भारतीय संविधान: ब्रिटिश प्रणाली से अंतर
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
यह संविधान कई स्रोतों से प्रेरित है, जिनमें शामिल हैं:
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ब्रिटिश संविधान:
भारतीय संविधान ने ब्रिटिश संविधान से कई विशेषताओं को अपनाया है, जैसे कि संसदीय प्रणाली, विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण, और मौलिक अधिकार।
उदाहरण:
- भारतीय संसद, जिसमें लोक सभा और राज्य सभा शामिल हैं, ब्रिटिश संसद की तरह द्विसदनीय है।
- भारतीय न्यायपालिका, जिसमें उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय शामिल हैं, ब्रिटिश न्यायपालिका की तरह स्वतंत्र है।
- भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों की गारंटी है, जैसे कि समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, और शोषण के खिलाफ अधिकार, जो ब्रिटिश बिल ऑफ राइट्स से प्रेरित हैं।
हालांकि, भारतीय संविधान और ब्रिटिश संविधान के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी हैं:
- लिखित और अलिखित:
भारतीय संविधान एक लिखित संविधान है, जबकि ब्रिटिश संविधान एक अलिखित संविधान है। इसका मतलब है कि भारतीय संविधान के सभी प्रावधान एक दस्तावेज में स्पष्ट रूप से लिखे गए हैं, जबकि ब्रिटिश संविधान के प्रावधान विभिन्न स्रोतों से विकसित हुए हैं, जैसे कि परंपराएं, सम्मेलन और कानून।
- कठोर और लचीला:
भारतीय संविधान एक कठोर और लचीला दोनों है। इसका मतलब है कि कुछ प्रावधानों को संशोधित करना मुश्किल है, जबकि अन्य प्रावधानों को आसानी से बदला जा सकता है। ब्रिटिश संविधान, दूसरी ओर, अधिक लचीला है और इसे बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के बदला जा सकता है।
- संघीय और एकात्मक:
भारत एक संघीय गणराज्य है, जबकि ब्रिटिश एकात्मक राजतंत्र है। इसका मतलब है कि भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का बंटवारा होता है, जबकि ब्रिटेन में सभी शक्तियां केंद्र सरकार के पास होती हैं।
- मौलिक अधिकार:
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों की एक व्यापक सूची है, जो नागरिकों को कुछ बुनियादी अधिकारों की गारंटी देती है। ब्रिटिश संविधान में मौलिक अधिकारों की कोई लिखित गारंटी नहीं है।
उदाहरण:
- लिखित बनाम अलिखित:
- भारतीय संविधान एक दस्तावेज में स्पष्ट रूप से लिखा गया है, जिसे आसानी से संदर्भित किया जा सकता है।
- ब्रिटिश संविधान विभिन्न स्रोतों से विकसित हुआ है, जिन्हें समझना और व्याख्या करना अधिक जटिल हो सकता है।
- कठोर बनाम लचीला:
- भारतीय संविधान के कुछ प्रावधानों को संशोधित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है, जो इसे बदलावों के लिए प्रतिरोधी बनाता है।
- ब्रिटिश संविधान को बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के बदला जा सकता है, जिससे यह अधिक लचीला हो जाता है।
- संघीय बनाम एकात्मक:
- भारत में, राज्य सरकारों के पास शिक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस जैसे विषयों पर कानून बनाने और उनका प्रशासन करने की अपनी शक्तियां हैं।
- ब्रिटेन में, केंद्र सरकार के पास सभी शक्तियां होती हैं और स्थानीय सरकारें केवल केंद्र सरकार द्वारा उन्हें सौंपी गई शक्तियों का प्रयोग कर सकती हैं।
कार्यपालिका:
- ब्रिटेन: ब्रिटेन में एक संसदीय राजतंत्र है, जहाँ राजा राष्ट्रप्रमुख होता है, लेकिन वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधान मंत्री के पास होती है। प्रधान मंत्री संसद के निचले सदन का नेता होता है।
- भारत: भारत में एक संसदीय गणराज्य है, जहाँ राष्ट्रपति राष्ट्रप्रमुख होता है, लेकिन कार्यकारी शक्ति प्रधान मंत्री के पास होती है। प्रधानमंत्री लोक सभा (निचले सदन) में बहुमत प्राप्त करने वाले दल या गठबंधन का नेता होता है.
विधायिका:
- ब्रिटेन: ब्रिटेन में एक द्विसदनीय संसद है जिसमें हाउस ऑफ कॉमन्स (निचला सदन) और हाउस ऑफ लॉर्ड्स (ऊपरी सदन) शामिल हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में अधिक शक्तियां होती हैं।
- भारत: भारत में भी एक द्विसदनीय संसद है जिसमें लोक सभा (निचला सदन) और राज्य सभा (ऊपरी सदन) शामिल हैं। लोक सभा में अधिक शक्तियां होती हैं, लेकिन राज्यसभा का भी विधायी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
न्यायपालिका:
- ब्रिटेन: ब्रिटेन में कोई लिखित संविधान नहीं है, इसलिए कानून की व्याख्या न्यायपालिका द्वारा की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय संसद द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की समीक्षा नहीं कर सकता।
- भारत: भारत में एक लिखित संविधान है और सर्वोच्च न्यायालय के पास न्यायिक समीक्षा की शक्ति है। इसका मतलब है कि यह तय कर सकता है कि कानून संविधान के अनुरूप हैं या नहीं।
निष्कर्ष:
हालांकि भारतीय संविधान ने ब्रिटिश संविधान से कुछ प्रेरणा ली है, लेकिन दोनों प्रणालियों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। भारतीय संविधान एक लिखित, कठोर-लचीला संविधान है जो एक संघीय गणराज्य की रूपरेखा तैयार करता है। ब्रिटिश संविधान एक अलिखित, लचीला संविधान है जो एकात्मक राजतंत्र की रूपरेखा तैयार करता है।