15/8/2019 से 31/8/2019 करेंट अफेयर्स (Prelims Sure Shot) हिंदी में
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 430.57 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा-
9 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.215 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 426.42 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत 8वें स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।
विदेशी मुद्रा भंडार:
इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है भुगतान संतुलन में विदेशी मुद्रा भंडारों को आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं। ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं। इसमें केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें विशेष आहरण अधिकारों , सोने के भंडारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है। इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।
9 अगस्त, 2019 को विदेशी मुद्रा भंडार
- विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए): $398.739 बिलियन
- गोल्ड रिजर्व: $ 26.754 बिलियन
- आईएमएफ के साथ एसडीआर: $ 1.441 बिलियन
- आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थिति: $ 3.636 बिलियन
माउंट किलिमंजारो:
- माउंट किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत है, इसकी उंचाई 19,341 फीट (5,895 मीटर) है। यह पर्वत तंज़ानिया में स्थित है। सर्वप्रथम 1889 में हंस मेयेर और लुडविग पुर्तशेलर इस पर्वत के शिखर पर पहुंचे थे।
भारत ने थार एक्सप्रेस के संचालन पर रोक लगाई-
- भारत ने साप्ताहिक जोधपुर-मुनाबाओ थार लिंक एक्सप्रेस के संचालन को रद्द कर दिया है। यह निर्णय कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के समय में लिया गया है। पाकिस्तान ने पहले समझौता एक्सप्रेस पर रोक लगाई थी, जिसके बाद भारत ने भी समझौता एक्सप्रेस के संचालन पर रोक लगा दी थी।
थार एक्सप्रेस:
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय साप्ताहिक ट्रेन है, इसका संचालन भारतीय रेल द्वारा अपने कोच तथा लोकोमोटिव द्वारा किया जाता है। यात्रियों को मुनाबाओ (राजस्थान) से कराची (पाकिस्तान) तक ले जाया जाता है। इस रेलगाड़ी में केवल यात्री ही ले जाए जाते हैं, इसमें मालढुलाई नहीं की जाती।
- 2006 में दोनों देशों को रेल सेवा द्वारा मुनाबाओ (राजस्थान) से खोखरापार (सिंध, पाकिस्तान) को जोड़ने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। इससे पहले 1965 के युद्ध में मुनाबाओ-खोखरापार रेल लिंक नष्ट हो गया था। 2018 में इस समझौते को मियाद को तीन वर्ष बढ़ाकर 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया गया था। एक अनुमान के अनुसार पिछले 13 वर्षों में दोनों देशों के 4 लाख से अधिक यात्रियों ने इस ट्रेन में सफ़र किया है।
समझौता एक्सप्रेस:
- इस रेल सेवा की शुरुआत 22 जुलाई, 1976 को शिमला समझौते के तहत हुई थी। समझौता एक्सप्रेस में 6 स्लीप कोच होते हैं और एक एसी कोच होता है। भारत में यह ट्रेन दिल्ली से अटारी तक जाती है, जबकि पाकिस्तान में यह ट्रेन लाहौर से वाघा तक जाती है। इस ट्रेन 52 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह ट्रेन लाहौर जंक्शन, वाघा रेलवे स्टेशन, अटारी, खासा रेलवे स्टेशन, छेहरटा रेलवे स्टेशन तथा अमृतसर से होते हुए दिल्ली तक जाती है।
सर्वोच्च न्यायालय ने चार धाम परियोजना को हरी झंडी दी-
- सर्वोच्च न्यायालय ने चार धाम परियोजना को हरी झंडी दे दी है। चार धाम उच्चमार्ग परियोजना के द्वार उत्तराखंड में 900 किलोमीटर के सड़क मार्ग के द्वारा चार धार्मिक स्थानों को जोड़ा जायेगा। पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को 22 अगस्त, 2019 तक एक समिति का गठन करने के लिए कहा है।
मुख्य बिंदु:
- जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन तथा जस्टिस सूर्य कान्त वाली बेंच ने राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के एक आदेश में भी परिवर्तन किया है। सर्वोच्च ने हाई-पॉवरड समिति में भारतीय वन्यजीवन संस्थान, फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया है। सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक इस समिति की बैठक प्रत्येक तीन महीने बाद होगी। यह समिति वृक्षारोपण इत्यादि के लिए भी सुझाव देगी ।
चार धाम उच्चमार्ग परियोजना:
- यह उत्तराखंड में प्रस्तावित दो लेन वाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग है, यह लेन की चौड़ाई 10 मीटर होगी। इस परियोजना के द्वारा चार धार्मिक स्थानों – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री को जोड़ा जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन योजना की घोषणा की-
- देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के सभी घरों को पाइप के द्वारा जल उपलब्ध करवाने के लिए “जल जीवन मिशन” की घोषणा की है। यह घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से की।
जल जीवन मिशन:
- देश के आधे घरों में पाइप के द्वारा जल उपलब्ध नही है, इसलिए अगले पांच वर्षों में देश के सभी घरों तक पाइप के द्वारा जल पहुंचाने के लिए काफी प्रयास की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र और राज्य मिलकर कराय करेंगे। गौरतलब है कि इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
- इस योजना में भूमिगत जल रिचार्ज, जल वर्ष संरक्षण, घरेलु उपयोग में इस्तेमाल किये गये जल का कृषि ने पुनः उपयोग करना भी शामिल है। यह मिशन स्वच्छता मिशन की भाँती एक जन आन्दोलन है, जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को प्रयास करने की आवश्यकता है।
- सरकार ने 2024 तक देश के सभी घरों तक पाइप के द्वारा जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए नए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने कश्मीर मुद्दे पर बैठक बुलाई-
- 16 अगस्त, 2019 को कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की क्लोजड-डोर बैठक बुलाई गयी है, इस बैठक में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
- इस बैठक का आयोजन चीन के अनुरोध पर किया जा रहा है।
- भारत द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान विभिन्न मंचों पर समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है।
- भारत पहले ही 370 को हटाये जाने को अपना आन्तरिक मामला बता चुका है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता पोलैंड के पास है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC):
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे शक्तिशाली और संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। इसमें वीटो की शक्ति वाले पांच स्थायी देशों सहित 15 सदस्य होते हैं। पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका हैं। 10 गैर-स्थायी सदस्य प्रत्येक दो साल के लिए चुने जाते हैं। इसकी शक्तियों में शांति नियंत्रण संचालन की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की स्थापना, और यूएनएससी संकल्पों के माध्यम से सैन्य कार्रवाई के प्राधिकरण शामिल हैं। यह एक संयुक्त राष्ट्र निकाय है जिसके पास सदस्य राज्यों के बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने का अधिकार है।
