंगा अभी तक धूल के बादलों से छिपी हुई थी और मिल्की वे के रूप में कई सितारे थे। यह मिल्की वे की तुलना में 100 गुना अधिक तेज गति से नए सितारे बना रहा था।
  • प्रमुख पहेली बनी हुई है कि ये परिपक्व आकाशगंगाएं कहीं से भी निकलती दिखाई देती हैं क्योंकि खगोलशास्त्री इन्हें बनाते हुए कभी खोज नहीं पाते हैं। लेकिन अब नई खोज ब्रह्मांड के शैशव काल में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है।
  • अनुसंधान दल ने अटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (ALMA) का उपयोग करते हुए रोशनी की खोज की और अनुमान लगाया कि इस आकाशगंगा से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 12.5 बिलियन साल लगे हैं।

 

 

 

 

भारत फ्रांस संयुक्त सैन्याभ्यास शक्ति 2019

  • भारत और फ्रांसीसी सैनिकों का संयुक्त सैन्य अभ्यास 31 अक्टूबर 2019 और 13 नवंबर 2019 के बीच होना है। यह भारत और फ्रांस में वैकल्पिक रूप से आयोजित द्विवार्षिक अभ्यास है। यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में आयोजित किया जाना है।
  • दक्षिण पश्चिमी कमान की सिख रेजिमेंट की एक टुकड़ी अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेगी।

तथ्य

  • यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत एक अर्ध-रेगिस्तानी इलाके में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित होगा।
  • यह सामरिक स्तर पर ड्रिल साझा करने, शारीरिक फिटनेस की उच्च डिग्री और एक-दूसरे से सर्वोत्तम युद्ध तरीके के सीखने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सहयोग, समझ और अंतर संचालन को बढ़ाना है।
  • इस अभ्यास का समापन 36 घंटे की वैधता के साथ होगा जिसमें गाँव में छिपे आतंकवादियों को निष्प्रभावी करना शामिल है।

 

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी OGEL क्या है?

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनिंदा देशों को कुछ भागों और घटकों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के अंतर-कंपनी हस्तांतरण के निर्यात के लिए दो खुले सामान्य निर्यात लाइसेंस (OGEL) जारी करने को मंजूरी दी है। इस फैसले से रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने की उम्मीद है।

OGEL की मुख्य विशेषताएं

  • OGEL एक विशिष्ट समय के लिए एक कंपनी को दिया जाने वाला एक बार का निर्यात लाइसेंस है जो शुरू में केवल दो साल का होगा।
  • निर्यातकों द्वारा मांग और विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद OGEL नीति को DPP द्वारा तैयार किया गया था। एक बार तैयार होने के बाद, नीति को रक्षा मंत्री की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया गया था।
  • OGEL के तहत अनुमति वाले देश: फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, मैक्सिको, कनाडा, इटली, जापान, पोलैंड, UK और USA।
  • OGEL के अनुदान के लिए आवेदन पर रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा। एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के लिए वस्तुओं के निर्यात की अनुमति नहीं है।
  • लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास आयात-निर्यात प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। OGELs के तहत किए गए सभी लेन-देन पर वर्ष की तिमाही और समाप्ति रिपोर्ट और निर्यात के बाद के सत्यापन के लिए DPP को प्रस्तुत की जानी चाहिए।
  • OGEL के तहत अनुमत वस्तुओं में शामिल हैं: फ्यूज और गोला-बारूद सेटिंग डिवाइस के घटक बिना ऊर्जावान और विस्फोटक सामग्री, फायरिंग नियंत्रण और संबंधित चेतावनी उपकरणों के साथ-साथ शरीर के सुरक्षात्मक सामान। पूर्ण विमान या पूर्ण मानव रहित हवाई वाहन (UAV) और UAV के लिए विशेष रूप से डिजाइन / संशोधित किसी भी घटक को इस लाइसेंस के तहत बाहर रखा गया है।

शर्त: अनुमत देशों को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को इस शर्त के अधीन किया जाता है कि- निर्यात एक अंतर-कंपनी हस्तांतरण है जो किसी भारतीय सहायक या आवेदक निर्यातक से अपनी विदेशी मूल कंपनी और/या विदेशी मूल कंपनी की सहायक कंपनियों के लिए हो।

भारत का रक्षा निर्यात

  • भारत ने अपने रक्षा निर्यात को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और ये पिछले 2 वर्षों में सात गुना बढ़ गया हैं और 2018-19 में 10,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया हैं।
  • यह मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में लाए गए सुधारों और अनुप्रयोगों की ऑनलाइन मंजूरी के लिए एक पोर्टल की शुरुआत के कारण संभव हो पाया है। इसके अलावा, प्रसंस्करण समय में काफी कमी आई है।

  

ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’

  • ओडिशा की राज्य सरकार ने राज्य के प्रत्येक घर को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए UNICEF (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) के साथ एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य के आवास और शहरी विकास विभाग (HUDD) द्वारा LoU पर 24 घंटे सुरक्षित पेयजल प्रदान करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। प्रोजेक्ट को ‘ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’ नाम दिया गया है।

‘ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’

  • यह परियोजना यूनिसेफ से वित्तीय सहायता के साथ शुरू की जा रही है, जिससे राज्य सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में आशातीत मदद मिलेगी।

कार्यान्वयन

  • राज्य में हर घर को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराना ओडिशा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, इस परियोजना को ओडिशा के पुरी और खुर्दा जिले के 22,000 परिवारों और लगभग 1.2 लाख लोगों के लिए शुरू किया जाएगा। परियोजना को भुवनेश्वर के पांच और पुरी के दो क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा और मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसे अगले चरणों में राज्य के अन्य भागों में विस्तारित किया जाएगा।
  • कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) भी प्रशिक्षित किए जाएंगे।

