सुगम्य भारत अभियान
हाल ही में भारत सरकार ने सुगम्य भारत अभियान की डेडलाइन को बढ़ाकर मार्च, 2020 कर दिया है। इस अभियान का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाना है।
सुगम्य भारत अभियान
सुगम्य भारत अभियान को 3 दिसम्बर, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लांच किया गया था। इसका उद्देश्य देश भर में दिव्यांग जनों के लिए सुगम्यता सुनिश्चित करना है। इसके तहत स्कूलों, अस्पतालों, कार्यस्थलों, परिवहन स्थलों में दिव्यांग जनों की आवाजाही को निर्बाध बनाना है।
इस अभियान का लक्ष्य कम से कम 50% सरकारी भवनों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाना है। इस अभियान को तीन चरणों में पूरा किया जाना था। पहले चरण में 2016 के अंत तक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाने की योजना थी, दूसरे चरण में 25% सार्वजनिक परिवहन वाहनों को 2017 के अंत तक सुगम्य बनाने का लक्ष्य था। तीसरे चरण में 50% सरकारी भवनों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम बनाने का लक्ष्य रखा गया था।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की स्थापना 1851 में की गयी थी।
- यह संगठन भारत में भू-सर्वेक्षण तथा अध्ययन का कार्य करता है।
- इसका मुख्यालय कलकत्ता में स्थित है।
- इसकी स्थापना आरम्भ में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत के पूर्वी हिस्से में कोयला क्षेत्रों की खोज करना था।
- वर्तमान में बिपुल पाठक GSI के कार्यवाहक महानिदेशक हैं।
दिशा एक्ट क्या है?
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने हाल ही में आंध्र प्रदेश क्रिमिनल लॉ संशोधन बिल (आन्ध्र प्रदेश दिशा बिल, 2019 अथवा दिशा बिल) को पारित कर दिया है, इस बिल के द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
मुख्य बिंदु
इस बिल के द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए कड़ी सजा दी जायेगी, इस बिल का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा कैबिनेट ने महिला व बाल अधिनियम, 2019 के तहत महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए विशेष न्यायालय की स्थापना को भी मंज़ूरी दी है। यह कोर्ट पोक्सो अधिनियम के तहत आने वाले मामलों की सुनवाई भी करेंगे।
इस बिल के मुताबिक मामले के पंजीकरण के 21 दिन के भीतर निर्णय घोषित किया जाना चाहिए। इसके तहत बलात्कार तथा तेजाब हमलों को विशेष महत्व दिया जायेगा। इस नए कानून में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।
इस नए कानून के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन शोषण के अपराधों के लिए दोषियों को 10 से 14 वर्ष कैद की सजा दी जा सकती है। इस कानून के तहत उन लोगों के विरुद्ध भी कड़ी कारवाई की जायेगी जो सोशल मीडिया पर महिलाओं के विरुद्ध अभद्र पोस्ट अपलोड करते हैं, इस मामले में पहली बार अपराध करने वाले व्यक्ति को दो वर्ष की जेल की सज़ा तथा दूरी बार अपराध दोहराने वाले व्यक्ति को चार वर्ष कैद की सजा दी जा सकती है।
मेड्रिड में किया गया COP 25 का आयोजन
स्पेन की राजधानी मेड्रिड में विश्व के वार्षिक जलवायु सम्मेलन ‘COP-25’ (कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज) का आयोजन किया गया। चिली देश ने जारी विरोध प्रदर्शन के चलते COP-25 की मेजबानी से अलग हुआ है। इस शिखर सम्मेलन में ‘एमिशन गैप रिपोर्ट’ को जारी किया गया, इसके अलावा ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट को भी जारी किया गया।
कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज क्या है?
कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) की सर्वोच्च निर्णय निर्माता संस्था है। यदि कोई देश सत्र की मेजबानी की पेशकश नहीं करता है तो सत्र की मेजबानी बोन (UNFCCC के सचिवालय) में की जाती है। पहली COP बैठक का आयोजन मार्च 1995 में जर्मनी के बर्लिन में किया गया था।
इस सम्मेलन में कन्वेंशन के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाती है। COP की अध्यक्षता बारी-बारी से पांच मान्यता प्राप्त क्षेत्रों (एशियाई, मध्य व पूर्वी यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन तथा पश्चिमी यूरोप इत्यादि) के द्वारा की जाती है।
FASTag क्या है?