- यूएनएससी शांति के खिलाफ खतरे को निर्धारित करने और आक्रामकता का जवाब देने के लिए उत्तरदायी है। यह राज्यों के बीच संघर्ष या विवाद को सुलझाने के शांतिपूर्ण साधन खोजने के प्रयास भी करता है। यह संयुक्त राष्ट्र महासचिव की संयुक्त राष्ट्र महासभा नियुक्ति और संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों के प्रवेश की भी सिफारिश करता है।
बैंक अब असफल ट्रांजेक्शन तथा बैलेंस इन्क्वारी पर शुल्क नहीं वसूलेंगे : आरबीआई-
- बैंक हर महीने एटीएम पर अपने ग्राहकों को कुछ एक निशुल्क ट्रांजेक्शन की सुविधा प्रदान करते हैं, इसके बाद एटीएम ट्रांजेक्शन पर बैंक शुल्क वसूल करते हैं। आरबीआई ने तकनीकी कारणों से असफल होने वाली ट्रांजेक्शन को मुफ्त ट्रांजेक्शन में न गिनने के लिए कहा है।
आरबीआई द्वारा जारी किया गया सर्कुलर:
- इस सन्दर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है। दरअसल इससे पहले तकनीकी कारण से असफल एटीएम ट्रांजेक्शन तथा एटीएम में पैसे न होने के कारण असफल ट्रांजेक्शन को भी मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन में गिना जाता था। अब एटीएम ट्रांजेक्शन असफल होने पर उस ट्रांजेक्शन को मुफ्त ट्रांजेक्शन के लिए नहीं गिना जायेगा। इसके अलावा बैलेंस इन्क्वारी, चेक बुक रिक्वेस्ट, कर भुगतान, फण्ड ट्रान्सफर इत्यादि को मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन सुविधा में नहीं गिना जायेगा।
चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ के पद का सृजन किया जायेगा-
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ पद के सृजन की घोषणा की है। चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ तीनों बलों – भारतीय थल सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच समन्वय स्थापित करेगा।
चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS):
- पिछले कई वर्षों से चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ की मांग की जा रही थी, यह तीनों बलों के बीच समन्वय स्थापित करने तथा उनकी प्रभावशीलता में वृद्धि करने के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “हमारे सैन्य बल हमारा गौरव हैं। सैन्य बलों के बीच समवंव्य को बेहतर बनाने के लिए मैं चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ – सी.डी.एस. की घोषणा करना चाहता हूँ। इससे हमारे सैन्य बल और भी प्रभावशाली होंगे।“
- चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ देश का सर्वोच्च सैन्य अधिकारी होगी, वह भारतीय सेना, वायुसेना तथा नौसेना को परामर्श प्रदान करेगा। यह अधिकारी प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए सैन्य सलाहकार का कार्य भी करेगा।
समर्थ योजना : 16 राज्यों ने कपड़ा मंत्रालय के साथ MoU पर हस्ताक्षर किये-
- 18 चुने गये राज्यों में से 16 राज्यों ने समर्थ योजना के लिए केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय के साथ MoU पर हस्ताक्षर किये हैं। इस योजना के तहत 4 लाख लोगों को कौशल प्रदान किया जायेगा। यह 16 राज्य हैं : अरुणाचल प्रदेश, केरल, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, मणिपुर, हरियाणा, मेघालय, झारखण्ड तथा उत्तराखंड। जम्मू-कश्मीर तथा ओडिशा ने भी पहले सहमती प्रकट की थी, परन्तु अभी इन दो राज्यों ने MoU पर हस्ताक्षर नही किये हैं।
समर्थ योजना:
- यह केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी कौशल विकास योजना है, इस योजना को केन्द्रीय आर्थिक मामले कैबिनेट समिति ने दिसम्बर, 2017 में मंज़ूरी दी थी।
उद्देश्य:
- हथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम उत्पादन तथा बुनाई जैसे पारंपरिक सेक्टर में कौशल विकास तथा कौशल अप-ग्रेडेशन को बढ़ावा देना।
- देश भर में समाज के सभी वर्गों को सतत आजीविका के अवसर उपलब्ध करवाना।
- अगले तीन वर्षों (2017-20) में 10 लाख लोगों (9 लाख संगठित क्षेत्र में तथा एक लाख पारंपरिक सेक्टर में) को 1300 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
- इस योजना के तहत प्रशिक्षुओं का मूल्यांकन असेसमेंट एजेंसियों द्वारा किया जायेगा। इस योजना के तहत 70% सफल प्रशिक्षुओं को प्लेसमेंट की गारंटी दी जाती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने जंग-ए-आज़ादी स्मारक के तीसरे फेज़ को जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के पीड़ितों को समर्पित किया-
- 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने जंग-ए-आज़ादी स्मारक के तीसरे फेज़ को जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के पीड़ितों को समर्पित किया।
जंग-ए-आज़ादी स्मारक:
- यह एक स्मारक व संग्रहालय है, इसका निर्माण पंजाब में जालंधर के निकट करतारपुर में किया जा रहा है। इसका निर्माण देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में बलिदान देने वाले पंजाबी समुदाय के क्रांतिकारियों की स्मृति में किया जा रहा है।
- 19 अक्टूबर, 2004 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बदल ने जंग-ए-आज़ादी स्मारक की आधारशिला रखी थी। परन्तु इस पर वास्तविक कार्य 26 मार्च, 2015 से शुरू हुआ और यह कार्य अभी भी जारी है।
- इस स्मारक के द्वारा युवा पीढ़ियों को देश के गौरवशाली अतीत के बारे में जानकारी मिलेगी और युवा पीढ़ियों उन असंख्य लोगों के बारे में जान पाएंगे जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
- पंजाब सरकार के “कनेक्ट विद योर रूट्स” कार्यक्रम के द्वारा युवाओं को राज्य के समृद्ध इतिहास से परिचित करवाया जाता है, इसके लिए जंग-ए-आज़ादी स्मारक, पार्टीशन म्यूजियम, अमृत तथा विरासत-ए-खालसा तथा श्री आनंदपुर साहिब इत्यादि महत्वपूर्ण माध्यम हैं
एयर इंडिया बनी उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उड़ान भरने वाली पहली भारतीय एयरलाइन-
- 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एयर इंडिया उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उड़ान भरने वाली पहली भारतीय एयरलाइन बन गयी है। दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को की उड़ान के द्वारा 2000 से 7000 इंधन की बचत होगी। इससे प्रति उड़ान 6000 से 21,000 कार्बन उत्सर्जन में भी कमी जायेगी। यह उड़ान किर्गिजस्तान, कजाखस्तान, रूस, आर्कटिक महासागर, कनाडा से होते हुए अमेरिका में प्रवेश करेगी। इस नए मार्ग से दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को की यात्रा 12,000 किलोमीटर से कम होकर 8,000 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा में लगने वाले समय में 30 मिनट की बचत होगी। उत्तरी ध्रुव के ऊपर से जाने वाली इस उड़ान के पायलट कैप्टेन रजनीश शर्मा तथा कैप्टेन दिग्विजय सिंह थे।
एयर इंडिया:
- एयर इंडिया की स्थापना 15 अक्टूबर, 1932 को टाटा एयरलाइन्स के रूप में की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे सार्वजनिक कंपनी बनाया गया। भारत सरकार ने 1953 में एयर कारपोरेशन अधिनियम पारित करके टाटा एयरलाइन्स में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी। बाद में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड कर दिया गया। वर्तमान समय में एयर इंडिया 4 महाद्वीपों के 60 अंतर्राष्ट्रीय स्थानों में सेवाएं प्रदान करता हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को नहीं मिला समर्थन-
- 16 अगस्त, 2019 को कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की क्लोजड-डोर बैठक बुलाई गयी थी, इस बैठक में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की गयी। इस बैठक का आयोजन चीन के अनुरोध पर किया गया था। इस बैठक में पाकिस्तान को चीन के अलावा किसी अन्य देश का समर्थन नहीं मिला। भारत ने स्पष्ट किया है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना एक आन्तरिक मामला है।
