सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना के अधिकार के अंतर्गत माना

  • सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश (CJI) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत माना है. कोर्ट ने 13 नवम्बर को दिए अपने निर्णय में इस मामले में 2010 में दिए गये दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
  • अदालत के फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा. हालांकि, इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी. अदालत ने कहा कि सूचना देने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होती.

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

  • भारतीय संसद ने 15 जून, 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) पारित किया था और 12 अक्टूबर 2005 को लागू कर दिया गया था.
  • RTI का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार. इसके तहत सरकारी विभागों को नागरिकों द्वारा मांगी गयी सूचना का जवाब निश्चित समय के भीतर देना पड़ता है.
  • RTI अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता का बढ़ावा देना व सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है.

 

भारत शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की मेजबानी करेगा

  • भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की 2020 में मेजबानी करेगा. SCO के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 12 नवम्बर को इसकी घोषणा की.
  • SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 18वीं परिषद का आयोजन हाल ही में ताशकंद में किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. बैठक में SCO सदस्य देशों ने 2020 में भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार किया.
  • भारत SCO में 2017 में शामिल हुआ था. यह पहला मौका होगा जब भारत इसकी मेजबानी करेगा. इसके अन्य सदस्य देशों में पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं

क्या है शंघाई सहयोग संगठन (SCO)?

  • रूस, चीन, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान और किर्गिस्तान 1996 में आपसी तालमेल और सहयोग को लेकर सहमत हुए थे. उस समय इसे शंघाई-5 के नाम से जाना जाता था. बाद में रूस और चीन के अलावा मध्‍य एशिया के चार देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के नेताओं ने जून 2001 में इस संगठन की शुरुआत की थी. इस संगठन का उद्देश्‍य नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार-निवेश बढ़ाना था. एक तरह से एससीओ (SCO) अमेरिकी प्रभुत्‍व वाले नाटो का रूस और चीन की ओर से जवाब था.
  • इसके अलावा आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी तथा साइबर सुरक्षा के खतरों आदि पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करके आतंकवाद विरोधी और सैन्य अभ्यास में संयुक्त भूमिका निभाना भी इसके उद्देश्‍यों में शामिल था. इस समय यह संगठन विश्व की 40 प्रतिशत आबादी और जीडीपी के करीब 20 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाला बन गया है.

क्यों अहम है SCO?

  • इसे NATO को काउंटर करने वाले संगठन के तौर पर देखा जाता है
  • सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाता है
  • आतंकवाद से निपटने खासकर IS आतंकियों से निपटने में मदद करता है
  • क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाना

भारत के लिए SCO का महत्व

  • SCO का उद्देश्‍य आतंकवाद का खात्‍मा भी है. इसलिए भारत को आतंकवाद से निपटने और क्षेत्र में सुरक्षा एवं रक्षा से जुड़े विषयों पर अपनी बात रखने में आसानी होगी. शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने या आतंकवादियों के प्रशिक्षण से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने में सफल हो सकते हैं.

 

13 नवम्बर: विश्व दयालुता दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 13 नवम्बर को ‘विश्व दयालुता दिवस’ (World Kindness Day) मनाया जाता है. इस दिन लोग समाज में दया एवं करुणा से प्रेरित कार्यों के प्रसार और उनके प्रति प्रतिबद्धता की शपथ लेते हैं.
  • इस वर्ष यानी 2019 में विश्व दयालुता दिवस का विषय (थीम) empathy, encouraging people across the globe to better understand “the pains of others” and touch their lives “positively” हैं.
  • विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत 1998 में वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी. वर्तमान में, वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है

 

GCF ने भारत के तटीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए 43 मिलियन डॉलर की राशि को मंज़ूरी दी

  • ग्रीन क्लाइमेट फण्ड (GCF) ने भारत के तटीय क्षेत्रों में निवास करने वाले समुदायों द्वारा जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए 43.4 मिलियन डॉलर की राशि को मंज़ूरी दे दी है।  इस राशि का उपयोग विभिन्न देशों में भू-तापीय उर्जा तथा तटीय समुदायों के संरक्षण इत्यादि के लिए किया जायेगा।

