3 फरवरी 2019 : द हिन्दू एडिटोरियल ( Arora IAS)
प्रश्न – बजट 2020 का विश्लेषण करें और अपने विचार व्यक्त करें।
संदर्भ – वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट की प्रस्तुति
- केंद्रीय बजट को “आसानी से रहने” के समग्र विषय पर संरचित किया गया है। यह किसान हितैषी पहलों जैसे कि कृषि ऋण लक्ष्य 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये से हासिल किया गया है; “किसान रेल” और “कृषि उदयन” की योजनाएँ एक निर्बाध राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला के लिए पेरिशबल्स के लिए हैं; और 20 लाख किसानों को स्टैंड-अलोन सोलर पंप स्थापित करने के लिए पीएम-कुसुम का विस्तार।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में, बजट में गरीब लोगों के लिए पीएम जन आरोग्य योजना के तहत 20,000 से अधिक सशक्त अस्पतालों का प्रस्ताव है; और जन औषधि केंद्र योजना का विस्तार सभी जिलों में 2024 तक 2000 दवाओं और 300 सर्जिकल की पेशकश।
- उदय योजना को समर्थन देने के लिए 2024 तक 100 और हवाई अड्डों के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलता है; और पीपीपी मोड के माध्यम से 150 यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाना है।
- मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थानों के माध्यम से अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड पाठ्यक्रम शुरू करना और भारतीय विरासत और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का एक प्रस्ताव कुछ अन्य प्रमुख आकर्षण हैं।
लक्ष्य:
- डिजिटल गवर्नेंस के माध्यम से सेवाओं के निर्बाध वितरण को प्राप्त करना
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के माध्यम से जीवन की भौतिक गुणवत्ता में सुधार करना
- आपदा लचीलापन के माध्यम से जोखिम शमन
- पेंशन और बीमा पैठ के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा।
विषय–वस्तु:
- बजट तीन प्रमुख विषयों के आसपास बुना गया है:
- आकांक्षात्मक भारत जिसमें समाज के सभी वर्गों को स्वास्थ्य, शिक्षा और बेहतर नौकरियों तक पहुंच के साथ जीवन स्तर के बेहतर स्तर की तलाश है।
- सभी के लिए आर्थिक विकास, “सबका साथ, सबका विकास, सबका विकास” के प्रधानमंत्री के उद्बोधन में इंगित किया गया।
- केयरिंग सोसायटी जो मानवीय और दयालु दोनों है
एस्पिरेशनल इंडिया के तीन घटक हैं- ए) कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास, बी) कल्याण, जल और स्वच्छता और सी) शिक्षा और कौशल
नीतिगत विशेषताएँ
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास:
कृषि ऋण
- केंद्रीय बजट में 15 लाख करोड़ रुपए कृषि ऋण प्रदान करने का लक्ष्य।
- पीएम-किसान लाभार्थियों कोKCC योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
- नाबार्ड कीपुनर्वित्त योजना को और विस्तार देना।
नीली अर्थव्यवस्था
- वर्ष 2024-25 तकमत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपए तक पहुँचाना।
- वर्ष 2022-23 तक देश में 200 लाख टनमत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
किसान रेल
- दूध, मांस और मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिये बाधा रहितराष्ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति शृंखला प्रदान करने के लिये सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है, इन एक्सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतक डिब्बे लगाए जाएंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना की शुरुआत करना
- पूर्वोत्तर ओर जनजातीय क्षेत्रों के ज़िलों को कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर सेवा का संचालन करना।
बागवानी क्षेत्र में विपणन और निर्यात को बेहतर बनाने के लिये ‘एक उत्पाद, एक ज़िला‘ की नीत
- इस योजना के तहत सभी तरह के पारंपरिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित प्रयोग करके जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा दिया जाएगा तथा जैविक उत्पादों के ऑनलाइन राष्ट्रीय बाज़ारों को मज़बूत बनाया जाएगा।