- भारत द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान विभिन्न मंचों पर समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। भारत पहले ही 370 को हटाये जाने को अपना आन्तरिक मामला बता चुका है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता पोलैंड के पास है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद:
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे शक्तिशाली और संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। इसमें वीटो की शक्ति वाले पांच स्थायी देशों सहित 15 सदस्य होते हैं। पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका हैं। 10 गैर-स्थायी सदस्य प्रत्येक दो साल के लिए चुने जाते हैं। इसकी शक्तियों में शांति नियंत्रण संचालन की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की स्थापना, और यूएनएससी संकल्पों के माध्यम से सैन्य कार्रवाई के प्राधिकरण शामिल हैं। यह एक संयुक्त राष्ट्र निकाय है जिसके पास सदस्य राज्यों के बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने का अधिकार है।
- यूएनएससी शांति के खिलाफ खतरे को निर्धारित करने और आक्रामकता का जवाब देने के लिए उत्तरदायी है। यह राज्यों के बीच संघर्ष या विवाद को सुलझाने के शांतिपूर्ण साधन खोजने के प्रयास भी करता है। यह संयुक्त राष्ट्र महासचिव की संयुक्त राष्ट्र महासभा नियुक्ति और संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों के प्रवेश की भी सिफारिश करता है।
तीन नए उत्पादों को GI टैग प्रदान किया गया-
- हाल ही में तीन नए उत्पादों को GI टैग प्रदान किया गया, यह उत्पाद हैं – केरल के तिरुर का पान का पत्ता, मिजोरम का ताहलोपुआन फैब्रिक तथा मिज़ो पुआनचेई शाल।
- तिरुर का पान का पत्ता : इसकी खेती केरल के मलप्पुरम जिले में तिरुर, तनूर, तिरुरांगड़ी, कुट्टीपुरम इत्यादि स्थानों में की जाती है। इस पत्ते में कई औषधीय गुण हैं, इसका उपयोग औषधि तथा उद्योग में किया जाता है।
- ताहलोपुआन फैब्रिक : इस कपड़े का निर्माण मिजोरम में किया जाता है, इसका निर्माण मुख्य रूप से आइजोल तथा थेनजाल में किया जाता है।
- मिज़ो पुआनचेई शाल : यह एक रंग्रीन शाल है, यह मिज़ो उत्सव तथा नृत्य इत्यादि में उपयोग किया जाता है।
विशिष्ट भौगोलिक संकेत:
- GI टैग अथवा पहचान उस वस्तु अथवा उत्पाद को दिया जाता है जो कि विशिष्ट क्षेत्र का प्रतिनिधत्व करती है, अथवा किसी विशिष्ट स्थान पर ही पायी जाती है अथवा वह उसका मूल स्थान हो। GI टैग कृषि उत्पादों, प्राकृतिक वस्तुओं तथा निर्मित वस्तुओं उनकी विशिष्ट गुणवत्ता के लिए दिया जाता है। यह GI पंजीकरण 10 वर्ष के लिए वैध होता है, बाद में इसे रीन्यू करवाना पड़ता है। कुछ महत्वपूण GI टैग प्राप्त उत्पाद दार्जीलिंग चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर संतरा तथा कश्मीर पश्मीना इत्यादि हैं।
भारतीय मेडिकल अनुसन्धान परिषद् (ICMR) ने भारत की पहली “नेशनल एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट” फाइनलाइज की-
- भारतीय मेडिकल अनुसन्धान परिषद् (ICMR) ने हाल ही में भारत की पहली “नेशनल एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट (NEDL)” फाइनलाइज की। इस सूची में वे 159 टेस्ट शामिल हैं जो एक मूलभूत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र मंव रोगियों के लिए उपलब्ध होने चाहिए। भारत इस प्रकार की सूची तैयार करने वाला पहला देश है।
नेशनल एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट (NEDL):
- नेशनल एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट (NEDL) का उद्देश्य मौजूदा रेगुलेटरी सिस्टम के उस गैप को कवर करना है जिसमे सभी मेडिकल डिवाइसेस तथा इन-विट्रो डायग्नोस्टिक डिवाइस को शामिल नहीं किया गया है। नेशनल एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट (NEDL) का उपयोग ग्रामीण स्तर से जिला स्तर तक किया जायेगा। इसके क्रियान्वयन से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई, 2018 में एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट के पहले संस्करण को जारी किया था। यह अन्य राष्ट्रीय एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स लिस्ट के लिए रिफरेन्स पॉइंट के रूप में कार्य करता है।
चंद्रयान-2 ने चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया-
- चन्द्रयान-2 ने चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है, यह प्रक्रिया 20 अगस्त, 2019 को नौ बजकर दो मिनट पर पूरी हुई। इस प्रक्रिया में 1738 सेकंड लगे, इसके लिए ऑनबोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया गया। 2 सितम्बर, 2019 को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जायेगा। चंद्रयान-2 7 सितम्बर को चन्द्रमा की सतह पर लैंड करेगा।
पृष्ठभूमि:
- इसरो ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को 2:43 पर श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था। इसे GSLV-MkIII की सहायता से लांच किया गया है। चंद्रयान-2 का लैंडर “विक्रम” 6-7 सितम्बर को चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
- भारत का मिशन चंद्रयान-2 15 जुलाई, 2019 को लांच किया जाना था। लॉन्च से मात्र 56 मिनट पहले इसरो को चंद्रयान-2 में कुछ तकनीकी खराबी का पता चला, इसके तुरंत बाद काउंटडाउन को रोककर मिशन को स्थगित किया गया था। चंद्रयान -2 के लैंडर का नाम “विक्रम” रखा गया है, जबकि इसके रोवर का नाम “प्रज्ञान” रखा गया है।
मिशन चंद्रयान-2:
- चंद्रयान-2 भारत का चंद्रमा पर दूसरा मिशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन है। यह 2008 में लांच किये गए मिशन चंद्रयान का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान मिशन ने केवल चन्द्रमा की परिक्रमा की थी, परन्तु चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा की सतह पर एक रोवर भी उतारा जायेगा।
- इस मिशन के सभी हिस्से इसरो ने स्वदेश रूप से भारत में ही बनाये हैं, इसमें ऑर्बिटर, लैंडर व रोवर शामिल है। इस मिशन में इसरो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड रोवर को उतारने की कोशिश करेगा। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके चन्द्रमा की सतह के घटकों का विश्लेषण करेगा।
- चंद्रयान-2 को GSLV Mk III से लांच किया जायेगा। यह इसरो का ऐसा पहला अंतर्ग्रहीय मिशन है, जिसमे इसरो किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रोवर उतारेगा। इसरो के स्पेसक्राफ्ट (ऑर्बिटर) का वज़न 3,290 किलोग्राम है, यह स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा की परिक्रमा करके डाटा एकत्रित करेगा, इसका उपयोग मुख्य रूप से रिमोट सेंसिंग के लिए किया जा रहा है।
- 6 पहिये वाला रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके मिट्टी व चट्टान के नमूने इकठ्ठा करेगा, इससे चन्द्रमा की भू-पर्पटी, खनिज पदार्थ तथा हाइड्रॉक्सिल और जल-बर्फ के चिन्ह के बारे में जानकारी मिलने की सम्भावना है फिलहाल इजराइल भी दिसम्बर, 2018 में चन्द्रमा पर मिशन उतारने की तैयारी कर रहा है। यह डाटा पृथ्वी तक ऑर्बिटर के द्वारा भेजा जायेगा फिलहाल इजराइल भी दिसम्बर, 2018 में चन्द्रमा पर मिशन उतारने की तैयारी कर रहा है।
- चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करना इस मिशन का सबसे कठिन हिस्सा होगा, अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही यह कारनामा कर पाए हैं। इजराइल का स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा पर क्रेश हो गया था।