FASTag इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली है, इसका संचालन राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। FASTag के द्वारा टोल प्लाजा में रुके बिना ही व्यक्ति के खाते से टोल चार्ज अपने आप कट जायेगा, अब टोल कर अदा करने के लिए गाड़ी रोकने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।
FASTag एक प्रीपेड अकाउंट से जुड़े हुए होते हैं, इसके द्वारा टोल प्लाजा से गुजरते हुए व्यक्ति के खाते से टोल अपने आप ही कट जायेगा। FASTag के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।
FASTag की विशेषताएं
- FASTag को ग्राहक अपनी पसंद के बैंक खाते से लिंक कर सकते हैं।
- इससे ग्राहकों को काफी सुविधा होगी।
- FASTag एप्प की सहायता से किसी भी FASTag को रिचार्ज किया जा सकता है।
- बाद में FASTag का उपयोग पेट्रोल पंप पर इंधन को खरीदने के लिए भी किया जा सकता है।
रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID)
रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का उपयोग करता है, यह उन टैग्स को डिटेक्ट करता है जिनमे इलेक्ट्रानिकली सूचना स्टोर की जाती है।
एक द्वि-मार्गीय रेडियो ट्रांसमीटर-रिसीवर टैग के लिए सिग्नल भेजता है तथा उसकी प्रतिक्रिया का अध्ययन करता है। RFID रीडर टैग के लिए एक एनकोडेड रेडियो सिग्नल भेजता है। टैग इस सिग्नल को रिसीव करता है तथा अपनी पहचान के साथ कुछ और सूचना को वापस भेजता है।
आज से NEFT की सुविधा 24*7 उपलब्ध होगी
आज (16 दिसम्बर) से NEFT (National Electronic Funds Transfer) की सुविधा 24*7 उपलब्ध होगी, इससे पहले NEFT की सुविधा केवल बैंक के काम करने के घंटे के दौरान ही उपलब्ध होती थी। इससे पहले NEFT के द्वारा किये जाने वाले लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को भी ख़त्म किया गया था, यह देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
NEFT क्या है?
NEFT का पूर्ण स्वरुप National Electronic Funds Transfer है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर सिस्टम है, इसे नवम्बर, 2005 में शुरू किया गया था। NEFT के द्वारा बैंक ग्राहक किसी दूसरे बैंक खाते में पैसे भेज सकते हैं। NEFT धन हस्तांतरण का समायोजन हर आधे घंटे बाद करता है। 11 जून को भारतीय रिज़र्व बैंक ने NEFT लेनदेन पर लगाए जाने वाले शुल्क को हटाने की घोषणा की थी, यह निर्णय 1 जुलाई, 2019 से लागू हो गया है। इससे पहले NEFT से किये जाने वाले लेनदेन पर मामूली शुल्क लिया जाता था, 10,000 रुपये तक के लेनदेन पर 2.50 रुपये शुल्क लगता था, जबकि 10,000 से एक लाख रुपये तक के लेनदेन पर 5 रुपये का शुल्क लगता था।
मित्र शक्ति-VII अभ्यास का समापन हुआ
- भारत और श्रीलंका के बीच मित्र शक्ति नामक युद्ध अभ्यास का आयोजन किया गया। इसका समापन 14 दिसम्बर पुणे में हुआ, इस सैन्य अभ्यास का आयोजन भारत और श्रीलंका के बीच सैनिक कूटनीति के हिस्से के रूप में प्रतिवर्ष किया जाता है।
मुख्य बिंदु
- इस अभ्यास के द्वारा दोनों देशों के बीच सैन्य सम्बन्ध मज़बूत बनेंगे। इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे से अपने अनुभव तथा अपनी विशेषज्ञता को साझा करेंगी। इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद से निपटने के लिए अभ्यास करना है।
- मित्र शक्ति अभ्यास की शुरुआत 2012 में हुई थी। इसकी शुरुआत दक्षिण एशिया तथा हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से हुई थी। भारत और श्रीलंका की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी एक साथ कार्य करती हैं।