30/10/2019 करेंट अफेयर्स (Prelims Sure Shot) हिंदी में
दिव्यांगजन और 80 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक को डाक-मतपत्र से अपना वोट देने की अनुमति
- निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर विधि और न्याय मंत्रालय ने चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन किया है.
- इस संशोधन के बाद दिव्यांगजन और 80 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक अब अपना वोट डाक-मतपत्र से दे सकेंगे.
- ऐसे मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र तक जाकर निर्धारित प्रक्रिया के तहत वोट देने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा.
- संशोधित नियम के अनुसार संबंधित व्यक्ति को नए फॉर्म 12D में आवेदन करना होगा.
- यह आवेदन-पत्र चुनाव अधिसूचना जारी होने के पांच दिन के अंदर चुनाव अधिकारी तक पहुंच जाने चाहिए.
- आवेदन मिलने के बाद मतदाता को डाक मतपत्र जारी किया जाएगा.
- वोट दर्ज कराए जाने के बाद डाक मतपत्र निर्दिष्ट केंद्र में जमा कराए जाएंगे
डाक मतदान के बारे में :
- डाक मतदान उन मतदाताओं द्वारा प्रयोग में लाया जाता है जो विभिन्न कारणों से अपने क्षेत्र में वोट डालने के लिए प्रत्यक्ष रूप में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग इन मतदाताओं को डाक मतदान के माध्यम से वोट डालने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
- वक्त के साथ-साथ इसकी व्यवस्थाओं को भी अपडेट किया जाता रहा है। अब डाक मतदान ई-डाक मतदान प्रणाली से भी होने लगा है। इसके साथ ही हर चुनाव में जब मतपत्रों की गणना की जाती है तो सर्वप्रथम डाक मतपत्रों को ही गिना जाता है।
- इस व्यवस्था का उपयोग चुनाव ड्यूटी में सेवा देने वाले अधिकारी, भारत सरकार के सशस्त्र बलों के कर्मचारी, देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी, सेना अधिनियम 1950 के तहत ओने वाले सभी बल के द्वारा किया जाता है।
यह है प्रक्रिया
- चुनाव आयोग द्वारा हर चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या पहले से निर्धारित की जा चुकी होती है।
- इस प्रकिया में सबसे पहले खाली डाक मतपत्र को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मतदाता तक पहुंचाया जाता है।
- अगर मतदाता किसी ऐसी जगह है जहां इलेक्ट्रॉनिक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है तो वहां डाक सेवा के माध्यम से मतपत्र को भेजा जाता है।
- यदि किसी कारण से मतदाता अपने इस अधिकार का प्रयोग नहीं कर पाता है तो यह मतपत्र लौट आता है।
कब से हुई शुरूआत
- 21 अक्टूबर, 2016 को भारत सरकार द्वारा चुनाव नियामावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन कर इस सेवा को मतदाताओं हेतु अधिसूचना जारी कर शुरू किया गया था।
- इसके बाद ई-डाक के माध्यम से मतदान करने की सुविधा शुरू हुई।
राष्ट्रपति ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व क्षेत्र में पहला राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 29 अक्टूबर को कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility) क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए 19 कंपनियों को राष्ट्रीय CSR पुरस्कार प्रदान किया.
- इस पुरस्कार की तीन श्रेणियां- CSR में उत्कृष्टता के लिए कॉरपोरेट पुरस्कार, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में CSR के क्षेत्र में कॉरपोरेट पुरस्कार और राष्ट्रीय प्राथमिकता योजनाओं में योगदान के आधार पर पुरस्कार थीं. पुरस्कार के लिए 528 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं. इनमें से तीन वर्गों में पुरस्कार के लिए 19 कंपनियों का चयन किया गया था.
कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी क्या है (Corporate Social Responsibility )
- जैसा कि हमें पता है कि कम्पनियाँ किसी उत्पाद को बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करती हैं, प्रदूषण को बढ़ावा देती हैं और अपनी जेबें भरतीं हैं; लेकिन इस ख़राब प्रदूषण का नुकसान समाज में रहने वाले विभिन्न लोगों को उठाना पड़ता है; क्योंकि इन कंपनियों की उत्पादक गतिविधियों के कारण ही उन्हें प्रदूषित हवा और पानी का उपयोग करना पड़ता है.
- लेकिन इन प्रभावित लोगों को कंपनियों की तरफ से किसी भी तरह का सीधे तौर पर मुआवजा नही दिया जाता है. इस कारण ही भारत सहित पूरे विश्व में कंपनियों के लिए यह अनिवार्य बना दिया गया कि वे अपनी आमदनी का कुछ भाग उन लोगों के कल्याण पर भी करें जिनके कारण उन्हें असुविधा हुई है. इसे कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (CSR) कहा जाता है.
भारत में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के दायरे में कौन कौन आता है?
- भारत में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (CSR) के नियम अप्रैल 1, 2014 से लागू हैं.
- इसके अनुसार जिन कम्पनियाँ की सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये या सालाना आय 1000 करोड़ की या सालाना लाभ 5 करोड़ का हो तो उनको CSR पर खर्च करना जरूरी होता है.
- यह खर्च तीन साल के औसत लाभ का कम से कम 2% होना चाहिए.
- CSR नियमों के अनुसार, CSR के प्रावधान केवल भारतीय कंपनियों पर ही लागू नहीं होते हैं, बल्कि यह भारत में विदेशी कंपनी की शाखा और विदेशी कंपनी के परियोजना कार्यालय के लिए भी लागू होते हैं.
C.S.R. में क्या क्या गतिविधियाँ की जा सकती हैं
C.S.R. के अंतर्गत कंपनियों को बाध्य रूप से उन गतिविधियों में हिस्सा लेना पड़ता है जो कि समाज के पिछड़े या बंचित वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए जरूरी हों.
इसमें निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होती हैं :
1. भूख, गरीबी और कुपोषण को खत्म करना
2. शिक्षा को बढ़ावा देना
3. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधारना
4. पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना
5. सशस्त्र बलों के लाभ के लिए उपाय
6. खेल गतिविधियों को बढ़ावा देना
7. राष्ट्रीय विरासत का संरक्षण
8. प्रधान मंत्री की राष्ट्रीय राहत में योगदान
9. स्लम क्षेत्र का विकास करना
10. स्कूलों में शौचालय का निर्माण
भारत और फ्रांस की सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’:
- भारत और फ्रांस की सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक चलेगा.
- यह अभ्यास राजस्थान में विदेशी सैनिकों के लिए निर्धारित प्राशिक्षण केन्द्र महाजन फिल्ड फाइरिंग रेंज में होगा.
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल, सहयोग और एक दूसरे के युद्ध कौशल के बारे में आपसी समझ स्थपित करना है.
दिल्ली में महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा:
- दिल्ली में महिलाओं को 29 अक्टूबर से सार्वजनिक बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा मिलेगी.
- योजना के अनुसार बस कंडक्टर मुफ्त यात्रा के लिए प्रत्येक महिला यात्री को दस रुपये का पिंक टिकट देंगे.
- बाद में सरकार जारी टिकटों की संख्या के आधार पर बस मालिकों को इस राशि का भुगतान करेगी.