DRDO ने मोबाइल मैटेलिक रैंप (MMR) का हस्तांतरण भारतीय सेना को किया-
- रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) ने मोबाइल मैटेलिक रैंप (MMR) का हस्तांतरण भारतीय सेना को किया। यह डिजाईन DRDO के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी द्वारा वाईस चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अंबु को नई दिल्ली में एक इवेंट के दौरान सौंपे गये।
मोबाइल मैटेलिक रैंप:
- विकास विकास DRDO की प्रमुख प्रयोगशाला “सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव्स एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी” (CFEES) द्वारा किया गया है। यह मोबाइल मैटेलिक रैंप 70 मीट्रिक टन का भार उठाने में सक्षम है। इसके द्वारा आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स को किसी स्थान पर पहुंचाने में आसानी होगी।
रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन:
- रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) एक सरकारी एजेंसी है, यह केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। इसकी स्थापना 1958 में की गयी थी, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह एजेंसी सैन्य अनुसन्धान व विकास सम्बन्धी कार्य करती है। DRDO में 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है। DRDO भारत का सबसे बड़ा तथा सबसे अधिक विविध अनुसन्धान संगठन है।
जलवायु परिवर्तन के कारण समाप्त होने वाले पहले ग्लेशियर “ओक्जोकुल” के लिए आइसलैंड में अंतिम संस्कार का आयोजन किया गया-
- आइसलैंड में जलवायु परिवर्तन के कारण समाप्त होने वाले पहले ग्लेशियर “ओक्जोकुल” के लिए “अंतिम संस्कार” का आयोजन किया गया। इस “अंतिम संस्कार” में आइसलैंड की प्रधानमंत्री कटरीन जैकब्सदोत्तिर भी शरीक हुई।
मुख्य बिंदु:
- गौरतलब है की “ओक्जोकुल” ग्लेशियर पिछले 700 वर्षों से अस्तित्व में था, इस ग्लेशियर को 2014 को मृत घोषित किया गया था। इस अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग राजधानी रिकिविक के उत्तरपूर्व में एक ज्वालामुखी तक चल कर गये, और वहां पर पट्टिका समर्पित की, इसके द्वारा जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा गया है।
- इस प्रक्रिया के दौरान एक चट्टान पर कांस्य पट्टिका स्थापित की गयी। इस पट्टिका पर “415 ppm CO2” लिखा गया है, यह पिछली मई में वायुमंडल में माप गयी कार्बन डाइऑक्साइड की रिकॉर्ड मात्रा है।
“ओक्जोकुल” ग्लेशियर:
- “ओक्जोकुल” ग्लेशियर आइसलैंड का ऐसा पहला ग्लेशियर है, जिसका ग्लेशियर स्टेटस समाप्त किया गया है। अगले 200 वर्षों में अधिकतर देशों के प्रमुख ग्लेशियरों की यही स्थिति होने के आसार हैं। आइसलैंड में प्रतिवर्ष 11 अरब टन बर्फ समाप्त हो रही है, वैज्ञानिको का मत है कि वर्ष 2200 तक आइसलैंड के सभी 400 से अधिक ग्लेशियर समाप्त हो सकते हैं।
भारत सबसे बड़ा सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जक देश है : रिपोर्ट-
- हाल ही में ग्रीनपीस इंडिया द्वारा जारी की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व में सबसे ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। यह रिपोर्ट नासा के ओजोन मॉनिटरिंग इंस्ट्रूमेंट (OMI) उपग्रह से प्राप्त डाटा पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- भारत के सन्दर्भ में : भारत विश्व में सल्फर डाइऑक्साइड का सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है। नासा के OMI उपग्रह से प्राप्त डाटा के अनुसार भारत में बड़ी संख्या में सल्फर डाइऑक्साइड हॉटस्पॉट हैं, इसका प्रमुख कारण कोयला दोहन है। भारत में अधिकतर कोयले पर आधारित पॉवर प्लांट में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए डीसल्फराईजेशन तकनीक का उपयोग नही किया जाता है। भारत में सिंगरौली, नेवेली, झारसुगुड़ा, तालचर, कोरबा, चेन्नई, कच्छ, रामागुंदम, चंद्रपुर तथा कोरडी थर्मल पॉवर प्लांट/क्लस्टर प्रमुख उत्सर्जन हॉटस्पॉट हैं।
- सरकार द्वारा उठाये गये कदम : केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिसम्बर, 2015 में कोयले से चलने वाले पॉवर प्लांट्स से सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए सीमा निश्चित की थी। परन्तु डीसल्फराईजेशन तकनीक की अंतिम समय सीमा को 2017 से बढ़ाकर 2022 कर दिया गया है।
- वैश्विक परिदृश्य : विश्व में सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन के प्रमुख हॉटस्पॉट रूस, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, सऊदी अरब, भारत, मेक्सिको, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की तथा सर्बिआ में पाए गये हैं। चीन और अमेरिका ने स्वच्छ उर्जा संसाधनों का उपयोग करके सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी करने में सफलता प्राप्त की है।
अब सभी CAPF कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे : केंद्र सरकार-
- केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी करके सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति सीमा को 60 वर्ष कर दिया है। इससे पहले कुछ एक रैंक के अधिकारी 57 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते थे। यह सभी बल केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, इन्हें देश के विभिन्न भागों में अन्तरिक्ष सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
पृष्ठभूमि:
- मौजूदा नीति के मुताबिक केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) तथा असम राइफल्स के कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते थे। जबकि CRPF, ITBP, SSB तथा BSF के वे कर्मचारी जिनका रैंक कांस्टेबल से कमांडेंट तक है, वे 57 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते थे, जबकि इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत होते थे।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनवरी में एक आदेश जारी किया, इस आदेश में CRPF, BSF, ITBP तथा SSB में सेवानिवृत्ति की अलग-अलग उम्र को भेदभावपूर्ण तथा असंवैधानिक करार दिया था।
- नोट : CISF, CRPF, BSF, ITBP तथा SSB केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, इससे पहले इन बलों को अद्धसैनिक बल माना जाता था। परन्तु मार्च 2011 के बाद इन बलों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में वर्गीकृत किया गया।
- भारत में “अद्धसैनिक बल” को किसी कानून के द्वारा आधिकारिक रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। “अद्धसैनिक बल” का उपयोग असम राइफल्स (इसका प्रशासनिक नियंत्रण केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है, जबकि इसका संचालनात्मक नियंत्रण भारतीय थल सेना के पास है) तथा स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स (SFF) के लिए किया जाता है।
चंद्रयान-2 ने भेजा चन्द्रमा का पहला चित्र-
- इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन ने चन्द्रमा का पहला चित्र भेजा है, इसरो ने इस चित्र को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। इस चित्र में अपोलो क्रेटर तथा मेयर ओरिएन्तेल बेसिन दृश्यमान हैं। इस चित्र को चंद्रयान-2 ने 2650 किलोमीटर की ऊंचाई से लिया है। हाल ही में चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया है। 2 सितम्बर को लैंडर “विक्रम” स्पेसक्राफ्ट से अलग हो जायेगा और 7 सितम्बर को यह चन्द्रमा की सतह पर लैंड करेगा।
