सरकारी बजट क्या होता है?
सरकारी बजट आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का एक वार्षिक वित्तीय विवरण होता है। या यूं कहें कि किसी एक वित्तीय वर्ष में सरकार की आय-व्यय के आकलन को बजट कहते हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनों में सरकार के वार्षिक वित्तीय विवरण की प्रस्तुति सुनिश्चित करना भारत के राष्ट्रपति का कर्तव्य है।
सरकारी बजट तीन प्रकार का होता है, पहला संतुलित बजट (Balanced Budget), दूसरा अधिशेष बजट (Surplus Budget) और तीसरा घाटा बजट (Deficit Budget)।
प्रमुख बिंदु (Key Points)
- भारत में, यूनियन बजट (सरकारी बजट) हर साल 1 फरवरी को वर्तमान वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है।
- बजट का मुख्य उद्देश्य दुर्लभ संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना है।
- इस बजट के जरिए सरकार आर्थिक नीति को लागू करती है।
- भारत में, सरकारी वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होता है।
- केंद्रीय बजट को राजस्व बजट और पूंजीगत बजट में वर्गीकृत किया जा सकता है।
सरकारी बजट के प्रकार (Types of government budget in Hindi)
1- संतुलित बजट (Balanced Budget)
2- अधिशेष बजट (Surplus Budget)
3- घाटा बजट (Deficit Budget)
संतुलित बजट – जब सरकार को प्राप्त होने वाली प्राप्तियाँ व्यय के बराबर होती हैं तो इसे संतुलित बजट कहते हैं।
संतुलित बजट के नुकसान
एक संतुलित बजट ऐसे समय में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित नहीं करता है जब कोई देश आर्थिक मंदी या अपस्फीति का सामना कर रहा हो। एक संतुलित बजट दृष्टिकोण सरकार को राजस्व से अधिक खर्च करने के लिए प्रतिबंधित करता है।
अधिशेष बजट – जब अनुमानित सरकारी राजस्व अनुमानित सरकारी व्यय से अधिक हो जाता है, तो इसे अधिशेष बजट कहा जाता है। इसका मतलब है कि सरकार की आय व्यय की राशि से अधिक है। सरकार अर्थव्यवस्था में कुल मांग को कम करने के लिए मुद्रास्फीति के समय अधिशेष बजट दृष्टिकोण का अनुसरण करती है।
घाटा बजट – जब अनुमानित सरकारी व्यय अपेक्षित सरकारी राजस्व से अधिक हो जाता है, तो इसे घाटा बजट कहा जाता है। इसका मतलब है कि सरकार उधार लेकर अपनी आमदनी से ज्यादा खर्च कर रही है। इस प्रकार का दृष्टिकोण विकासशील देशों जैसे भारत, बांग्लादेश आदि के लिए उपयुक्त है।
घाटा तीन प्रकार का हो सकता है: राजस्व घाटा, राजकोषीय घाटा और प्राथमिक घाटा।
घाटे के बजट के फायदे
घाटे का बजट अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के समय में मदद करता है।
घाटे के बजट के नुकसान
घाटे का बजट सरकार पर कर्ज के रूप में बोझ बढ़ाता है।