DRDO ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के संस्करणों का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में किया गया। पहले मिसाइल के भूमि संस्करण का परीक्षण मोबाइल लांचर से किया गया। जबकि ब्रह्मोस के वायु संस्करण का परीक्षण भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान से किया गया। इन दोनों परीक्षणों में मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया।

ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम दो नदियों के नामों को जोड़कर बनाया गया है, यह नाम भारतीय नदी “ब्रह्मपुत्र” तथा रूस की “मोस्कवा” नदी के नाम को मिलाकर बनाया गया है। इस मिसाइल की रेंज लगभग 290 किलोमीटर है।

ब्रह्मोस एक माध्यम रेंज की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, इसे पनडुब्बी, समुद्री जहाज़, लड़ाकू विमान व ज़मीन से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस रूस की NPO और भारत के DRDO के बीच एक संयुक्त उपक्रम है। ब्रह्मोस मिसाइल 3 मैक (ध्वनि से तीन गुना तेज़) की गति से अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है। वर्तमान में इसकी गति को 5 मैक तक करने पर कार्य किया जा रहा है। यह मिसाइल रूसी मिसाइल पी-800 ओनिक्स पर आधारित है। इस मिसाइल का नाम भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की नदी मोस्कवा के नाम को मिलाकर ‘ब्रह्मोस’ रखा गया है। वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल के हाइपरसोनिक संस्करण को विकसित किया जा रहा है, यह हाइपरसोनिक संस्करण 7-8 मैक की गति से लक्ष्य भेदने में सक्षम होगी। फिलहाल यह हाइपरसोनिक संस्करण लगभग 2020 में परीक्षण के लिए तैयार होगा।

दक्षिण सूडान में कार्यरत्त भारतीय शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया

दक्षिण सूडान में कार्यरत्त 850 भारतीय शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया। भारतीय सैनिकों को यह सम्मान सूडान में शांति स्थापित करने में उनके योगदान तथा निस्वार्थ सेवा के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान  में दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMISS – United Nations Mission in South Sudan) में 2,342 भारतीय सैनिक तथा 25 पुलिस कर्मचारी कार्यरत्त हैं।

दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMISS – United Nations Mission in South Sudan)

इसकी शुरुआत जुलाई, 2011 में उस समय की गयी थी जब दक्षिण सूडान ने सूडान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। अब तक इस मिशन के दौरान 67 संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की मृत्यु हो चुकी है। मार्च, 2019 में UNMISS में लगभग 19,400 कर्मचारी कार्यरत्त थे। भारत UNMISS के लिए सैनिक प्रदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, इसमें भारत के 2,337 सैनिक कार्यरत्त हैं। UNMISS में सर्वाधिक सैनिक रवांडा से हैं, इसमें रवांडा के 2,750 सैनिक कार्यरत्त हैं।

 

NPCI द्वारा UPI का निर्यात किया जाएगा

  • NPCI द्वारा UPI का निर्यात किया जाएगा, इसके लिए UPI की सब्सिडियरी की स्थापना की जायेगी। इससे पहले सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल 2019 में BHIM UPI को प्रदर्शित किया गया। यह BHIM UPI के अंतर्राष्ट्रीयकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

UPI

  • UPI 2016 में नोटबंदी से पहले लॉन्च किया गया था। यह उपयोगकर्ताओं को बैंक विवरण दर्ज किए बिना किसी भी खाते में अपने खाते से पैसे भेजने में सक्षम बनाता है। UPI में लेनदेन Email Id और QR कोड का उपयोग करके किया जाता है। UPI के लॉन्च के पीछे मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना था।

राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation  of India)

  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारत में खुदरा भुगतान से सम्बंधित कार्य करता है। इसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रमोट किया जाता है। इसकी स्थापना 2008 में गैर-लाभकारी संस्था के रूप में की गयी थी। भारत के स्वदेशी पेमेंट कार्ड ‘RuPay’ के विकास में NPCI की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी।

 

विश्व आर्थिक फोरम के लिंग भेद सूचकांक में भारत को 112वां स्थान प्राप्त हुआ

  • हाल ही में विश्व आर्थिक फोरम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत को लिंग भेद सूचकांक में भारत को 112वां स्थान प्राप्त हुआ। 2018 में भारत 108वें  स्थान पर था।
  • इस रिपोर्ट को प्रतिवर्ष विश्व आर्थिक फोरम द्वारा 2006 से प्रकाशित किया जा रहा है। लिंग भेद सूचकांक के द्वारा चार मुख्य बिंदुओं- आर्थिक अवसर, राजनीतिक सशक्तिकरण, शिक्षा प्राप्ति तथा स्वास्थ्य में लिंग समानता को मापा जाता है।
  • इस वर्ष लिंगभेद सूचकांक में आइसलैंड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। जबकि नॉर्वे को दूसरा, फ़िनलैंड को तीसरा तथा स्वीडन को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है।

टॉप 10 देश

  1. आइसलैंड
  2. नॉर्वे
  3. फ़िनलैंड
  4. स्वीडन
  5. निकारगुआ
  6. न्यूजीलैंड
  7. आयरलैंड
  8. स्पेन
  9. रवांडा
  10. जर्मनी

विश्व आर्थिक फोरम  (WEF)

यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, इसकी स्थापना क्लाउस श्वाब ने सार्वजनिक-निजी सहयोग के द्वारा विश्व की स्थित में सुधार के लिए की थी। इसकी स्थापना 1971 में की गयी थी। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, यह अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करता है। यह संगठन राजनीती, व्यापार, शिक्षा तथा उद्योग इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों के लीडर्स के भी कार्य करता है।

 

सूर्य किरण सैन्य अभ्यास का समापन हुआ

भारत और नेपाल के बीच ‘सूर्य किरण’ सैन्य अभ्यास का समापन 16 दिसम्बर, 2019 को हुआ। यह एक वार्षिक अभ्यास है, इसका आयोजन बारी-बारी से भारत और नेपाल में किया जाता है।

सूर्य किरण XIV

इस वर्ष के ‘सूर्य किरण’ अभ्यास में भारत और नेपाल की सेनाओं से लगभग 300 सैनिकों ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं  ने उग्रवाद रोधी रणनीतियां एक-दूसरे के साथ साझा की। इसके अतिरिक्त मानवीय सहायता मिशन पर भी दोनों सेनाओं ने मिलकर कार्य किया।

उद्देश्य : इस अभ्यास के तहत दोनों देशों के सेनाओं के बीच बटालियन स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसके द्वारा जंगली क्षेत्र में इंटरओपेराबिलिटी में वृद्धि होगी। इस अभ्यास में मुख्य फोकस आतंकवाद रोधी ऑपरेशनक, मेडिकल तथा मानवीय सहायता, आपदा राहत इत्यादि कार्य पर हैं।

यह अभ्यास दोनों देशों की सुरक्षा चुनौतियों को मध्यनजर रखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है। इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच के संबंधों में भी मजबूती आएगी।

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