पृष्ठभूमि: इसरो ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को 2:43 पर श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था। इसे GSLV-MkIII की सहायता से लांच किया गया है। चंद्रयान-2 का लैंडर “विक्रम” 6-7 सितम्बर को चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
भारत का मिशन चंद्रयान-2 15 जुलाई, 2019 को लांच किया जाना था। लॉन्च से मात्र 56 मिनट पहले इसरो को चंद्रयान-2 में कुछ तकनीकी खराबी का पता चला, इसके तुरंत बाद काउंटडाउन को रोककर मिशन को स्थगित किया गया था। चंद्रयान -2 के लैंडर का नाम “विक्रम” रखा गया है, जबकि इसके रोवर का नाम “प्रज्ञान” रखा गया है।
मिशन चंद्रयान-2: चंद्रयान-2 भारत का चंद्रमा पर दूसरा मिशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन है। यह 2008 में लांच किये गए मिशन चंद्रयान का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान मिशन ने केवल चन्द्रमा की परिक्रमा की थी, परन्तु चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा की सतह पर एक रोवर भी उतारा जायेगा।
इस मिशन के सभी हिस्से इसरो ने स्वदेश रूप से भारत में ही बनाये हैं, इसमें ऑर्बिटर, लैंडर व रोवर शामिल है। इस मिशन में इसरो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड रोवर को उतारने की कोशिश करेगा। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके चन्द्रमा की सतह के घटकों का विश्लेषण करेगा।
चंद्रयान-2 को GSLV Mk III से लांच किया जायेगा। यह इसरो का ऐसा पहला अंतर्ग्रहीय मिशन है, जिसमे इसरो किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रोवर उतारेगा। इसरो के स्पेसक्राफ्ट (ऑर्बिटर) का वज़न 3,290 किलोग्राम है, यह स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा की परिक्रमा करके डाटा एकत्रित करेगा, इसका उपयोग मुख्य रूप से रिमोट सेंसिंग के लिए किया जा रहा है।
6 पहिये वाला रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके मिट्टी व चट्टान के नमूने इकठ्ठा करेगा, इससे चन्द्रमा की भू-पर्पटी, खनिज पदार्थ तथा हाइड्रॉक्सिल और जल-बर्फ के चिन्ह के बारे में जानकारी मिलने की सम्भावना है फिलहाल इजराइल भी दिसम्बर, 2018 में चन्द्रमा पर मिशन उतारने की तैयारी कर रहा है। यह डाटा पृथ्वी तक ऑर्बिटर के द्वारा भेजा जायेगा फिलहाल इजराइल भी दिसम्बर, 2018 में चन्द्रमा पर मिशन उतारने की तैयारी कर रहा है।
चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करना इस मिशन का सबसे कठिन हिस्सा होगा, अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही यह कारनामा कर पाए हैं। इजराइल का स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा पर क्रेश हो गया था।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को एनहांस्ड ब्लैकलिस्ट लिस्ट में डाला-
- आतंकी फंडिंग रोकने में असफल रहने के कारण पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने एनहांस्ड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। FATF ने यह भी पाया है कि आतंक वित्तपोषण तथा धन शोधन के 40 में से 32 पैरामीटर्स का पालन पाकिस्तान ने नहीं किया है।
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को “ग्रे लिस्ट” में डाला था। अब पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक इत्यादि से मिलने वाली वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मुश्किल होगी।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF):
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स धन शोधन पर एक अंतरसरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1989 में की गयी थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसी हैं। इसकी स्थापना का शुरूआती उद्देश्य धन शोधन का सामना करने के लिए नीति निर्माण करना था। वर्ष 2001 में इसके कार्यक्षेत्र में आतंकवादी फंडिंग को भी शामिल किया गया। वर्तमान में इसमें 38 सदस्य देश शामिल हैं।
BCCI ने पांच वर्ष के लिए पेटीएम को दिए टाइटल स्पांसरशिप अधिकार-
- भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट टीम के सभी मैच जो भारत में खेले जायेंगे, उनके स्पांसरशिप अधिकार पेटीएम को प्रदान किये हैं। इसके लिए पेटीएम 326.80 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा, यह राशि पेटीएम द्वारा 2019 से 2023 की अवधि के लिए दी जायेगी, इसकी शुरुआत अक्टूबर, 2019 से होगी। गौरतलब है कि इस दौरान पेएटीएम BCCI को प्रति मैच 3.80 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। यह पिछली राशि की तुलना में 58% की वृद्धि है। इससे पहले BCCI को प्रति मैच 2.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता था।
पेटीएम:
- पेटीएम एक ई-कॉमर्स पेमेंट सिस्टम तथा डिजिटल वॉलेट कंपनी है, इसकी स्थापना 2010 में विजय शेखर शर्मा द्वारा की गयी थी। विजय शेखर शर्मा ही वर्तमान वे पेटीएम के सीईओ हैं ,पेटीएम का मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नॉएडा में स्थित है। ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम का मूल्य लगभग 15 अरब डॉलर है। पेटीएम के अन्य उत्पाद हैं : पेटीएम मॉल, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, पेटीएम मनी, पेटीएम गेमपिंड तथा पेटीएम स्मार्ट रिटेल इत्यादि।
सितम्बर में भारत को प्राप्त होगा पहला राफेल लड़ाकू विमान-
- भारत को फ्रांस से पहला राफेल लड़ाकू विमान सितम्बर में प्राप्त होगा। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा वायुसेना प्रमुख बी.एस. धनोआ फ्रांस जायेंगे।
मुख्य बिंदु:
- गौरतलब है कि छोटे-छोटे बैच में भारतीय पायलट्स को फ़्रांसिसी वायुसेना द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मई, 2020 तक फ्रांस भारतीय वायुसेना के 24 पायलट्स को तीन बैच में प्रशिक्षण प्रदान करेगा। भारतीय वायुसेना राफेल के एक-एक स्क्वाड्रन को अम्बाला (हरियाणा) तथा हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) के एयरबेस में तैनात करेगी। भारतीय वायुसेना ने इन दो एयरबेस में आवश्यक अधोसंरचना जैसे शेल्टर, हेंगर तथा मेंटेनेंस फैसिलिटी के लिए लगभग 400 करोड़ का व्यय किया है।
- सितम्बर, 2016 में भारत ने फ़्रांसिसी सरकार तथा दसौल्ट एविएशन के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 7.8 अरब यूरो के सौदे पर हस्ताक्षर किये थे। सौदे पर हस्ताक्षर किये जाने के 67 महीनों के भीतर भारत को सभी राफेल लड़ाकू विमानों की डिलीवरी कर दी जायेगी।
अकेडमिक लोमोनोसोव : रूस ने विश्व का पहला तैरता हुआ परमाणु उर्जा प्लांट लांच किया-
- रूस ने विश्व के पहले तैरते हुआ परमाणु उर्जा प्लांट अकेडमिक लोमोनोसोव लांच किया। हाल ही में अकेडमिक लोमोनोसोव मुर्मासंक के आर्कटिक पोर्ट से उत्तर-पूर्वी साइबेरिया में पेवेक नामक स्थान की यात्रा पर रवाना हुआ, यह यात्रा लगभग 5000 किलोमीटर की होगी। अकेडमिक लोमोनोसोव में परमाणु इंधन भरा हुआ है। इस पर कई पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त की है।
अकेडमिक लोमोनोसोव:
- अकेडमिक लोमोनोसोव का निर्माण रूस की सरकारी परमाणु उर्जा फर्म रोस्तोम द्वारा किया गया है। इसकी लम्बाई 144 मीटर तथा चौड़ाई 30 मीटर है। इसकी विस्थापन क्षमता 21,500 टन है तथा इसमें 69 लोग कार्य कर सकते हैं। उर्जा उत्पादन के लिए इसमें दो परिवर्तित KLT-40 नेवल प्रोपल्शन न्यूक्लियर रिएक्टर का उपयोग किया गया है। इससे 70 मेगावाट विद्युत् तथा 300 मेगावाट ऊष्मा का उत्पादन किया जा सकता है। इसका नाम रूसी शिक्षाविद मिखाइल लोमोनोसोव पर रखा गया है।
