संविधान सभा के बारे में रोचक तथ्य

भारतीय संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1946 को अपना काम शुरू किया और 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया। 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिनों में 2,000 से अधिक बैठकों का आयोजन करते हुए, सभा ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया।

यहां कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं जो आपको संविधान सभा के बारे में अधिक जानने में मदद कर सकते हैं:

1. सदस्यों की विविधता:

  • सभा में 325 सदस्य थे, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दल, धर्म, जाति और समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे।
  • इसमें महिलाएं, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य भी शामिल थे।
  • यह विविधता भारत की समृद्ध विविधता को दर्शाती है।

2. अध्यक्ष:

  • सभा के पहले अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे, जिन्होंने 1946 से 1947 तक इस पद पर कार्य किया।
  • 1947 में, डॉ. बी.आर. अंबेडकर को सभा का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने 1949 तक इस पद पर कार्य किया।

3. मसौदा समिति:

  • डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता वाली मसौदा समिति को संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था।
  • इस समिति में 9 सदस्य थे, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे।
  • समिति ने 2 वर्षों में 2,000 से अधिक बैठकों में मसौदे पर चर्चा और विचार-विमर्श किया।

4. बहस और विचार-विमर्श:

  • सभा में संविधान के विभिन्न पहलुओं पर गहन बहस और विचार-विमर्श हुआ।
  • सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी और विभिन्न दृष्टिकोणों पर विचार किया।
  • यह खुली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाती है।

5. ऐतिहासिक दस्तावेज:

  • संविधान सभा की बहस और कार्यवाही का रिकॉर्ड संविधान के निर्माण को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज है।
  • यह रिकॉर्ड हमें उस समय के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य के बारे में जानकारी देता है।

6. महिला सदस्यों की भूमिका:

  • सभा में 15 महिला सदस्य थीं, जिन्होंने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और समानता से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।

7. अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व:

  • सभा में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने संविधान में अपने समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए काम किया।

8. संविधान का अनुवाद:

  • संविधान को मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था।
  • बाद में इसे 22 भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया गया।

9. संविधान दिवस:

  • 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के संविधान को अपनाने की वर्षगांठ है।

11.प्रतीक: हाथी को आधिकारिक मुहर के रूप में अपनाया गया।

12.प्रमुख कार्मिक:

  • सर बी.एन. राव: संवैधानिक सलाहकार (कानूनी सलाहकार)
  • एच.वी.आर. आयंगर: सचिव
  • एस.एन. मुखर्जी: मुख्य मसौदाकार

13.सौंदर्यशास्त्र:

  • प्रेम बिहारी नारायण रायजादा: सुलेखक (अंग्रेजी संस्करण)
  • शांति निकेतन के कलाकार (नंद लाल बोस और ब्योहर राममानोहर सिन्हा सहित): सजावट और अलंकृत (अंग्रेजी संस्करण)
  • वासंत कृष्ण वैद्य: सुलेखक (हिंदी संस्करण)
  • नंद लाल बोस: अलंकृत और प्रदीप्त (हिंदी संस्करण)

14. महत्व:

  • भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है।
  • यह भारत के नागरिकों को मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान करता है।
  • यह भारत को एक लोकतांत्रिक, संघीय और गणतंत्र राष्ट्र घोषित करता है।

 

निष्कर्ष:

संविधान सभा ने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने एक ऐसा संविधान तैयार किया जो भारत की विविधता को दर्शाता है और नागरिकों को मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता प्रदान करता है।

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