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अलग “भील प्रदेश” की मांग
GS-2 : मुख्य परीक्षा : राजव्यवस्था
संदर्भ:
भील जनजाति एक अलग राज्य “भील प्रदेश” की मांग कर रही है।
भील प्रदेश क्या है?
- राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से काटे गए 49 जिलों से बना।
- सर्वप्रथम 1913 में भील समाज सुधारक गोविंद गुरु द्वारा मानगढ़ नरसंहार (जिसे कभी-कभी “आदिवासी जलियांवाला” भी कहा जाता है) के बाद इसकी मांग की गई थी।
भील जनजाति:
- मुख्य रूप से राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में रहती है।
- माना जाता है कि उनका नाम द्रविड़ शब्द “बिल्लु” से आया है जिसका अर्थ धनुष और तीर है।
भारत में राज्य निर्माण/नामकरण की प्रक्रिया:
- संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को सशक्त करता है:
- नए राज्य बनाना
- राज्य क्षेत्रफल बढ़ाना/घटाना
- राज्य की सीमाओं में परिवर्तन करना
- राज्यों का नाम बदलना
- राष्ट्रपति की सिफारिश और राज्य विधानमंडल की राय (बाध्यकारी नहीं) की आवश्यकता होती है।
- राज्यों के नाम बदलने के लिए कानून (अनुच्छेद 3 के तहत) संशोधन नहीं हैं और इसके लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है।
अलग राज्य की मांग के कारण:
- भाषाई और सांस्कृतिक पहचान: विशिष्ट भाषा और संस्कृति की रक्षा।
- क्षेत्रीय असमानताएं: क्षेत्रों के बीच आर्थिक और विकास अंतराल को दूर करना।
- राजनीतिक प्रतिनिधित्व: सरकार में उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना।
- संसाधन आवंटन: पानी और भूमि जैसे संसाधनों का समान वितरण।
- ऐतिहासिक शिकायतें: पिछले अन्याय और भेदभाव को दूर करना।
राज्य विभाजन की चुनौतियाँ:
- राजनीतिक विरोध: निहित स्वार्थ वाले हितधारकों का प्रतिरोध।
- प्रशासनिक पुनर्गठन: नई प्रशासनिक इकाइयों का निर्माण और संसाधन पुनर्वितरण।
- संसाधन आवंटन: नए राज्यों के बीच संसाधन विभाजन पर विवाद।
- सामाजिक एकीकरण: विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक सामंजस्य पर संभावित दबाव।
आगे का रास्ता:
प्रतिद्वंद्वी हितों को संतुलित करने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श और बातचीत की आवश्यकता है।