 

 

आरम्भ: सिविल सेवा का सर्वप्रथम फाउंडेशन पाठ्यक्रम

  • भारत सरकार ने गुजरात के केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सिविल सेवकों के लिए “आरम्भ” नामक पहला आम फाउंडेशन कोर्स शुरू किया है। लगभग 500 नए भर्ती हुए नौकरशाहों को छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालग ने 27 अक्टूबर, 2019 को प्रतिमा के पास परिवीक्षकों को संबोधित किया।
  • यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर, 2019 को लॉन्च किया जाएगा। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य शीर्ष अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

तथ्य

  • इस कार्यक्रम में भारत सरकार ने “Nurture the Future” भी शुरू किया।
  • इस कार्यक्रम के तहत केवडिया में गांवों का दौरा करने के लिए सिविल सेवकों को टीमों में विभाजित किया जाएगा।
  • प्रत्येकपर्यवेक्षक एक युवा को कैरियर और पेशेवर मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

महत्व

  • यह पहल युवाओं के लिए बेहतर और उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करेगी।
  • यह पहल अगले पांच वर्षों में एक लाख युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभाई पटेल की एक विशाल मूर्ति है।
  • यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है।
  • यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
  • सर पटेल भारत के 552 रियासतों को एकजुट करने में अपने नेतृत्व के लिए बहुत सम्मानित हैं।

 

भारत ने ICAO से संपर्क किया

  • पाकिस्तान द्वारा पीएम मोदी को अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की अनुमति से इनकार करने के बाद भारत ने विश्व संगठन ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) से संपर्क किया है। ICAO के दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य देशों द्वारा ओवरफ्लाइट मंजूरी दी जाती है।
  • पीएम मोदी को फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव में शामिल होने के लिए सऊदी अरब जाना है। सितंबर 2019 में, पाकिस्तान ने पीएम मोदी की उड़ान को अपने हवाई स्थान का उपयोग करने की अनुमति देने की भारत की मांग को खारिज कर दिया। इसके अलावा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भी उसी महीने अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग आइसलैंड की यात्रा के लिए करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
  • बालाकोट में जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी शिविर पर भारतीय वायु सेना के हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया।

ICAO

  • ICAO अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र का एक विशिष्ट संगठन है जिसे 1944 में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन (शिकागो कन्वेंशन) पर शासन और प्रशासन के प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया था।
  • संगठन अंतर्राष्ट्रीय हवाई नेविगेशन के सिद्धांतों और तकनीकों को वर्गीकृत करता है।
  • यह सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की योजना और विकास भी करता है।

 

 

विश्व भर में लांच किया जाएगा UPI

  • भारत सरकार ने कैशलेस डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए अपने प्रमुख प्रोत्साहन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। UPI के माध्यम से लेनदेन अक्टूबर के महीने में 1 अरब तक पहुंच गया है।

तथ्य

  • UPI को 3 वर्ष पूर्व लांच किया गया था। इस प्रणाली का निर्माण भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा किया गया था।
  • प्लेटफॉर्म भारत सरकार की सबसे तेजी से बढ़ती पहल में से एक है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला इस तरह का प्लेटफॉर्म है।
  • अब UPI को वैश्विक बाजार में ले जाने का फ़ैसला किया गया है। योजना को NPCI द्वारा निष्पादित किया जाना है। टीम पहले UPI को सिंगापुर और फिर UAE में लॉन्च करेगी।

UPI

  • UPI 2016 में नोटबंदी से पहले लॉन्च किया गया था। यह उपयोगकर्ताओं को बैंक विवरण दर्ज किए बिना किसी भी खाते में अपने खाते से पैसे भेजने में सक्षम बनाता है। UPI में लेनदेन Email Id और QR कोड का उपयोग करके किया जाता है। UPI के लॉन्च के पीछे मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना था।

 

ASI ने आंध्र प्रदेश में 2,000 साल पुराने व्यापार केंद्र का पता लगाया

  • ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने हाल ही में पता लगाया कि वर्तमान आंध्र प्रदेश में लगभग 2,000 साल पहले स्वर्णमुखी नदी के किनारे एक समुद्री केंद्र था।

तथ्य

  • दिसंबर, 2018 में राज्य के गोटीपोलू में खुदाई शुरूकी गई थी।
  • ASI ने विभिन्न आकृतियों में ईंट-निर्मित संरचनाओं का पता लगाया। कृष्ण घाटी के सातवाहन/इक्ष्वाकु काल में ईंटों के आकार सामान्य थे।
  • इसके अलावा, टीम ने भगवान विष्णु की चार सशस्त्र मूर्तियों की खोज की। मूर्तिकला का संबंध पल्लव काल से है, जो हेडगियर और ड्रैपर के विश्लेषण से पता चला है।
  • इसके अलावा, टूटी हुई टेराकोटा पाइपों की एक श्रृंखला पाई गई है। इससे पता चलता है कि इस अवधि में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था थी।
  • अब तक, ASI ने पहले चरण में लगभग 10% साइट की खुदाई की है। दूसरा चरण की खुदाई नवंबर या दिसंबर, 2019 में शुरू होने वाली है।

स्वर्णमुखी नदी

  • स्वर्णमुखी नदी दक्षिण भारत में स्थित है। तिरुपति शहर में इस नदी के पार कल्याणी बांध बनाया गया है। मंदिर तिरुपति और कालाहस्ती नदी के किनारे स्थित हैं।

 

 

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