पीएम–कुसुम योजना का विस्तार
- इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में तथा 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में सहायता की जाएगी।
ग्राम भंडारण योजना
- इस योजना के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारों, कोल्ड स्टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्शा बनाया जाएगा तथा उनकी जीओ टैगिंग की जाएगी तथा किसानों के लिये स्वयं-सहायता समूहों द्वारा भंडारण व्यवस्था संचालित की जाएगी ताकि उत्पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके।
पशुधन
- दूध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 5 मिलियन टन से दोगुना कर 108 मिलियन टन के स्तर पर पहुँचाया जाएगा तथा कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
दीनदयाल अंत्योदय योजना
- गरीबी उन्मूलन के लिये 58 लाख स्वयं सहायता समूहों के साथ 50 लाख परिवारों को जोड़ा गया।
वेलनेस, जल एवं स्वच्छता
- सार्वजनिक निजी भागीदारी व्यवस्था के तहत अस्पतालों के निर्माण के लिये कम पड़ रही राशि की पूर्ति के लियेवायबिलिटी गैप फंडिंग अथवा प्रकोष्ठ बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- ऐसे ज़िले जहाँआयुष्मान योजना से जुड़े पैनल में कोई भी अस्पताल नहीं है, उन आकांक्षी ज़िलों को पहले चरण में कवर किया जाएगा।
जन औषधि केंद्र योजना
- इस योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी ज़िलों में 2000 प्रकार की दवाओं और 300 शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की सुविधा दी जाएगी।
‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ अभियान
- वर्ष 2025 तक तपेदिक को समाप्त करने की प्रतिबद्धता।
जल जीवन मिशन
- स्थानीय जल स्रोतों की संख्या बढ़ाना, मौजूदा जल स्रोतों का पुनर्भरण और जल संचय तथा खारेपन को दूर करने को प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों को चालू वित्त वर्ष के दौरान ही इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन
- ODF से जुड़ी प्रवृत्ति को बनाए रखने हेतु ‘ODF+’ के लिये प्रतिबद्धता दिखाते हुए द्रव एवं धूसर जल के प्रबंधन पर विशेष बल देना तथा ठोस अपशिष्ट को स्रोत पर ही अलग-अलग करते हुए प्रोसेसिंग पर भी फोकस करना।
शिक्षा एवं कौशल
- इस बजट के तहत एकनई शिक्षा नीति की घोषणा का प्रावधान किया गया है।
- पुलिस संबंधी विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, साइबर-फॉरेंसिक, इत्यादि के क्षेत्र मेंराष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया है।
- राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्कके अंतर्गत आने वाले शीर्ष 100 संस्थानों द्वारा डिग्री स्तर का पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी व्यवस्था के तहत एक मेडिकल कॉलेज को एक मौजूदा ज़िला अस्पताल से संबद्ध करने का प्रस्ताव किया गया है।
- ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम के तहतइंड–सैट को एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में शुरू करने का प्रस्ताव है।
आर्थिक विकास
- उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश
- निवेश मंज़ूरी प्रकोष्ठस्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- पाँच नवीन‘स्मार्ट सिटी’ को विकसित करने का प्रस्ताव है।
- वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की चार वर्षीय कार्यान्वयन अवधि के साथ 1480 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय के साथराष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन प्रारंभ किया जाएगा।
- ज़्यादा निर्यात ऋणों का वितरण सुनिश्चित करने के लिये नई योजना‘निर्विक’ प्रारंभ की जाएगी।
- गवर्नमेंट ई–मार्केटप्लेस(जेम) के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँचाने का प्रस्ताव किया गया है।
- प्रधानमंत्री केज़ीरो डिफेक्ट–जीरो इफेक्ट विनिर्माण विज़न के अनुरूप सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक जारी करेंगे।
