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भारत- मालदीव संबंध: जुड़वा स्तंभ तनाव में
GS-3 मुख्य परीक्षा : अर्थव्यवस्था
संक्षिप्त नोट्स
संदर्भ: हालिया मालदीवी कार्रवाईयों के कारण तनावपूर्ण संबंध।
भारत के लिए मालदीव का महत्व:
- रणनीतिक स्थान: महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों के पास स्थित है और चीन के लिए संतुलन का काम करता है।
- आर्थिक भागीदारी: मालदीव के लिए सबसे बड़ा निवेशक और पर्यटक स्रोत।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: मालदीव के 70% रक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित करता है।
मालदीव के लिए भारत का महत्व:
- आवश्यक आपूर्तियां: चावल, दवा और अन्य ज़रूरी चीज़ें प्रदान करता है।
- शिक्षा: कई मालदीवी छात्र भारत में पढ़ते हैं।
- आर्थिक निर्भरता: भारत मालदीव का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- आपदा राहत: प्राकृतिक आपदाओं और महामारी के दौरान महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।
जुड़वा स्तंभ:
- पारस्परिक हित: व्यापार, सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता।
- पारस्परिक संवेदनशीलता: एक दूसरे की चिंताओं का सम्मान करना।
भारत-मालदीव संबंधों में चुनौतियां
- मालदीव में आंतरिक उथल-पुथल: राजनीतिक अस्थिरता दीर्घकालिक सहयोग में बाधा है।
- चीनी प्रभाव:
- बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से बढ़ती आर्थिक उपस्थिति।
- ऋण जाल कूटनीति भारत के रणनीतिक हितों के लिए चिंता का विषय है।
- मालदीवी समर्थन के साथ संभावित चीनी सैन्य उपस्थिति।
- व्यापार असंतुलन: भारत मालदीव को भारी मात्रा में निर्यात करता है, जिससे संभावित आक्रोश पैदा होता है।
आगे का रास्ता:
- भारत को मौजूदा मुद्दों को स्वीकार करने और उनका समाधान करने की आवश्यकता है।
- दोनों देशों के क्षेत्रीय हित साझा हैं और वे एक मजबूत, पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी बना सकते हैं।