15/10/2019 The Hindu Editorials Notes हिंदी में

प्रश्न – 2019 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करें। (200 शब्द)

संदर्भ –- अर्थशास्त्र को 2019 का नोबेल पुरस्कार मिला ।

गरीबी दूर करने के लिए अर्थशास्त्र को नोबेल पुरस्कार:

  • यह पुरस्कार वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए दिया गया ।
  • भारतीय मूल के अमरीकी इकॉनामिस्ट अभिजीत बनर्जी को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. अभिजीत बनर्जी के साथ इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से ये सम्मान देने की घोषणा की गई है.
  • इन तीनों को दुनिया भर में ग़रीबी दूरे करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए ये सम्मान दिया गया है. माना जा रहा है कि बीते दो दशक के दौरान इस अप्रोच का सबसे अहम योगदान रहा. दुनिया भर में ग़रीबों की आबादी 70 करोड़ के आसपास मानी जाती है.
  • अभिजीत बनर्जी के ही एक अध्ययन पर भारत में विकलांग बच्चों की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, जिसमें क़रीब 50 लाख बच्चों को फ़ायदा पहुंचा है.
  • प्रयोग ने विकास अर्थशास्त्र को बदल दिया है और इसे “अनुसंधान के उत्कर्ष क्षेत्र” में बदल दिया है।
  • तीनों ने यादृच्छिक परीक्षण का उपयोग करके और परिणामों का आकलन करने के लिए वास्तविक जीवन की स्थितियों में सिद्धांत को लागू करने के लिए एक साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाया।
  • यह प्रयास वांछनीय परिणामों को प्राप्त करने के लिए हस्तक्षेपों के प्रभाव को समझने के लिए था। यह दृष्टिकोण दवा उद्योग में नैदानिक परीक्षणों की अवधारणा से लिया गया है।

उनके प्रयोग के कुछ उदाहरण:

  • टीकाकरण मुफ्त होने के बावजूद, टीकाकरण के लिए महिलाएं अपने बच्चों को नहीं ला रही थीं। दोनों MIT अर्थशास्त्रियों ने बच्चों के टीकाकरण के लिए लाने वाली महिलाओं को मुफ्त में दाल का एक बैग देने का फैसला किया। और क्षेत्र में टीकाकरण की दर बढ़ गई।
  • एक और प्रयोग उन्होंने मुंबई और वडोदरा में शिक्षा के क्षेत्र में सीखने के परिणामों को समझने के लिए किया।

क्या यह पाठ्यपुस्तकों या भूख तक पहुंच की कमी थी जिससे सीखने के परिणाम खराब हो गए?

  • क्षेत्र अध्ययन के माध्यम से, श्री बनर्जी और सुश्री डुफ्लो ने स्थापित किया कि समस्या यह है कि शिक्षण छात्रों की आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं है।

यह सरकार को कैसे मदद करता है?

  • भारत सहित दुनिया भर की सरकारें अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विचारों के अस्पष्ट बिना, सामाजिक योजनाओं पर बड़ा पैसा खर्च करती हैं।
  • इन अर्थशास्त्रियों ने जो कार्य-क्षेत्र आधारित का दृष्टिकोण विकसित किया है, उसने विकास अर्थशास्त्र के क्षेत्र में क्रांति ला दी है और इसे नीति निर्माण में और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।
  • यह शोध सरकार को उसकी कई योजनाओं के प्रभाव को समझने में मदद करता है।

नोबेल पुरस्कार

  • ये पुरस्कार डायनामाइट के आविष्कारक वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिये जाते हैं।
  • 1901 को स्टॉकहोम और क्रिस्टीनिया (अब ओस्लो) में पहली बार नोबेल पुरस्कार दिये गए।
  • नोबेल पदक हस्तनिर्मित होते हैं तथा 18 कैरेट सोने से बने होते हैं।
  • अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1968 में हुई थी।
  • नोबेल पुरस्कार में नोबेल पदक, उपाधि और पुरस्कार राशि की पुष्टि करने वाला एक दस्तावेज़ होता है।

पुरस्कार विजेताओं की सूची

भौतिकी के क्षेत्र में:

  1. जेम्स पीबल्स(भौतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान में सैद्धांतिक खोजों के लिये)
  2. मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़(सौर-प्रकार के तारे की परिक्रमा करने वाले एक एक्सोप्लैनेट 51 पेगासी बी की खोज के लिये संयुक्त रूप से)

पुरस्कार के रूप में मिलने वाली नकद राशि का आधा हिस्सा जेम्स पीबल्स को दिया जाएगा तथा शेष आधे हिस्से में से मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़ को बराबर-बराबर की राशि दी जाएगी।

रसायन के क्षेत्र में:

  1. वैज्ञानिक जॉन बी गुडइनफ़, एम स्टेनली व्हिटिंगम और अकीरा योशिनो को संयुक्त रूप से (लिथियम-आयन बैटरी बनाने के लिये)

चिकित्सा के क्षेत्र में:

  1. विलियम जी कायलिन जूनियर, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेंजा को संयुक्त रूप से (कोशिकाओं द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण पर की गई खोज हेतु)

साहित्य के क्षेत्र में:

  1. ओल्गा टोकार्चुक:जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिये।
  • उन्हें वर्ष 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ​ने वर्ष 2018 में यौन उत्पीड़न के एक मामले के कारण पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी। उल्लेखनीय है कि टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया था।
  1. पीटर हैंडका (ऑस्ट्रियाई मूल के लेखक):भाषायी सरलता के साथ मानवीय अनुभवों की विशेषता और परिधि के बाहर एक प्रभावशाली काम करने के लिये।

शांति का नोबेल:

इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सहयोग के लिये किये गए प्रयासों और विशेष रूप से शत्रु देश इरिट्रिया के साथ शांति स्थापित करने के लिये।

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय

भारतीय नागरिकता

  • रवीन्द्रनाथ टैगोर (वर्ष 1913)- साहित्य के क्षेत्र में
  • सी.वी. रमण (वर्ष 1930)- भौतिकी के क्षेत्र में
  • मदर टेरेसा (वर्ष1979)- शांति का नोबेल
  • कैलाश सत्यार्थी (वर्ष 2014)- शांति का नोबेल
  • अमर्त्य सेन (वर्ष 1998)- अर्थशास्त्र

भारतीय मूल

  • हरगोविंद खुराना (वर्ष 1968)- चिकित्सा के क्षेत्र में
  • वी.एस. नायपॉल (वर्ष 2001)- साहित्य के क्षेत्र में
  • वेंकट रामकृष्णन (वर्ष 2009)- रसायन विज्ञान के क्षेत्र में
  • सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर (वर्ष 1983)- भौतिकी के क्षेत्र में

 

 

 

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