CHANDRAYAAN- 2(चंद्रयान 2)

चर्चा में क्यों?

  • ISRO ने चंद्रयान 2 की प्रक्षेपण अवधि 9-16 जुलाई रखी है।15, जुलाई 2019 को इसे प्रक्षेपित किया जाएगा।

चर्चा के विषय में-

  • इसरो ने चंद्रमा के  दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग  6 सितम्बर को तय की  है,जहाँ अब तक कोई देश नहीं गया है ।
  • इस मिशन के साथ 13 पेलोड भेजे जाएंगे,इसरो ने हाल ही में सॉफ्ट-लैंडिंग की छह जटिलताओं को सूचीबद्ध किया है।

चंद्रयान 2 के विषय में

  • भारत का यह दूसरा स्वदेशी मिशन है,जिसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल हैं।
  • अंतरिक्ष यान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र( श्रीहरिकोटा-आंध्र प्रदेश )के भारी लिफ्ट बूस्टर, जीएसएलवी MKIII से  भेजा जाएगा।

 

ऑर्बिटर

  • यह चंद्रमा की सतह से 100 किमी की दूरी पर चंद्रमा की परिक्रमा करेगा।
  • 100 किमी चंद्रमा की कक्षा तक पहुँचने के बाद लैंडर, रोवर यान से अलग हो जाएगा।
  • यान की संरचना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा की गयी है।

लैंडर

  • यह लैंडर विक्रम नाम से जाना जाएगा,जो चांद पर उतरेगा।
  • लैंडर ,चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले यान से अलग होगा।
  • लैंडर एक निर्धारित स्थल पर चंद्रमा की सतह पर रोवर को नियोजित करेगा।

रोवर

  • मिशन एक छह पहियों वाले रोवर को ले जाएगा,जिसका नाम प्रज्ञान है।
  • यह धरती से दिये गए आदेशों पर अर्द्ध स्वायत्त मोड में लैंडिंग स्थल के आसपास भ्रमण करेगा।
  • पेलोड चंद्र स्थलाकृति, खनिज, मौलिक बहुतायत, चंद्र बहिर्मंडल और हाइड्रॉक्सिल और पानी बर्फ के प्रमाण की वैज्ञानिक जानकारी एकत्रित करेगा।
  • यदि यह सफल हुआ तो चंद्रयान -2,चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर एक रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा।

चंद्रयान -2 की सॉफ्ट-लैंडिग के बाद भारत दुनिया का 4था  देश  होगा। अब  तक  यह उपलब्धि केवल अमेरिका, सोवियत संघ  और  चीन  के पास थी।

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