मुख्य बिंदु

  • GCF द्वारा फण्ड किया जाने वाला यह प्रोजेक्ट बहु-आयामी है, इस प्रोजेक्ट के तहत आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र तथा ओडिशा के संवेदनशील इलाकों पर फोकस किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत इन राज्यों को जलवायु परिवर्तन के मुताबिक समुदायों को ढालने तथा उत्सर्जन में कमी करने के लिए कार्य किया जायेगा।
  • इसके अलावा स्थानीय समुदाय की आजीविका के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। यह प्रोजेक्ट को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के द्वारा भी सहायता दी जाएगी।
  • इस प्रोजेक्ट के तहत 15,000 हेक्टेयर क्षेत्र में मंग्रोव, कोरल रीफ, सीग्रास तथा नमक युक्त दलदल के संरक्षण के लिए कार्य किया जायेगा।
  • इसके लिए स्थानीय युवाओं को वैज्ञानिकों के साथ कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा।
  • इसके अलावा इस कार्य में समन्वय के लिए सरकारी अफसरों, शैक्षणिक संस्थानों, सामुदायिक नेताओं तथा वैज्ञानिकों के लिए मोबाइल एप्प का निर्माण किया जायेगा।
  • इस प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण तथा जन शिक्षा कार्यक्रम के द्वारा को जलवायु परिवर्तन तथा इसके खतरों से भी अवगत करवाया जायेगा।

प्रोजेक्ट का महत्व

  • इस प्रोजेक्ट के द्वारा स्थानीय समुदाय को जलवायु के अनुकूल अजीविका के साधन प्राप्त होंगे तथा इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी।
  • इकोसिस्टम (उपरोक्त वर्णित कार्य) के द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 3.5 मिलियन टन की कमी आएगी।
  • इससे पारिस्थितिकी तंत्र को भी दीर्घकाल में लाभ होगा। यह पेरिस समझौते तथा 2030 सतत विकास अजेंडे के लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी सहायक सिद्ध होगा।

पृष्ठभूमि

  • भारत के तटवर्ती क्षेत्र जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से काफी संवेदनशील हैं।
  • भारत की तटरेखा जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।
  • बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में इसका काफी असर पड़ेगा, इन क्षेत्रों में विपरीत मौसमी परिस्थितियां जैसे चक्रवात इत्यादि की प्रवृत्ति काफी बढ़ जाएगी।
  • भारत में लगभग 6,740 वर्ग किलोमीटर का मंग्रोव क्षेत्र है।
  • कुछ क्षेत्रों में मंग्रोव में मानवीय गतिविधियों के कारण 50% की कमी आ गयी है, जलस्तर के बढ़ जाने के कारण इसमें और कमी होने की सम्भावना है।

 

असम सरकार ने लांच की शिशु सुरक्षा एप्प

  • 14 नवम्बर को बाल दिवस के अवसर पर असम के बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने ‘शिशु सुरक्षा’ नामक एप्प लांच की, यह बाल अधिकारों के हनन के लिए ई-कंप्लेंट बॉक्स है।
  • इस ई-कंप्लेंट बॉक्स को डिजिटल इंडिया के मिशन को मध्य नजर रखते हुए बनाया गया है।

शिशु सुरक्षा एप्प

  • इस एप्प का उद्देश्य लोगों को भावी पीढ़ियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाना है।
  • इस एप्प के माध्यम से असम बाल अधिकार हनन की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • इस एप्प को एंड्राइड तथा iOS डिवाइस पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इस एप्प के द्वारा दर्ज शिकायत असम के बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के पास जायेगी।
  • ज़्यादातर लोग बाल अधिकार हनन के मामलों को रिपोर्ट करने के बारे में अधिक नहीं जानते, अतः उन लोगों के लिए यह एप्प एक सरल मध्यम है।

 

ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज

  • भारत के रवि प्रकाश ने ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज अपने नाम कर लिया गया।
  • इस पुरस्कार के विजेता को 25,000 डॉलर इनामस्वरुप प्रदान किये जाते हैं।
  • उन्हें यह पुरस्कार छोटे तथा सस्ते ‘मिल्क चिल्लिंग यूनिट’ के अविष्कार के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
  • यह छोटे व सीमन दुग्ध किसानों के लिए बेहद उपयोग है।
  • रवि प्रकाश ICAR-National Dairy Research Institute (NDRI) बंगलुरु में पीएचडी स्कॉलर हैं।
  • वे चौथे ब्रिक्स-युवा वैज्ञानिक फोरम 2019 में शामिल 21 प्रतिनिधियों में शामिल थे।

ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज

  • जुलाई, 2014 में 6वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन ब्राज़ील के फोर्तालेज़ा में कियाग या, इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं तथा नवोन्मेष पर बल दिया था।
  • भारत के ‘ब्रिक्स युवा वैज्ञानिक फोरम’ के निर्माण के प्रस्ताव को सभी देशों का सर्मथन प्राप्त हुआ।
  • ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज किसी युवा अनुसंधानकर्ता तथा उद्यमी को प्रदान किया जाता है जिसके नवोन्मेष से ब्रिक्स देशों के लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़े।

 

 

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