13/11/2019 करेंट अफेयर्स (Prelims Sure Shot) हिंदी में
डल झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने के लिए समिति का गठन
- जम्मू और कश्मीर सरकार ने श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) घोषित करने के लिए एक दस-सदस्यीय समिति का गठन किया है.
- डल झील के सिकुड़ते आकार को लेकर चिंताओं के कारण यह निर्णय लिया गया है. ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (DCI) के 2017 के आकलन के अनुसार, प्रदूषण और अतिक्रमणों के कारण डल झील 22 वर्ग किलोमीटर के अपने मूल क्षेत्र से सिकुड़ कर लगभग 10 वर्ग किलोमीटर हो गई है.
सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
- सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ये चार मेडिकल डिवाइस पार्क आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में बनाए जाएंगे.
- डिवाइस पार्क बनाने से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा. इन पार्कों में इलाज में काम आने वाले उपकरण बनाने के लिए कंपनियों को सभी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे इन महंगे उपकरणों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी आएगी. साथ ही उत्पादन लागत घटने से ये उपकरण कम दाम पर उपलब्ध होंगे.
- अभी देश में ज्यादातर मेडिकल डिवाइसेज का आयात किया जाता है. मेडिकल डिवाइसेज की ग्लोबल इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी है. ग्लोबल इंडस्ट्री का आकार करीब 250 अरब डॉलर है.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2019
- भारत के प्रधानमंत्री ब्राज़ील में 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राज़ील पहुँच गये हैं।
- ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2019 की थीम ‘नवोन्मेषी भविष्य के लिए आर्थिक विकास’ है।
- इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों में आपसी सहयोग तथा आर्थिक विकास के मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। शिखर सम्मेलन के अंत में संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जायेगा।
ब्रिक्स
- ब्रिक्स (BRICS – Brazil, Russia, India, China & South Africa) तेज़ी से उभरती हुई विश्व की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, आरम्भ में इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन शामिल थे।
- 2010 में इस समूह में दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया गया।
- 2018 में ब्रिक्स देशों का सकल घरेलु उत्पाद (GDP)18.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो कि विश्व जीडीपी का 23.2% है।
भारत के मुख्य न्यायधीश का कार्यालय RTI के दायरे में आता है : सर्वोच्च न्यायालय
- सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवम्बर, 2019 को स्पष्ट किया कि भारत के मुख्य न्यायधीश का कार्यालय भी सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में आता है।
- इस पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई द्वारा की गयी
- संसद ने 15 जून, 2005 को इस बिल को पारित किया था, यह अधिनियम 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ था।
- इस अधिनियम के तहत सरकारी विभागों को नागरिकों द्वारा मांगी गयी सूचना का जवाब निश्चित समय के भीतर देना पड़ता है।
- इसका पालन न करने पर सरकारी अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- RTI अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता का बढ़ावा देना व सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
- इस अधिनियम के तहत RTI आवेदन पत्र को जवाब सरकारी विभाग को 30 दिन के भीतर देना होता है।
नोट
- RTI के तहत आतंरिक सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी, बौद्धिक संपदा इत्यादि जानकारी नहीं दी जा सकती। निर्णय लागू किये जाने तक कैबिनेट पेपर्स को भी RTI के दायरे से बाहर रखा गया है। कैबिनेट द्वारा किये गए विचार-विमर्श इत्यादि को भी RTI के दायरे से बाहर रखा गया है।
अमेज़न ने भारत में लांच किया ‘प्रोजेक्ट जीरो’
- ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न ने भारत में अपने प्लेटफार्म पर नकली सामान पर रोक लगाने के लिए ‘प्रोजेक्ट जीरो’ लांच किया है। इसका उद्देश्य ग्राहकों को प्रमाणिक सामान उपलब्ध करवाना है।
प्रोजेक्ट जीरो क्या है?
