07/11/2019 करेंट अफेयर्स (Prelims Sure Shot) हिंदी में

प्रथम बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन

  • आंध्र प्रदेश के  विशाखापत्तनम, में पहले ‘बिम्‍सटेक बंदरगाह’ सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
  • यह सम्‍मेलन 7-8 नवम्‍बर को आयोजित किया जा रहा है।
  • बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग ( Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation: BIMSTEC ) एक अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन है, जिसमें दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देश, भारत, बांग्‍लादेश, म्‍यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं। सम्‍मेलन में इन देशों के क्षेत्रीय बंदरगाहों के प्रतिनिधि हिस्‍सा लेंगे।

 बिम्सटेक

  • यह एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन है तथा बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित इसके सदस्य हैं जो क्षेत्रीय एकता का प्रतीक हैं।
  • इसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं तथा दो- म्याँमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं।
  • बिम्सटेक न सिर्फ दक्षिण और दक्षिण पूर्व-एशिया के बीच संपर्क बनाता है है बल्कि हिमालय तथा बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी को भी जोड़ता है।
  • इसके मुख्य उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास हेतु वातावरण तैयार करना, सामाजिक प्रगति में तेज़ी लाना और क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • यह उप-क्षेत्रीय संगठन वर्ष 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया।
  • प्रारंभ में इसका गठन चार सदस्य राष्ट्रों के साथ किया गया था जिनका संक्षिप्त नाम ‘BIST-EC’ (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) था।
  • वर्ष 1997 में म्याँमार के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर ‘BIMST-EC’ कर दिया गया।
  • वर्ष 2004 में नेपाल और भूटान के इसमें शामिल होने के बाद संगठन का नाम बदलकर बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन कर दिया गया।
  • संगठन में सदस्य देशों की जनसंख्या लगभग 1.5 अरब है जो वैश्विक आबादी का लगभग 22% है।
  • वर्ष 2018 के आँकड़ों के अनुसार 3.5 ट्रिलियन GDP की संयुक्त अर्थव्यवस्था के साथ बिम्सटेक देश पिछले पाँच वर्षों से औसतन 6.5% प्रतिशत विकास दर को बनाए हुए हैं।
  • दुनिया के कुल व्यापार का एक-चौथाई हिस्सा प्रतिवर्ष बंगाल की खाड़ी से होकर गुज़रता है।

भारत के लिये बिम्सटेक का महत्त्व

  • यह भारत को तीन प्रमुख नीतियों के साथ आगे बढ़ने का अवसर देता है:
  • नेबरहुड फर्स्ट:देश की सीमा के नज़दीकी क्षेत्रों को प्रधानता।
  • एक्ट ईस्ट:भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ता है।
  • भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का आर्थिक विकास:पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश और म्याँमार के माध्यम से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र से जोड़ना।
  • बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों में चीन केबेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव के विस्तारवादी प्रभावों से भारत को मुकाबला करने का अवसर प्रदान करता है।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन(सार्क-SAARC) महत्त्वहीन हो जाने के कारण भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ जुड़ने हेतु एक नया मंच प्रदान करता है।

महत्त्वपूर्ण संपर्क परियोजनाएँ

  • कलादान मल्टीमॉडल परियोजना:यह परियोजना भारत और म्याँमार को जोड़ती है।
  • एशियाई त्रिपक्षीय राजमार्ग:म्याँमार से होकर भारत और थाईलैंड को जोड़ता है।
  • बांग्लादेशभूटानभारतनेपाल (BBIN) मोटर वाहन समझौता:यात्री और माल परिवहन के निर्बाध प्रवाह हेतु।

 

 

 

विश्व भर के 11000 वैज्ञानिकों ने जलवायु आपातकाल की घोषणा की

  • विश्व भर के 153 देशों के 11000 वैज्ञानिकों ने जलवायु आपातकाल (Climate Emergency) की घोषणा कर दी है.
  • ‘बायोसाइंस’ (Bioscience) नाम की पत्रिका में छपे एक लेख में 11258 मे से 69 भारतीय वैज्ञानिकों के भी हस्ताक्षर हैं.
  • जलवायु आपातकाल की घोषणा पिछले 40 सालों के दौरान कुछ क्षेत्रों के तय मानकों पर एकत्रित डेटा के आधार पर की गई है.
  • यह घोषणा ऊर्जा उपयोग, सतह के तापमान, जनसंख्या वृद्धि, भूमि समाशोधन, वनों की कटाई, ध्रुवीय बर्फ द्रव्यमान, प्रजनन दर के वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारित है.

