अंतर्राष्ट्रीय निपटान/समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि:
क्यों खबर में?
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत द्वारा मध्यस्थता के परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय निपटान करारों पर संयुक्त राष्ट्र समझौतों पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।
अंतर्राष्ट्रीय निपटान/समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि:
- इसे मध्यस्थता पर सिंगापुर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने दिसंबर 2018 में अपनाया था।
- कन्वेंशन, मध्यस्थता से उत्पन्न अंतरराष्ट्रीय निपटान समझौतों के प्रवर्तन के लिए एक समान और कुशल ढांचा प्रदान करता है और पार्टियों को ऐसे समझौतों को लागू करने की अनुमति देता है, इस रूपरेखा के अनुरूप है कि कन्वेंशन ऑन रिकॉग्निशन एंड एनफोर्समेंट ऑफ़ फॉरेन आर्बिट्रल अवार्ड्स (न्यूयॉर्क, 1958) (“न्यूयॉर्क कन्वेंशन”) मध्यस्थ पुरस्कार के लिए प्रदान करता है। कन्वेंशन दो अतिरिक्त आधारों को परिभाषित किया गया है, जिस पर न्यायालय अपने ही प्रस्ताव पर राहत देने से इंकार कर सकता है।
- ये आधार इस तथ्य से संबंधित हैं कि कोई विवाद मध्यस्थता द्वारा निपटान करने में सक्षम नहीं होगा अथवा सार्वजनिक नीति के विपरीत होगा।
भारत के हस्ताक्षर करने के लाभ:
- कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) पर अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास का पालन करने की भारत की प्रतिबद्धता के बारे में विदेशी निवेशकों को सकारात्मक संकेत मिलेगा।