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वायु प्रदूषण रिपोर्ट 2024
GS-3 : मुख्य परीक्षा : पर्यावरण संरक्षण
वायु प्रदूषण – एक वैश्विक खतरा
- वर्ष 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 8.1 मिलियन मौतें हुईं (स्रोत: वायु प्रदूषण रिपोर्ट 2024)।
- इन मौतों में से 90% से अधिक PM2.5 प्रदूषण के कारण हुईं (7.8 मिलियन)।
- उच्च रक्तचाप के बाद, वायु प्रदूषण विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है।
- दुनिया की 99% आबादी अस्वस्थ्य PM2.5 स्तरों वाली हवा में सांस लेती है।
भारत का संघर्ष
- भारत और चीन: वैश्विक वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आधे से अधिक (54%) हिस्सा इन दोनों देशों (क्रमशः 2.3 और 2.1 मिलियन) का है।
- वायु प्रदूषण: भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण (कुपोषण के बाद)।
- उच्च ओजोन जोखिम: भारत के लिए एक और चिंता का विषय, श्वसन संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
वायु प्रदूषण को समझना
- वायु प्रदूषण तब होता है जब हानिकारक पदार्थ जैसे कण, गैस या धूल हवा को दूषित कर देते हैं।
- आम प्रदूषकों में PM2.5, NO2, SO2, O3, CO, VOCs और लेड शामिल हैं।
- स्रोत: प्राकृतिक (ज्वालामुखी, जंगल की आग) और मानवीय गतिविधियां (उद्योग, परिवहन, कृषि)।
- स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: श्वसन संबंधी समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं, फेफड़ों का कमजोर होना।
- पर्यावरणीय प्रभाव: पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान, जैव विविधता का ह्रास, जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, फसल क्षति।
- आर्थिक बोझ: प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के कारण स्वास्थ्य देखभाल लागत में वृद्धि।
भारत में सरकारी पहल
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) (2019): लक्षित शहरों और क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य रखता है। रणनीतियों में बेहतर निगरानी, सख्त उत्सर्जन मानक और सार्वजनिक जागरूकता शामिल हैं।
- भारत स्टेज VI (बीएस-VI) उत्सर्जन मानक (2020): पूरे देश में वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन और उन्नत उत्सर्जन नियंत्रण प्रौद्योगिकियों को अनिवार्य बनाता है।
- प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई): प्रदूषणकारी बायोमास विधियों को बदलने के लिए स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन (एलपीजी) को बढ़ावा देता है।
- फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना: उत्सर्जन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (ग्रीहा): स्थायी निर्माण प्रथाओं और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देता है।
- अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम: स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल ठोस कचरे का समाधान करती हैं और कचरा जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्वच्छ निपटान विधियों को बढ़ावा देती हैं।