- इसमें नवीनतम सुरक्षा व्यवस्था का उपयोग किया गया, इसे विश्व के सबसे सुरक्षित परमाणु सयंत्रों में से एक माना जाता है। इसका उपयोग आर्कटिक क्षेत्र में तेल उत्पादन करने वाले विशाल उपकरणों को उर्जा प्रदान करने के लिए किया जायेगा।
भारतक्राफ्ट पोर्टल: सरकार ई-कॉमर्स मार्केटिंग प्लेटफार्म लांच करेगी-
- केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की है कि केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय भारतक्राफ्ट पोर्टल लांच करने की योजना बना रहा है, यह ई-कॉमर्स मार्केटिंग प्लेटफार्म का स्वदेशी संस्करण होगा। इसका निर्माण अलीबाबा और अमेज़न की तर्ज़ पर किया जायेगा। इस प्लेटफार्म के द्वारा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर सकते हैं तथा उन्हें ग्राहकों को बेच सकते हैं। इस प्लेटफार्म से सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग को काफी बढ़ावा मिल सकता है। इसके द्वारा अगले दो-तीन वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
पोर्टल की आवश्यकता:
- विनिर्माण सेक्टर में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग का योगदान लगभग 29% है, जबकि निर्यात में इसका योगदान 40% है। इसमें अगले पांच वर्षों में 5 करोड़ रोज़गार अवसरों के सृजन की क्षमता है। केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में विर्निमाण सेक्टर में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के योगदान को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली में किया गया दयालुता पर प्रथम विश्व युवा सम्मेलन का आयोजन-
- नई दिल्ली में दयालुता पर प्रथम विश्व युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस सम्मेलन का आयोजन यूनेस्को महात्मा गाँधी शांति शिक्षा व सतत विकास संस्थान (MGIEP) द्वारा किया गया।
दयालुता पर प्रथम विश्व युवा सम्मेलन:
- इस सम्मेलन का आयोजन महात्मा गाँधी के जन्म की 150 वर्षगाँठ के उत्सव के दौरान किया गया। इसका उद्देश्य युवाओं को संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावशाली विधियों से परिचित करवाना है। इसके लिए महात्मा गाँधी की अहिंसा की धारणा काफी महत्वपूर्ण है। इस सम्मेलन की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम : समकालीन विश्व के लिए महात्मा गाँधी: महात्मा गाँधी की 150वीं जन्म वर्षगाँठ का उत्सव” थी। इस सम्मेलन में 60 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों, कलाकारों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं तथा 27 देशों से 1000 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया।
रूस ने “फेडोर” नामक रोबोट को अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भेजा-
- रूस ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन के लिए कजाखस्तान के बैकोनुर से एक राकेट लांच किया है, इस राकेट में “फेडोर” नामक रोबोट को भेजा गया है। यह रूस द्वारा अन्तरिक्ष में भेजा गया पहला रोबोट है। “फेडोर” की ऊंचाई एक मीटर 80 सेंटीमीटर है (5 फीट 11 इंच) । इसका भार 160 किलोम्ग्राम है। इस रोबोट का उपयोग नई आपातकालीन बचाव प्रणाली का परीक्षण करना है। अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में 10 दिन तक “फेडोर” नए कौशल सीखेगा, यह इलेक्ट्रिक केबल को स्क्रूड्राइवर की सहायता से कनेक्ट तथा डिसकनेक्ट करने जैसे कार्य भी करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS):
- अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS) पृथ्वी की निम्न कक्षा में एक आवासीय कृत्रिम उपग्रह है। यह पृथ्वी से 330 से 435 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह 92 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है। यह एक दिन में 15.5 बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है। ISS कार्यक्रम पांच अन्तरिक्ष एजेंसियों नासा (अमेरिका), रोसकॉसमॉस (रूस), जाक्सा (जापान), ESA (यूरोप) तथा CSA (कनाडा) का संयुक्त कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त अरब अमीरात के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया-
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के सर्वोच्च सम्मान “आर्डर ऑफ़ ज़ायेद” से सम्मानित किया जायेगा। श्री मोदी को यह सम्मान भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए दिए गये योगदान के लिए दिया गया है। “आर्डर ऑफ़ ज़ायेद” सम्मान का नाम संयुक्त अरब अमीरात के संस्थापक शेख ज़ायेद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर रखा गया है।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात सम्बन्ध:
- संयुक्त अरब भारत का पांचवा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत कुल तेल आयात का 8% हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात से आयात करता है। संयुक्त अरब अमीरात भारत और फ्रांस के नेतृत्व में शुरू किये गये अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा भी है। 2017 में भारत-संयुक्त अरब अमीरात के बीच का व्यापार 50 अरब डॉलर पर पहुँच गया था। संयुक्त अरब अमीरात चीन और अमेरिका के बाद भारत के तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत से संयुक्त अरब अमीरात को 2016-17 में 31 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था।
मुंबई में लांच किया गया प्रोजेक्ट SU.RE-
- केन्द्रीय कपडा मंत्री स्मृति ईरानी ने मुंबई में प्रोजेक्ट SU.RE को लांच किया। इसका उद्देश्य सतत फैशन की ओर अग्रसर होना है जिससे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी योगदान दिया जा सके।
प्रोजेक्ट SU.RE:
- प्रोजेक्ट SU.RE का अर्थ है “Sustainable Resolution” । यह वस्त्र उद्योग द्वारा शुरू की गयी इस किस्म की प्रथम पहल है। इस प्रोजेक्ट को भारतीय कपडा निर्माता संघ (CMAI) भारत में संयुक्त राष्ट्र संघ, IMG रिलायंस तथा लेकमे फैशन वीक के आयोजनकर्ताओं द्वारा लांच किया गया है। इससे वस्त्र उद्योग कार्बन उत्सर्जन को कम करने, कचरा प्रबंधन तथा जल प्रबधन कुशलता में वृद्धि करने का प्रयास करेगा।
- इस प्रोजेक्ट के लिए कई नामी फैशन ब्रांड्स तथा रिटेल ब्रांड्स ने हस्ताक्षर किये हैं, इनमे फ्यूचर ग्रुप, आदित्य बिरला रिटेल, शॉपर्स स्टॉप, अरविन्द ब्रांड्स, मैक्स, लाइफस्टाइल, रेमंड, हाउस ऑफ़ अनिता डोंगरे, वेस्टसाइड, स्पाईकर, लेविस, बेस्टसेलर तथा ट्रेंड्स इत्यादि शामिल हैं।
G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस पहुंचे-
- भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस पहुँच गये हैं। हालांकि भारत G-7 का हिस्सा नहीं है, परन्तु फ्रांस ने G-7 देशों के शिखर सम्मेलन के लिए आधिकारिक रूप से आमंत्रित किया गया है। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन फ्रांस के बियारिट्ज में किया जायेगा। विश्लेषकों के अनुसार भारत को यह आमंत्रण भारत और फ्रांस के बीच मज़बूत संबंधों को दर्शाता है। G-7 समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, कनाडा, जापान और जर्मनी शामिल है। इससे पहले 2005 में भी भारत G-7 के शिखर सम्मेलन में शामिल हुआ था।
G-7: G-7 अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, कनाडा, जापान और जर्मनी का समूह है, यह IMF के अनुसार विश्व की सबसे एडवांस्ड अर्थव्यवस्थाएं हैं। यह वैश्विक नेट वर्थ के 58% हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। G-7 देश वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद के 46% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सितम्बर को देश भर में राष्ट्रीय पोषण मास के रूप मनाया जायेगा : प्रधानमंत्री मोदी-