मुख्य बिन्दु

  • वैज्ञानिकों ने ‘महत्वपूर्ण चिन्ह’ नामक इस सूची तैयार की है, इससे जलवायु परिवर्तन की स्थिति स्पष्ट होती है। इस रिपोर्ट में हवाई यात्रा, मांस उत्पादन, प्रजनन दर इत्यादि को जलवायु परिवर्तन के कारकों की सूची में डाला गया है।
  • इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के 14 प्रभावों का वर्णन किया गया, इसमें अत्याधिक विषम मौसम, समुद्री ऊष्मा की मात्र, महासागरीय अम्लीयता इत्यादि शामिल हैं।
  • इसमें जीवाश्म इंधन के उपयोग को कम करने की अनुशंसा की गयी है।

इस रिपोर्ट के 6 उद्देश्य निम्नलिखित हैं :

  • जीवाश्म इंधन को स्थानापन
  • पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा
  • मीथेन जैसे प्रदूषकों में कमी करना।
  • मांस का कम उपभोग
  • अर्थव्यवस्था को कार्बन-मुक्त बनाना
  • जनसँख्या वृद्धि दर को स्थिर करना

 

 

खादी को मिला नया हार्मोनाइज्‍ड सिस्‍टम कोड, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

  • सरकार द्वारा चार नंवबर 2019 को आवंटित कि गए विशेष एचएस कोड ( Harmonized System ) ब्रैकेट में इसने अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली है।
  • अलग से मिले एचएस कोड से खादी के उत्‍पादों को देश के अन्‍य वस्‍त्र उत्‍पादों की श्रेणी से पृथक किया गया है जिससे अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में इसे अलग पहचान मिलेगी और उसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 
  • अबतक खादी के पास अपना अलग एचएस कोड नहीं था जिसकी वजह से इसके निर्यात से जुड़े आंकड़े अलग से नहीं मिल पाते थे ये वस्‍त्र श्रेणी में निर्यातित उत्‍पादों के साथ ही जोड़ दिए जाते थे।
  • अलग एचएस कोड मिलने से अब खादी वस्‍त्रों के निर्यात के आंकडे अलग से मिल सकेंगे जिससे आगे निर्यात रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।  

सामंजस्‍य प्रणाली (हार्मोनाइज्‍ड सिस्‍टम)

  • एचएस अर्थात सामंजस्‍य प्रणाली (हार्मोनाइज्‍ड सिस्‍टम) विश्‍व सीमाशुल्‍क संगठन ( World Customs Organization ) द्वारा विकसित छह अंको वाली ऐसी कूट प्रणाली है जिसके जरिए सीमा शुल्‍क अधिकारी निर्यात की जाने वाली वस्‍तुओं को अलग अलग श्रेणियों में क्‍लीयरेंस देते हैं।
  • खादी- ग्रामोद्योग उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं  जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में  बहुत मांग है।
  • खादी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2006 में खादी ग्रामोद्योग आयोग को  निर्यात प्रोत्साहन परिषद का दर्जा (ईपीसीएस) दिया

 

हिमाचल प्रदेश में वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘राइजिंग हिमाचल’ का आयोजन

  • हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 7-8 नवम्बर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘राइजिंग हिमाचल’ का आयोजन किया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस सम्मेलन में लगभग एक हजार 700 निवेशक भाग ले रहे हैं जिनमें 200 विदेशी निवेशक और 11 देशों के राजदूत भी शामिल हैं.
  • राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 85000 करोड़ रुपये के पहले के लक्ष्य को पार करते हुए, राज्य सरकार और निवेशकों के बीच 93000 करोड़ रुपये से अधिक MOU पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

 

 

IIT मद्रास ने देश की पहली स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई स्टैंडिंग व्हीलचेयर विकसित किया

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास ने फीनिक्स मेडिकल सिस्टम्स के साथ मिलकर देश की पहली स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई स्टैंडिंग व्हीलचेयर विकसित किया है.
  • इस स्टैंडिंग व्हीलचेयर का नाम ‘Arise’ दिया गया है.
  • इसकी सहायता से अब दिव्यांग या अन्य असहाय लोग बिना किसी मदद के खड़े हो सकेंगे और चल-फिर सकेंगे.

 

 

 

भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब : नैसकॉम रिपोर्ट

  • नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा (चीन और अमेरिका के बाद) स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
  • 2019 में भारत में 1300 से अधिक नए स्टार्टअप्स उत्पन्न हुए हैं।
  • जनवरी से सितम्बर, 2019 के दौरान भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 8900 से 9300 के बीच रही जबकि एक वर्ष पूर्व यह आंकड़ा 7700 से 8200 के बीच था।

मुख्य बिंदु

  • जनवरी-सितम्बर, 2019 के दौरान स्टार्टअप्स में निवेश लगभग 4 बिलियन डॉलर रहा।
  • 2019 में स्टार्टअप्स से 14-16 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन हुआ। 2025 में यह आंकड़ा 39 से 44 लाख तक पहुँच सकता है।
  • 2025 तक भारतीय स्टार्टअप्स की संख्या में 4 से 5 गुणा होने का अनुमान है।
  • 2019 में स्टार्टअप्स से 60,000 प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन हुआ, 2018 में यह आंकड़ा 40,000 था।
  • 2019 में सात नए यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के स्टार्टअप्स) सामने आये।

NASSCOM: National Association of Software & Services Companies

  • NASSCOM भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) उद्योग का वैश्विक गैर-लाभकारी व्यापार संगठन है।
  • यह सॉफ्टवेयर और सेवाओं में व्यापार की सुविधा प्रदान करता है और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी में शौध प्रगतियों को प्रोत्साहित करता है।
  • यह भारतीय सोसाइटीज अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई, पुणे और तिरुवनंतपुरम में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।
  • इस विश्व स्तरीय आईटी व्यापार निकाय में 2000 से अधिक सदस्य शामिल हैं,  इनमे 250 से अधिक कंपनियां चीन, यूरोपीय संघ, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन की हैं।
  • NASSCOM की सदस्य कंपनियां सॉफ्टवेयर विकास, सॉफ्टवेयर सेवाओं, सॉफ्टवेयर उत्पादों, आईटी-क्षमता / बीपीओ सेवाओं और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कार्यरत्त हैं।

 

 

25,000 करोड़ रुपये के फण्ड की घोषणा की गयी

भारत सरकार ने 7 नवम्बर, 2019 को लटकी हुई आवासीय परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये के फण्ड की घोषणा की। वित्त मंत्रालय के अनुसार देश में 1600 से अधिक परियोजनाएं लटकी हुई हैं, जिनमें 4.58 लाख आवासीय इकाईयां शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

  • भारत सरकार द्वारा इस फण्ड के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रदान किये जायेंगे। शेष 15,000 करोड़ रुपये LIC तथा SBI जैसी फर्म्स से जुटाए जायेंगे।
  • इस फण्ड की स्थापना केटेगरी II अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फण्ड के रूप में की गयी है।
  • इस फण्ड को SEBI में एस्क्रो अकाउंट के रूप में पंजीकृत किया जाएगा।
  • इस स्पेशल विंडो के द्वारा जिन परियोजनाओं को को NPA घोषित किया जा चुका है, उन्हें गति मिलने के आसार हैं।
  • इस फण्ड से रोज़गार सृजन भी होगा। हाउसिंग सेक्टर के पुनर्जीवन के कारण सीमेंट, लोहा तथा स्टील उद्योग में मांग में वृद्धि होने के कारण रोज़गार में वृद्धि होगी।

 

 

राजा राम मोहन रॉय अवार्ड

  • प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने राजस्थान पत्रिका समूह के चेयरमैन गुलाब कोठारी को राजा राम मोहन रॉय अवार्ड से सम्मानित करने के निर्णय लिया है, उन्हें 16 नवम्बर को पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। 

उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

  • इन पुरस्कारों की स्थापना देश में पत्रकारिता के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले पत्रकारों तथा फोटो जर्नलिस्ट्स को सम्मानित करने के लिए की गयी थी। यह पुरस्कार आठ श्रेणियों में दिए जाते हैं।
  • इस पुरस्कार के विजेता को नकद पुरस्कार दिया जाता है।
  • उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए राजा राम मोहन रॉय पुरस्कार के विजेता को एक लाख रुपये इनामस्वरुप र्पदान किये जाते हैं।