- अवसंरचना:
- विकास के चरण और आकार के आधार पर 6500 से अधिक परियोजनाओं का वर्गीकरण किया जाएगा।
- 103 लाख करोड़ रुपए कीराष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन परियोजना की घोषणा की गई जिसके अंतर्गत IIFCL तथा NIIF जैसी अवसंरचना वित्त कंपनियों की सहायता के लिये 22000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को जल्द ही जारी किया जाएगा।
- एकल खिड़की की सुविधा आधारित लॉजिस्टिक बाज़ार की स्थापना की जाएगी।
- वर्ष 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिये 7 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव।
- राजमार्ग–
- राजमार्गों के तेज़ी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं-
- पहुँच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर
- आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर
- तटीय और भूमि पत्तन सड़कें- 2000 किलोमीटर
- रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर
- चेन्नई–बेंगलुरु एक्सप्रेस–वेकी शुरुआत होगी।
- 6000 किलोमीटर से अधिक की लंबाई वाले 12 नए राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।
- राजमार्गों के तेज़ी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं-
- भारतीय रेलः
- रेल पटरियाँ के किनारे सौर ऊर्जा की उच्च क्षमता स्थापित की जाएगी।
- 148 किलोमीटर लंबीबेंगलुरु उप–नगरीय परिवहन परियोजना के लिये 18,600 करोड़ रुपए, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा। केंद्र सरकार 20 प्रतिशत का लागत वहन करेगी और परियोजना लागत का 60 प्रतिशत बाहरी सहायता से उपलब्ध कराने की सुविधा देगी।
- भारतीय रेल की उपलब्धियाँ
- 550 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा।
- कोई मानवरहित क्रॉसिंग नहीं।
- 27000 किलोमीटर की रेल लाईन का विद्युतीकरण।
- पत्तन और जलमार्ग
- कम से कम एक बड़ेपत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सेंज में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री कीअर्थ गंगा संकल्पना के अनुरूप नदी के तटों पर आर्थिक गतिविधियों को तेज़ किया जाएगा।
- हवाई अड्डा
- उड़ान योजनाके तहत 100 और हवाई अड्डों को 2024 तक पुनर्विकसित किया जाएगा।
- इस अवधि के दौरान हवाई जहाज़ों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 हो जाने की उम्मीद की गई है।
- विद्युतः
- स्मार्ट मीटर को बढ़ावा।
- बिजली वितरण कंपनियों में सुधार के लिये विभिन्न उपाय।
- ऊर्जा:
- राष्ट्रीय गैस-ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर के विस्तार का प्रस्ताव।
- पारदर्शी मूल्य और लेन-देन में आसानी की सुविधा के लिये और सुधार किया जाएगा।
- नई अर्थव्यवस्था
- भारतनेट के माध्यम से इस वर्ष 1 लाख ग्राम पंचायतों कोफाइबर–टू–द–होम से जोड़ा जाएगा।
- वर्ष 2020-21 मेंभारतनेट कार्यक्रम के लिये 6000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव।
- नए और उभरते क्षेत्रों समेत विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों मेंज्ञान अनुवाद क्लस्टर स्थापित किये जाएंगे।
- भारत के जेनेटिक लैंडस्केप की मैपिंग के लिये एक व्यापक डाटाबेस के सृजन के लिये दो नवीन राष्ट्रीय स्तर कीविज्ञान योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा।
- क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय अभियानके लिये 5 वर्ष की अवधि हेतु 8,000 करोड़ रुपए के परिव्यय प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया।
संस्कृति और पर्यटन
- संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गतभारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप मेंपाँच पुरातत्व स्थलों का विकास किया जाएगा- राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात) और अदिचनल्लूर (तमिलनाडु)।
- कोलकाता में ऐतिहासिक टकसाल भवन मेंमुद्रा–विषयक और व्यापार पर एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
- झारखंड के रांची में एकजनजातीय संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
- अहमदाबाद के निकट हड़प्पा युग के नौवहन स्थललोथल में पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा एक पोत संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
- अत्यधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले विद्युत संयंत्रों के लिये निर्धारित मानकों के अनुरूप चलाने तथा खाली भूमि के वैकल्पिक उपयोग का प्रावधान।
- 10 लाख से अधिक जनसंख्यावाले बड़े नगरों में स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिये राज्यों के द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को कार्यान्वित करते हुए प्रोत्साहन देना।
- प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली सचिवालय के साथआपदा उन्मोचन अवसंरचना सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर सहयोगके प्रारंभ के बाद यह दूसरी अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
अभिशासन
- कर शासन में निष्पक्षता और कुशलता लाने के लियेकरदाता चार्टर का गठन किया जाएगा।
- विधानों में कार्यों के लिये सिविल प्रकृति की आपराधिक ज़िम्मेदारी को ठीक करने के लिये कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
- एक स्वतंत्र, पेशेवर, विशेषज्ञ संगठन के रूप में एकराष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना का प्रस्ताव किया गया। यह एजेंसी अराजपत्रित पदों की भर्ती के लिये कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य पात्रता परीक्षा का आयोजन करेगी। प्रत्येक ज़िले विशेष रूप से आकांक्षी ज़िलों में एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- अनुबंध अधिनियमको मज़बूत बनाया जाएगा।
- आधिकारिक सांख्यिकीय पर नवीन राष्ट्रीय नीतिबनाई जाएगी।
- भारत में 2022 में आयोजित होने वालेजी–20 सम्मेलन की अध्यक्षता के लिये तैयारियाँ शुरू करने हेतु कुल 100 करोड़ रुपए आवंटित किये जाएंगे।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा केंद्र शासित प्रदेशजम्मू–कश्मीर एवं लद्दाख के विकास के लिये विशेष आर्थिक प्रावधान किये जाएंगे।
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिये 5958 करोड़ रुपए का प्रावधान।
वित्तीय क्षेत्र
- 10 बैंकों को 4 बैंकों के तौर पर विलय को मंज़ूरी दी जा चुकी है।
- 3,50,000 करोड़ रुपए की पूंजी प्रदान की गई है।
- जमा बीमा तथा क्रेडिट गारंटी निगमने जमा बीमा दायरे को प्रति जमाकर्त्ता 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की अनुमति दी।
- बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधनद्वारा सहकारी बैंकों का सशक्तीकरण किया जाएगा।
- ऋण वसूली के लिये NBFC की पात्रता सीमा घटाई गई।
- सरकार स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से IDBI बैंक में अपनी शेष हिस्सेदारी को निजी, खुदरा तथा संस्थागत निवेशकों को बेचेगी।
- MSME के लियेएप आधारित इनवायस फाइनांसिंग लॉन प्रोडक्ट की शुरुआत।
- वित्तीय बाज़ार
- कुछ विनिर्दिष्ट सरकारी प्रतिभूतियों की श्रेणियों को गैर निवासी निवेशकों के लिये भी पूरी तरह खोला जाएगा।
- कारपोरेट बांडों में FPI की सीमा को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- IFSC गिफ्ट सिटी:इनमें अंतर्राष्ट्रीय वित्त तथा सर्वोत्तम डेटा प्रोसेसिंग का केंद्र बनने की क्षमता है।
- विनियामक के अनुमोदन से वैश्विक बाजार भागीदारों द्वारा व्यापार के लिये अतिरिक्त विकल्प के रूप में एकअंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी।
- विनिवेश
- सरकार द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश द्वारा LIC में अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव लाया गया है।
राजकोषीय प्रबंधन
- 15वें वित्त आयोगने वित्त वर्ष 2020-21 से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
- GST क्षतिपूर्ति निधि:
- वर्ष 2016-17 और 2017-18 के GST संग्रहण में से देय बकाया राशि दो किस्तों में हस्तांतरित की जानी है।
- इसके बाद इस निधि में स्थानांतरित GST क्षतिपूर्ति उपकर द्वारा संग्रहण तक ही सीमित होगा।
- वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 8 प्रतिशत राजकोषीय घाटा का अनुमान लगाया गया था और वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में में 3.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटा का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिये सुधारों का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिये चला जाएगा जो 21 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है।
विश्लेषण:
सकारात्मक बिंदु
- आधार-पैन इंटरचेंबिलिटी- कर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड को विनिमेय बनाने के लिए बजट प्रस्तावित। इसके अलावा, जिन लोगों के पास पैन नहीं है, वे बस अपना आधार नंबर उद्धृत कर सकते हैं, जहां पैन अनिवार्य है।
- एक तेज सड़क पर इलेक्ट्रिक वाहन = बजट ने घोषणा की कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन की पेशकश की जाएगी, यह कहते हुए कि सरकार पहले ही जीएसटी परिषद को ईवीएस की दर में 12% से 5% तक कटौती कर चुकी है।
- ईवीएस पर अन्य बड़ी घोषणा (ए) ईवी ऋण ब्याज पर 1.50 लाख रुपये की कर कटौती, और ईवीएस के कुछ हिस्सों पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं है।
- एक राष्ट्र, निर्बाध गतिशीलता के लिए एक कार्ड = यह इंटर-ऑपरेटेबल ट्रांसपोर्ट कार्ड RuPay कार्ड पर चलता है और धारकों को अपनी बस यात्रा, टोल टैक्स, पार्किंग शुल्क, खुदरा खरीदारी और यहां तक कि पैसे निकालने के लिए भुगतान करने की अनुमति देता है।
- इससे देश भर में मेट्रो सेवाओं और टोल टैक्स सहित कई प्रकार के परिवहन शुल्क का भुगतान लोगों को किया जा सकेगा।
- बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रु = बजट में क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये पूंजी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव था। पिछले 4 वर्षों में IBC के माध्यम से 4 लाख करोड़ से अधिक बुरे ऋणों की रिकॉर्ड रिकवरी हुई है।
- आधार आने पर एन.आर.आई.= बजट में भारत में आने के बाद भारतीय पासपोर्ट के साथ अनिवासी भारतीयों के लिए आधार कार्ड जारी करने पर विचार करने का प्रस्ताव है। अभी तक, उन्हें 180 दिनों की अवधि के लिए इंतजार करना होगा।
- एंजेल टैक्स पर राहत = स्टार्टअप के लिए एक प्रमुख राहत में, यह घोषणा की गई थी कि स्टार्टअप और निवेशक जो आवश्यक घोषणाएं दर्ज करते हैं और अपने रिटर्न में जानकारी प्रदान करते हैं, वे मूल्यांकन पर किसी भी जांच के अधीन नहीं होंगे।
- सरकार कैशलेस भुगतान पर एमडीआर शुल्क माफ करती है = 50 प्रतिशत से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों पर और उनके ग्राहकों पर भी मर्चेंट डिस्काउंट रेट नहीं लगाया जाएगा। RBI और बैंक इन लागतों को अवशोषित करेंगे। इस कदम से कैशलेस भुगतान के लिए एक बड़ा धक्का होने की उम्मीद है।
- अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए प्रति माह 3,000 रुपये पेंशन = लगभग 30 लाख श्रमिक अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कवर किए गए हैं, यह योजना 60 वर्ष के बाद अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को 3,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करती है।
- किराये के आवास का सुधार = किराया कानूनों में सुधार किया जाएगा। हाउस रेंटिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के साथ आधुनिक टेनेंसी कानून साझा किया जाएगा। वर्तमान तंत्र किरायेदार और मकान मालिक के बीच के संबंध को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं करता है।
- सिंगल ब्रांड रिटेल के लिए स्थानीय सोर्सिंग मानदंड आसान किए जाएंगे = बजट ने घोषणा की कि एकल-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के लिए स्थानीय सोर्सिंग मानदंडों को आसान बनाया जाएगा। इस प्रस्ताव से क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।
- एफआरआई मार्ग के साथ एनआरआई पोर्टफोलियो को मर्ज करना = अनिवासी भारतीयों को भारतीय इक्विटी में बेहतर और आसान पहुंच देने के उद्देश्य से, वित्त मंत्री ने एनआरआई-पोर्टफोलियो निवेश योजना मार्ग को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मार्ग के साथ विलय करने का प्रस्ताव दिया।
- जीरो-बजट खेती =वर्तमान में कुछ राज्यों में पूरे भारत में शून्य-बजट खेती को दोहराने के लिए कदम उठाया जाएगा। इसे ‘शून्य बजट’ माना जाता है क्योंकि मुख्य फसल उगाने की लागत उस आमदनी से भरपाई होती है जो किसान इंटरक्रॉप्स से कमाते हैं। इस पद्धति के तहत, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक स्थानीय रूप से उपलब्ध गोबर और गोमूत्र, गुड़ और दाल के आटे के लिए रास्ता बनाते हैं।
- शिक्षा = जल्द ही एक नई शिक्षा नीति होगी, और देश में उच्च शिक्षा में व्यापक रूप से सुधार किया जाएगा। स्टडी इन इंडिया योजना के तहत विदेशी छात्रों को लाने का प्रयास किया जाएगा। सरकार देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नए सिरे से प्रयास करेगी।
नकारात्मक बिंदु
- सूचीबद्ध कॉस के लिए शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स ट्विस्ट = सरकार वर्तमान में सूचीबद्ध फर्मों में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी को 25% से बढ़ाकर 35% करने पर विचार करेगी। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर रोक लगाने पर विचार किया जा सकता है, अगर सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाने पर अमल किया जाता है। कई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के मामले में इस खेल में अधिक प्रमोटर त्वचा होना बेहतर था क्योंकि भारत का पूंजी बाजार एक विकासशील चरण में है।
- कॉर्पोरेट कर = कॉर्पोरेट करों के लिए चरणबद्ध कटौती की योजना के तहत, बजट में 250 करोड़ रुपये के पहले के स्थान पर 400 करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार के साथ 25% कर महत्वाकांक्षी कंपनियों को लाने का प्रस्ताव है। यह कदम उन विशेषज्ञों की आलोचना के तहत आया जिन्होंने कहा था कि कर व्यवस्था सभी कंपनियों पर लागू होनी चाहिए, न कि केवल एक चुनिंदा अनुभाग। यह एक बुरा संकेत है कि पांच साल के लिए सरकार ने जो वादा किया था, वह छठे साल में भी नहीं आया।
- रक्षा = ऐसे समय में जब भारत का सुरक्षा जोखिम सर्वकालिक उच्च स्तर पर है, बजट में बलों का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया था, जो कि बड़ी ताकतों और देश दोनों के लिए एक प्रमुख संकटमोचक के रूप में आया था
- नौकरियां = आज भारत जिस सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहा है, उसे आसान करने के लिए कुछ नहीं किया गया।
- कर देने वाला = मानक कटौती और टीडीएस सीमा बजट में उल्लेख नहीं मिलता है। यह वेतनभोगी करदाता पर बोझ बढ़ाता है।
- एलटीसीजी गर्दन में दर्द बना रहता है = इक्विटी पर LTCG टैक्स को संबोधित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
- सुपर-रिच में बुरी खबर है = अमीरों के लिए, बजट एक बड़ा झटका था। वित्त मंत्री ने धन कर में कटौती की, लेकिन अमीरों के लिए अधिभार में वृद्धि की, 2-5 करोड़ 3 प्रतिशत कमाने वालों के लिए अधिभार बढ़ाने का प्रस्ताव किया और 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत से अधिक आय वालों के लिए।
- सरकार तेजी से पड़ोसियों और कॉर्पोरेट टैक्स और आयकर के उच्च स्तर के साथ अर्थव्यवस्था को असुविधाजनक बना रही है।
- ईंधन बिल = विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क और इन्फ्रास्ट्रक्चर उपकर में एक रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी पेट्रोल और डीजल पर की गई।
- RBI ने छापा मारा =सरकार को भारतीय रिज़र्व बैंक से अधिक लाभांश भुगतान की उम्मीद है, जिससे एक विवादास्पद मुद्दा वापस ध्यान में लाया जा सके।
- कुल मिलाकर = पेशेवरों और विपक्ष दोनों का विश्लेषण करके हम आशा कर सकते हैं कि पेशेवरों के लाभ विपक्ष से अधिक हैं।