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि सितम्बर 2019 को राष्ट्रीय पोषण मास के रूप में मनाया जायेगा, इसका उद्देश्य देश में कुपोषण की समस्या को समाप्त करना है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम के दौरान की। इस अभियान को महीने भर चलाया जायेगा, इस अभियान का उद्देश्य ‘हर घर पोषण त्यौहार’ का सन्देश पहुँचाना है।
राष्ट्रीय पोषण मास:
- इसका उद्देश्य प्रसवपूर्व देखभाल, स्तनपान तथा एनीमिया, तथा बालिकाओं के लिए पोषण का महत्व, स्वच्छता तथा विवाह की सही उम्र के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसका आयोजन संयुक्त रूप से नीति आयोग, महिला व बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल व स्वच्छता मंत्रलाय, आवास व शहरी मामले मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सूचना व प्रसारण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले मंत्रालय, जनजातीय मामले मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय द्वारा द्वारा किया जायेगा।
पृष्ठभूमि: भारत में कुपोषण की समस्या काफी गंभीर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार भारत के 38% बच्चों की ऊंचाई कम है, 21% बच्चों का भार उनकी ऊंचाई के मुकाबले बहुत कम है जबकि 35.7% बच्चों का वज़न आवश्यकता से कम है। 2005-06 के मुकाबले 2015-16 में बच्चों के शारीरिक विकास में कमी आई है, 2005-06 में 19.8% बच्चों का भार उनकी ऊंचाई के अनुरूप कम था, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा बढ़ कर 21% हो गया। 2017 में विश्व भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) में भारत का स्थान 119 देशों में 100वां था। भारत में औसतन 5 बच्चों में से एक बच्चा वेस्टेड (ऊंचाई के अनुरूप वज़न कम होना) है। सरकार ने पोषण अभियान के लिए 9000 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की है, यह मार्च, 2018 में लांच किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों, महिलाओं व किशोरियों के शारीरिक विकास के मार्ग में बाधाओं को दूर करना है। इस अभियान का उद्देश 2022 तक बच्चों में स्टंटिंग (कुपोषण के कारण ऊंचाई कम होना) की दर को 38.4% से कम करके 25% तक लाना है।
पी.वी सिन्धु बनी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय-
- भारत की स्टार शटलर पी.वी. सिन्धु ने BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप 2019 फाइनल में विश्व की नंबर 4 खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को पराजित करके इतिहास रचा। सिन्धु ने जापान की ओकुहारा को मात्र 37 मिनट में 21-7, 21-7 से पराजित किया। इसके साथ ही पी.वी. सिन्धु विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गयी हैं। क्वार्टरफाइनल में सिन्धु ने विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी ताई तजु यिंग को पराजित किया था, बाद में सेमीफाइनल में उन्होंने आल इंग्लैंड चैंपियन चेन यू फेई को हराया था।
पी. वी सिन्धु: पी. वी. सिन्धु भारत के सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका जन्म 5 जुलाई, 1995 को तेलंगाना के हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने 2016 के रिओ ओलिंपिक में देश के लिए रजत पदक जीता था। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन के महिला एकल वर्ग में उन्होंने रजत पदक जीता। इसके अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप 2017 और 2018 में उन्होंने रजत पदक जीता था। 2016 में सिन्धु को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
कोइम्बतूर में राष्ट्रीय पक्षी विषविज्ञान केंद्र की स्थापना की गयी-
- केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तमिलनाडु के कोइम्बतूर में सलीम अली पक्षी विज्ञान व प्राकृतिक विज्ञान केंद्र (SACON) में राष्ट्रीय पक्षी विषविज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु: इस केंद्र का उद्देश्य पक्षियों की प्रजाति पर रासायनिक प्रदूषकों के प्रभाव का अध्ययन करना है और इसके जनसँख्या तथा समुदायों से जोड़ना है। इस केंद्र के द्वारा कीटनाशकों, भारी धातुओं, पालीसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन, पालीक्लोरीनेटेड बाईफिनाइल इत्यादी के पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगा। इस केंद्र लिए केन्द्रीय मंत्रालय ने चार करोड़ रुपये आबंटित किये हैं। इस केंद्र में हाई परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमाटोग्राफ (HPLC), एटॉमिक अब्ज़ोर्प्शन स्पेक्ट्रोमीटर (AAC) तथा इन्डक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा मास स्पेक्ट्रोमीटर (ICP-MS) जैसे उपकरण मौजूद हैं।
“जन औषधि सुगम” एप्प लांच की गयी-
- हाल ही में “जन औषधि सुगम” एप्प लांच की गयी, इसके द्वारा जेनेरिक दवाओं तथा दुकानों को ढूंढने में आसानी होगी। इस एप्प के द्वारा जेनेरिक दवाओं के मूल्य इत्यादि की जानकारी भी मिलेगी। इस एप्प को एंड्राइड तथा iOS दोनों प्लेटफार्म के लिए लांच किया गया है। जन औषधि केन्द्रों पर मिलने बायॉडिग्रेडिबल सैनिटरी नैपकिन को 2.50 रुपये प्रति पैड से घटाकर 1 रुपये कर दिया गया है। यह वंचित महिलाओं के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि बाजार में उपलब्ध अन्य सैनिटरी नैपकिन नॉन बायॉडिग्रेडेबल हैं जबकि ये बायॉडिग्रेडेबल हैं।
- 15 से 24 साल तक की 58 प्रतिशत महिलाएं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार स्थानीय स्तर पर तैयार नैपकीन, सैनिटरी नैपकीन , रूई के फाहे का इस्तेमाल करती हैं। शहरी क्षेत्रों की 78 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स के दौरान सुरक्षा के लिए स्वस्थ विधियां अपनाती हैं। ग्रामीण इलाके की केवल 48 फीसदी महिलाएं साफ-सुथरा सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल कर पाती हैं।
नई दिल्ली में किया जायेगा UNCCD की कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज (COP 14) का आयोजन-
- भारत में 2 से 13 सितम्बर, 2019 के दौरान United Nations Convention to Combat Desertification (UNCCD) के कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज (COP 14) का आयोजन ग्रेटर नॉएडा में किया जाएगा। इस इवेंट में 200 से अधिक देशों के 3000 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, इसमें लगभग 100 देशों के मंत्री भी हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का फोकस मरुस्थलीकरण तथा भूमि का निम्नीकरण होगा।
UNCCD (मरुस्थलीकरण से लड़ने के लिए सयुक्त राष्ट्र अभिसमय): UNCCD (मरुस्थलीकरण से लड़ने के लिए सयुक्त राष्ट्र अभिसमय) की स्थापना 1994 में की गयी थी, इसके लिए समझौते पर 14 अक्टूबर, 1994 को हस्ताक्षर किये गये थे। इसका उद्देश्य मृदा की उत्पादकता को बनाये रखने के लिए कार्य करना है। इसके कुल 197 सदस्य हैं। इसके COP सत्र (कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज) का आयोजन प्रत्येक दो वर्ष बाद अलग-अलग स्थानों में किया जाता है, पहले COP का आयोजन 1997 में इटली के रोम में किया गया था।
विटामिन तथा खनिज पदार्थ युक्त फोर्टिफाइड राइस के वितरण के लिए केंद्र सरकार रोडमैप तैयार करेगी-