 

 

 

GRSE ने भारतीय तटरक्षक बल को ICGS एनी बेसेन्ट को सौंपा

  • GRSE ने भारतीय तटरक्षक बल को ICGS एनी बेसेन्ट को सौंपा।
  • यह एक फ़ास्ट पट्रोल वेसल है।
  • यह GRSE  द्वारा निर्मित किया गया 101वां युद्ध पोत है। इसका डिजाईन पूर्ण रूप से GRSE द्वारा ही बनाया गया है।

ICGS एनी बेसेन्ट

  • ICGS एनी बेसेन्ट की लम्बाई 50 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 7.5 मीटर है। इसकी जल विस्थापन क्षमता 308 टन है।
  • यह 34 नॉट की अधिकतम गति से यात्रा कर सकते हैं। इसमें तीन मुख्य इंजन लगाए गये हैं।
  • इसमें इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम तथा एडवांस्ड संचार प्रणाली का उपयोग किया गया है।
  • इसका उपयोग गश्त, बचाव कार्य इत्यादि के लिए किया जायेगा।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजिनियर्स (GRSE)

  • यह सार्वजनिक क्षेत्र का एक रक्षा उपक्रम है, भारत के अग्रणी सरकारी शिपबिल्डर्स में से एक है, यह पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में स्थित है। यह वाणिज्यिक तथा नौसैनिक वेसल का निर्माण व मरम्मत करता है। अब यह निर्यात जहाजों का निर्माण भी कर रहा है।
  • इसकी स्थापना 1884 में हुगली नदी के किनारे एक छोटी निजी कंपनी के रूप में हुई थी।
  • 1916 में इसका नाम बदलकर गार्डन रीच वर्कशॉप रखा गया था। वर्ष 1960 में सरकार द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण किया गया।
  • GRSE एक “मिनीरत्न” है। यह 100 युद्धपोत निर्मित करने वाला पहला भारतीय शिपयार्ड है। यह वर्तमान में P17A प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना के लिए 3 स्टेल्थ फ्रिजेट्स का निर्माण कर रहा है।
  • GRSE द्वारा निर्मित 100 युद्धपोतों में एडवांस्ड फ्रिजेट्स, एंटी-सबमरीन वॉरफेयरक कार्वेट से लेकर फ्लीट टैंकर तक शामिल है।

 

 

 

फ्रीडम ऑन नेट 2019 रिपोर्ट

  • हाल ही में द फ्रीडम हाउस ने ‘फ्रीडम ऑन नेट’ नामक रिपोर्ट जारी की।
  • इस रिपोर्ट में जुलाई 2019 से मई 2019 के बीच विश्व भर में इन्टरनेट पर स्वतंत्रता की स्थिति का वर्णन किया गया।
  • भारत ने इस रिपोर्ट में 55 का ओवरआल स्कोर हासिल किया है, भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में रखा गया है।

मुख्य बिंदु

  • पाकिस्तान ने 26 का स्कोर प्राप्त किया है, पाकिस्तान ‘स्वंतंत्र नहीं’ देशों की श्रेणी में लगातार नौवें वर्ष भी कायम है।
  • चीन को इस सूचकांक में 10 का स्कोर प्राप्त हुआ है, चीन को भी ‘स्वतंत्र नहीं’ देशों की श्रेणी में रखा गया है। इन्टरनेट पर स्वतंत्रता के मामले पर चीनी की स्थिति सबसे खराब है।
  • 65 देशों के मूल्यांकन में 33 देशों की स्थिति में गिरावट आई, जबकि 16 देशों में इन्टरनेट पर स्वतंत्रता की स्थिति में सुधार हुआ है।
  • अमेरिका को 77 का ओवरआल स्कोर प्राप्त हुआ है। अमेरिका को सरकारी सेंसरशिप से मुक्त बताया गया है।
  • मलेशिया तथा अर्मेनिआ जैसे देशों में इन्टरनेट स्वतंत्रता में सुधार हुआ है।
  • आइसलैंड 95 के ओवरआल के स्कोर के साथ पहले स्थान पर है।

 

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