- इस पहल के तहत नकली सामान की पहचान के लिए नए मैकेनिज्म व टूल इस्तेमाल किये जायेंगे। अमेरिका, जापान तथा यूरोप में 7000 से अधिक ब्रांड ‘प्रोजेक्ट जीरो’ में जुड़ चुके हैं। भारत में भी कई ब्रांड्स अमेज़न की इस पहल के साथ पायलट बेसिस पर जुड़ चुके हैं।
- इस प्रोजेक्ट में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी तथा नवोन्मेष का उपयोग किया जाता है। इसमें तीन प्रमुख टूल्स का उपयोग किया जाता है : ऑटोमेटेड प्रोटेक्शन, सेल्फ-सर्विस काउंटरफीट रिमूवल टूल, प्रोडक्ट सीरियलाईजेशन।
नासा ने अल्टिमा थ्यूल का नाम बदलकर ‘अरोकोथ’ रखा
- नासा ने अल्टिमा थ्यूल नामक ट्रांस-नेच्युनियन ऑब्जेक्ट का नाम बदलकर ‘अरोकोथ’ रखा है।
- यह ऑब्जेक्ट कुइपर बेल्ट में स्थित है। हाल ही में नासा ने इस ऑब्जेक्ट पर जल के साक्ष्य होने का दावा किया था।
- नासा के न्यू होराइजन मिशन ने इस ऑब्जेक्ट का अध्ययन किया था।
अल्टिमा थ्यूल
- अल्टिमा थ्यूल में लाल रंग के दो बड़े हिस्से एक पतले से भाग से जुड़े हुए हैं।
अल्टिमा थ्यूल पृथ्वी से 4 अरब मील (6.4 अरब किलोमीटर) दूर है।
• अल्टिमा थ्यूल एक प्रोपेलर की भाँती घूम रहा है।
न्यू होराइजन मिशन
- न्यू होराइजन मिशन एक अंतर्ग्रहीय मिशन है, यह नासा के न्यू फ्रंटियर्स कार्यक्रम का हिस्सा है। इस कार्यक्रम को वर्ष 2006 में लांच किया गया था।
इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य 2015 में प्लूटो सिस्टम के अध्ययन के लिए इसके निकट उड़ान (फ्लाईबाय) भरना था।
• इस कार्यक्रम का द्वितीय मिशन कुइपर बेल्ट के एक या एक से अधिक बोजेक्ट के निकट उड़ान भरना था।
• न्यू होराइजन मिशन का उद्देश्य हमारे सौर मंडल के दूरस्थ किनारे के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। कुइपर बेल्ट काफी हद तक रहस्यमय क्षेत्र है, इसके बारे में अधिक जानकारी मौजूद नहीं है।
आज से शुरू हो रहा है टाइगर ट्राइंफ त्रि-सेवा अभ्यास
- अमेरिका और भारत के बीच त्रि-सेवा अभ्यास ‘टाइगर ट्राइंफ’ का आयोजन आंध्र प्रदेश में किया जा रहा है।
- इस अभ्यास की शुरुआत आज 13 नवम्बर, 2019 को हो रही है।
- इस अभ्यास का आयोजन आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तथा काकीनाडा में किया जायेगा।
- इस अभ्यास का समापन 21 नवम्बर, 2019 को होगा।
- यह ऐसा दूसरा अवसर होगा जब भारत थल सेना, नौसेना तथा वायुसेना सहित किसी दूसरे देश के साथ त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास करेगा, इससे पहले भारत ने 2017 में रूस के व्लादिवोस्टोक में त्रि-सेवा युद्ध अभ्यास ‘इंद्र’ में हिस्सा लिया था।
टाइगर ट्राइंफ त्रि-सेवा अभ्यास
- यह भारत और अमेरिका के बीच प्रथम त्रि-सेवा अभ्यास होगा।
- इसका मुख्य फोकस मानवीय सहायता तथा आपदा राहत ऑपरेशन होगा।
- इसका आयोजन बंगाल की खाड़ी के साथ पूर्वी तट पर किया जायेगा।
- इसका आयोजन इंटीग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ के तहत किया जायेगा।
भारत 2020 में करेगा SCO की CHG में बैठक का आयोजन
- कौंसिल ऑफ़ हेड्स ऑफ़ गवर्नमेंट की अगली बैठक का आयोजन 2020 में भारत में किया जायेगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
- यह एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है जिसका मुख्यालय बीजिंग में है। रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वर्ष 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी।
- यह 40% से अधिक मानवता एवं वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता हैं।
- अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया वर्तमान में इसके पर्यवेक्षक है।
- वर्ष 2005 में भारत और पाकिस्तान को इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था.
- दोनों देशों को वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य बनाया गया।