GS-1 or GS-3 or Essay

  • एनजीटी ने कहा कि सभी राज्यों को वाहनों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए मास्टर प्लान की समीक्षा करनी होगी।
  • देश में जनसंख्या नियंत्रण की बहस के बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वाहनों की संख्या नियंत्रित करने को लेकर भी आदेश दिया है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक्सपर्ट टीम दो महीने के भीतर देश के चिन्हित 102 प्रदूषित शहरों को ध्यान में रखते हुए शहरों की धारण क्षमता और प्रदूषण स्रोतों के बंटवारे को लेकर न सिर्फ अध्ययन करे बल्कि एक मॉडल भी विकसित करे। पीठ ने कहा कि सीपीसीबी के इसी मॉडल को आधार बनाकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तीन महीने बाद इस दिशा में कदम उठाए। साथ ही सभी राज्य और संघ अपने मास्टर प्लान की इस मॉडल के आधार पर समीक्षा करें। पीठ ने कहा कि राज्यों को इस बारे में ट्रिब्यूनल और सीपीसीबी को रिपोर्ट दाखिल कर अवगत भी कराना होगा।
  • वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने, सड़कों की मशीनी सफाई, पार्किंग सुविधा में बढ़ोत्तरी, ईंधन गुणवत्ता, ट्रैफिक प्रबंधन, गाइडलाइन के आधार पर निर्माण गतिविधियों पर सख्ती के साथ नियंत्रण खासतौर से ईंट-भट्ठों, थर्मल पावर प्लांट, कोयला आधारित वायु प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक ईकाइयां, हॉट मिक्स प्लांट की गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण जरूरी है।
  • एनजीटी ने कहा कि सभी प्रदेशों को तय आबादी के हिसाब से छह महीने के भीतर रीयल टाइम वायु गुणवत्ता की निगरानी वाले स्टेशनों की पर्याप्त संख्या बढ़ानी चाहिए। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख से 5 लाख तक की आबादी में चार स्टेशन, वहीं, 5 लाख से ज्यादा और 10 लाख तक की आबादी में 6 स्टेशन, 10 लाख से ज्यादा और 50 लाख तक की आबादी के लिए 8 स्टेशन व 50 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए 16 निगरानी स्टेशन लगाए जाने चाहिए।
  • “समीर मोबाइल एप” की तर्ज पर मोबाइल एप जैसी सुविधा विकसित करें। वायु गुणवत्ता स्थिति की रीयल टाइम जानकारी देने के लिए सीपीसीबी ने समीर एप विकसित किया है। 
  • एनजीटी ने आदेश में कहा कि खासतौर से ठंड के समय फसल अवशेषों, सूखी पत्तियों और लकड़ियों व मलबों के जलने पर सख्ती के साथ विराम लगना चाहिए। साथ ही उल्लंघन करने वालों पर उचित दंड लगाया जाना चाहिए।
  • नजीटी ने कहा कि सभी राज्य दो महीनों के भीतर अपने कंसेंट फंड और एक्शन प्लान ट्रिब्यूनल व सीपीसीबी के पास जमा करें। सीपीसीबी सभी एक्शन प्लान पर समीक्षा को जांच-परख कर मंजूर करे। इसके बाद एक वर्ष के भीतर सभी राज्य अपनी योजना को अपने क्षेत्रों में लागू करें। वहीं पीठ ने कहा कि राज्य परिवहन निगम के जरिए जो भी पर्यावरणीय जुर्माना वसूला जाएगा वह 50:25:25 के अनुपात में तीन हिस्सों में बंटेगा।
  • केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम (एनसीएपी) के जरिए अगले दस वर्षों में 70 से 80 फीसदी वायु प्रदूषण करने का लक्ष्य रखा है। इस कार्यक्रम के तहत चिन्हित शहरों में अगले तीन वर्षों में 35 फीसदी, 5 वर्षों में 50 फीसदी वायु प्रदूषण में कटौती करना है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *