भारत की परमाणु नीति क्या है

 

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भारत की परमाणु नीति क्या है

भारत की परमाणु नीति क्या है :- भारत ने 2003 में अपना परमाणु सिद्धांत अंगीकार किया था. भारत की परमाणु नीति का मूल सिद्धांत पहले उपयोग नही है. इस नीति के अनुसार भारत किसी भी देश पर परमाणु हमला तब तक नही करेगा जब कि वह देश भारत के ऊपर हमला नही कर देता है. भारत के पास परमाणु हथियारों की संख्या लगभग 110 -130 के बीच मानी जाती है जबकि पाकिस्तान के पास 130 से 150 के बीच परमाणु हथियार हैं, भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण मई 1974 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के शासनकाल में किया था. इस परमाणु परीक्षण का नाम “स्माइलिंग बुद्धा” था. इसके बाद पोखरण-2 परीक्षण मई 1998 में पोखरण परीक्षण रेंज पर किये गए पांच परमाणु बम परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा था. भारत ने 11 और 13 मई, 1998 को राजस्थान के पोरखरण परमाणु स्थल पर 5 परमाणु परीक्षण किये थे |
इस कदम के साथ ही भारत की दुनिया भर में धाक जम गई. भारत पहला ऐसा परमाणु शक्ति संपन्न देश बना जिसने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. भारत द्वारा किये गए इन परमाणु परीक्षणों की सफलता ने विश्व समुदाय की नींद उड़ा दी थी
इन परीक्षणों के कारण विश्व समुदाय ने भारत के ऊपर कई तरह के प्रतिबन्ध लगाये थे इसी कारण भारत ने विश्व समुदाय से कहा था भारत एक जिम्मेदार देश है और वह अपने परमाणु हथियारों को किसी देश के खिलाफ “पहले इस्तेमाल” नही करेगा; जो कि भारत की परमाणु नीति का हिस्सा है |

भारत ने 2003 में अपनी परमाणु नीति बनायीं थी भारत की परमाणु नीति की विशेषताएं इस प्रकार हैं
1.) भारत की परमाणु नीति का मूल सिद्धांत ” पहले उपयोग नही” है. इस नीति के अनुसार भारत किसी भी देश पर परमाणु हमला तब तक नही करेगा जब तक कि शत्रु देश भारत के ऊपर हमला नही कर देता.
2.) भारत अपनी परमाणु नीति को इतना सशक्त रखेगा कि दुश्मन के मन में भय बना रहे, इंटरसेप्टर मिसाइल क्या है और कैसे यह उपयोगी है
3.) यदि किसी देश ने भारत पर परमाणु हमला किया तो उसका प्रतिशोध इतना भयानक होगा कि दुश्मन को अपूर्णीय क्षति हो और वह जल्दी इस हमले से उबर ना सके.
4.) दुश्मन के खिलाफ परमाणु हमले की कार्यवाही करने के अधिकार सिर्फ जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों अर्थात देश के राजनीतिक नेतृत्व को ही होगा हालाँकि परमाणु कमांड अथॉरिटी का सहयोग जरूरी होगा.

5.) जिन देशों के पास परमाणु हथियार नही हैं उनके खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नही किया जायेगा.
6.) यदि भारत के खिलाफ या भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ किसी कोई रासायनिक या जैविक हमला होता है तो भारत इसके जबाब में परमाणु हमले का विकल्प खुला रखेगा.
7.) परमाणु एवं प्रक्षेपात्र सम्बन्धी सामग्री तथा प्रौद्योगिकी के निर्यात पर कड़ा नियंत्रण जारी रहेगा तथा परमाणु परीक्षणों पर रोक जारी रहेगी
8.) भारत परमाणु मुक्त विश्व बनाने की वैश्विक पहल का समर्थन करता रहेगा तथा भेदभाव मुक्त परमाणु निःशस्त्रीकरण के विचार को आगे बढ़ाएगा |
न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के अंतर्गत एक राजनीतिक परिषद् तथा एक कार्यकारी परिषद् होती है राजनीतिक परिषद् के अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होते हैं जबकि कार्यकारी परिषद् के अध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) होते हैं. NSA न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी को निर्णय लेने के लिए जरूरी सूचनाएँ उपलब्ध कराते हैं तथा राजनीतिक परिषद् द्वारा किये गए निर्देशों का क्रियान्वयन करते हैं |
यह सच है कि भारत में परमाणु हमला करने का निर्णय सिर्फ प्रधानमन्त्री के पास होता है हालाँकि प्रधानमन्त्री अकेले निर्णय नही ले सकता है प्रधानमन्त्री के पास एक स्मार्ट कोड जरूर होता है जिसके बिना परमाणु बम को नही छोड़ा जा सकता है परमाणु बम को दागने का असली बटन तो परमाणु कमांड की सबसे निचली कड़ी या टीम के पास होता है जिसे परमाणु मिसाइल दागनी होती है |

प्रधानमंत्री निम्न लोगों से राय लेकर ही हमले का निर्णय ले सकता है :-
1.) सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी
2.) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
3.) चेयरमैन ऑफ़ चीफ ऑफ़ स्टाफ कमेटी

परमाणु अप्रसार संधि को ना मानने वाले परमाणु शक्ति सम्पन्न देश भारत, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया हैं नार्थ कोरिया ने शुरुआती दौर में परमाणु अप्रसार संधि से खुद को जोड़ा लेकिन साल 2003 में वो इससे अलग हो गया, इजराइल के पास भी परमाणु हथियार होने का अनुमान लगाया जाता है लेकिन अभी तक इजराइल ने इसे स्वीकार नहीं किया है, इसके अलावा बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और टर्की परमाणु हथियारों को दूसरे देशों से शेयर करने वाले देश माने जाते हैं.

परमाणु शक्ति सम्पन्न देश :-

संयुक्त राज्य अमेरिका के पास परमाणु शक्ति :- संयुक्त राज्य अमेरिका ने 16 जुलाई साल 1945 को पहला परमाणु परीक्षण किया था. एक अनुमान के अनुसार अमेरिका के पास लगभग 6800 से अधिक परमाणु बम हैं

रूस के पास परमाणु शक्ति :- हथियारों के सबसे बड़े जखीरे के रूप में प्रसिद्ध रूस के पास 7000 से भी अधिक परमाणु हथियारों के होने का अनुमान लगाया जाता है. रूस ने 29 अगस्त साल 1949 को पहला परमाणु परीक्षण किया था.

यूनाइटेड किंगडम के पास परमाणु शक्ति :- यूनाइटेड किंगडम में पहला परमाणु परीक्षण 3 अक्टूबर साल 1952 को किया गया था. एक अनुमान के अनुसार यहां पर लगभग 215 परमाणु बम हैं

फ्रांस के पास परमाणु शक्ति :- फ्रांस ने 13 फरवरी साल 1960 को पहला सफल परमाणु परीक्षण किया था. फ्रांस के पास 300 परमाणु बमों के होने का अनुमान लगाया जाता है

चीन के पास परमाणु शक्ति :- चीन ने 16 अक्टूबर साल 1964 को पहला परमाणु परीक्षण किया था. इसके पास लगभग 270 परमाणु बमों के होने का अंदाज लगाया जाता है

भारत के पास परमाणु शक्ति :- भारत ने 18 मई साल 1974 को राजस्थान के पोखरण से पहला परमाणु परीक्षण किया था इस समय भारत के पास लगभग 110 से 120 परमाणु बम होने का अनुमान लगाया जाता है |

पाकिस्तान के पास परमाणु शक्ति :- पाकिस्तान ने साल 1998 में पहला परमाणु परीक्षण किया था. इस समय पाकिस्तान के पास लगभग 120 से 130 परमाणु बम होने का होने का अनुमान लगाया जाता है

नॉर्थ कोरिया :- 9 अक्टूबर साल 2006 को नॉर्थ कोरिया ने परमाणु परीक्षम करने के बाद परमाणु हमले की सबसे ज्यादा धमकियां दी हैं नॉर्थ कोरिया के पास कितने परमाणु हथियार हैं ये अभी तक किसी को भी पता नहीं है

इजराइल :- इजराइल ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वो एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है. एक अनुमान के अनुसार साल 1965 से साल 1979 के बीच कभी उसने सफल परमाणु परीक्षण किया था यह भी अंदाजा लगाया जाता है कि इस समय इजराइल के पास लगभग 60 साल 400 परमाणु हथियार हैं |

 

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