- केंद्र सरकार ने राशन दुकानों के माध्यम से विटामिन तथा खनिज पदार्थ युक्त फोर्टिफाइड राइस (चावल) के राष्ट्रव्यापी वितरण के लिए रोडमैप तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं। इस सन्दर्भ में केन्द्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान तथा नीति आयोग के वाईस चेयरमैन राजीव कुमार के बीच समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया।
मुख्य बिंदु: फरवरी, 2019 में केंद्र सरकार ने “Fortification of Rice and its Distribution under Public Distribution System” नामक योजना को स्वीकृति दी थी, यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इस पायलट योजना को तीन वर्षों के लिए स्वीकृत किया गया है, इसकी शुरुआत 2019-20 से होगी।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को आयरन, विटामिन बी-12 तथा फोलिक एसिड युक्त फोर्टिफाइड राइस (चावल) उपलब्ध करवाए जायेंगे। योजना के शुरूआती चरण में प्रत्येक राज्य में एक जिले में इसका क्रियान्वयन किया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया फिट इंडिया मूवमेंट-
- देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर “फिट इंडिया मूवमेंट” लांच किया। इस अवसर पर खेल मंत्री किरेन रिजीजू तथा इस वर्ष के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेता भी मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु: इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल अति आवश्यक है, इससे देश वासियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता के कारण लोगों की शारीरिक सक्रियता में काफी कमी आ गयी है और काफी लोग अपनी फिटनेस के प्रति उदासीन हैं। कम शारीरिक सक्रियता तथा जीवनशैली के कारण रक्तचाप तथा मधुमेह जैसे कई रोग हो सकते हैं, इन रोगों से जीवनशैली में बदलाव करके तथा शारीरिक क्रिया व व्यायाम द्वारा बचा जा सकता है। गौरतलब है कि चीन, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में भी इस तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
पाकिस्तान ने किया “गजनवी” मिसाइल का परीक्षण-
- पाकिस्तान ने “गजनवी” मिसाइल का परीक्षण कर लिया है, यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर की रेंज तक अपने लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है। यह एक बैलिस्टिक मिसाइल है।
मुख्य बिंदु: इस मिसाइल के दायरे में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान तथा गुजरात आ जायेंगे। “गजनवी” सतह से सतह तक मार कर सकने वाली मिसाइल है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 26 अगस्त को भारत को इस परीक्षण के बारे में सूचित किया था क्योंकि अक्टूबर,2005 में भारत और पाकिस्तान के बीच में मिसाइल टेस्ट प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये गये थे, इस प्रोटोकॉल के तहत इस प्रकार के परीक्षण से पूर्व दूसरे देश को सूचित करना आवश्यक है।
गौरतलब है कि जब से भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया है, तब से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध काफी तनावपूर्ण हो गये हैं। पाकिस्तान लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार करने का प्रयास कर रहा है, जिसमे उसे कोई विशेष सफलता नहीं मिली है।
इटली के स्ट्रोमबोली ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ-
- हाल ही में इटली के स्ट्रोमबोली ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ। इस ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा और धुल का गुबार मीलों दूर से दृश्यमान है। गौरतलब है कि यह दो महीने में दूसरा विस्फोट है। जुलाई में भी इस ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था।
स्ट्रोमबोली ज्वालामुखी: स्ट्रोमबोली इटली में एक छोटा सा द्वीप है। स्ट्रोमबोली 926 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस द्वीप में इटली के तीन सक्रीय ज्वालामुखियों में से एक ज्वालामुखी ‘स्ट्रोमबोली’ ज्वालामुखी स्थित है। इस ज्वालामुखी में पिछले 2000 वर्षों से विस्फोट हो रहे हैं।
दिल्ली सरकार शुरू करेगी “10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट – हर रविवार, डेंगू पर वार” = पहल-
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 1 सितम्बर से 10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट – हर रविवार, डेंगू पर वार” नामक पहल शुरू करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य डेंगू तथा चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए कार्य करना है। इस कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार ने सभी लोगो को प्रत्येक रविवार को सुबह 10 बजे 10 मिनट तक अपने घर में तथा आस पास रुके हुए पानी के स्त्रोत ढूँढने का आग्रह किया है, क्योंकि डेंगू के मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपते हैं।
राजीव गौबा ने कैबिनेट सचिव का कार्यभार संभाला-
- राजीव गौबा ने कैबिनेट सचिव का कार्यभार संभाल लिया है, उनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। वे प्रदीप कुमार सिन्हा का स्थान लेंगे। राजीव गौबा 1982 बैच के झारखण्ड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे गृह मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत्त थे।
कैबिनेट सचिवालय: कैबिनेट सचिवालय प्रधानमंत्री के अधीन कार्य करता है। इसे भारत सरकार (कार्य वितरण) नियम, 1961 के तहत कार्य सौंपा गया है। यह कैबिनेट, कैबिनेट की समितियों इत्यादि को सचिव सम्बन्धी सहायता उपलब्ध करवाता है।
कैबिनेट सचिव: कैबिनेट सचिव, कैबिनेट सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है। कैबिनेट सचिव सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है। गौरतलब है कि कैबिनेट सचिव भारत सरकार में सबसे ऊपर का कार्यकारी अधिकारी तथा सबसे वरिष्ठ सिविल सर्वेंट (आईएएस कैडर) होता है। एन. आर. पिल्लई स्वतंत्र भारत के प्रथम कैबिनेट सचिव थे, उन्होंने 6 फरवरी, 1950 से 13 मई, 1953 तक कार्य किया है। सबसे लम्बे समय तक कार्य करने वाले कैबिनेट सचिव वाई.एन. सुकथनकर थे, उन्होंने 14 मई, 1953 से 31 जुलाई, 1957 तक कार्य किया।
परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस : 29 अगस्त-
- प्रतिवर्ष 29 अगस्त को परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों तथा परीक्षणों के प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा परमाणु हथियार मुक्त विश्व बनाने के लिए प्रयास करना है।
- इस दिवस के द्वारा विश्व में शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देना का प्रयास किया जाता है तथा परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के लिए प्रयास किये जाते हैं। इस दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसम्बर, 2009 में प्रस्ताव 64/35 पारित करने के पश्चात् की थी। परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस को पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया।
29 अगस्त ही क्यों?-
- 29 अगस्त, 1991 को सेमीपलातिन्स्क परमाणु परीक्षण स्थल को बंद किया गया था, इसकी स्मृति में 29 अगस्त को परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। सेमीपलातिन्स्क सोवियत संघ का महत्वपूर्ण परमाणु हथियार परीक्षण स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी कजाखस्तान में स्थित है। गौरतलब है कि सोवियत संघ ने 1949 से लेकर 1989 तक सेमीपलातिन्स्क परमाणु परीक्षण स्थल में 456 परमाणु परीक्षण किया (340 भूमिगत तथा 116 वायुमंडलीय विस्फोट : यह 2500 हिरोशिमा परमाणु बम के बराबर है) ।