1. बीसीजी वैक्सीन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह टीका तपेदिक के खिलाफ प्रतिरक्षा या सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. यह टीबी की पुष्टि होने पर व्यक्तियों को दिया जाने वाला टीका है।
  3. वर्ष 1978 से भारत में यूनिवर्सल बीसीजी नीति है। 

दिए गए कथनों में से कौन सा सही नहीं है?

      (A) 1 और 2

      (B) 2 और 3

      (C) 1 और 3

      (D) केवल 3

 

 

2. अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है।
  2. यह घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है और गंभीर रक्तस्राव का कारण बनता है।
  3. पहली बार 1960 के दशक में अफ्रीका में इसका पता चला था।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 2

      (C) केवल 3

      (D) 1, 2 और 3

 

 

3. हॉग हैजा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह घरेलू और जंगली सूअर की संक्रामक वायरल बीमारी है।
  2. यह बीमारी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाती।
  3. यह भारत में सूअरों को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 3

      (B) 2 और 3

      (C) केवल 3

      (D) 1, 2 और 3

 

4. संजीवनी ऐप के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसे आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
  2. यह जनसंख्या के बीच आयुष वकालत और उपायों की स्वीकृति तथा उपयोग के बारे में डेटा जुटाने में मदद करने के लिए शुरू किया गया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा सही नहीं है?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 2

      (D) न 1 और न ही 2

 

 

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. एलिसा SARS-CoV-2 नॉवल कोरोनावायरस द्वारा संक्रमण की प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर द्वारा विकसित एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एक इम्यूनोलॉजिकल जांच किट है।
  2. पहली बार भारत ने कोरोनावायरस के लिए स्वदेशी एलिसा परीक्षण विकसित किया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 1

      (C) केवल 2

      (D) न 1 और न ही 2

 

 

6. एलिसा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. एलिसा नियमित रूप से एचआईवी और कोलेरा संक्रमण का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  2. एलिसा परीक्षण एंटीबॉडी के साथ ही उन मामलों का पता लगाने में मदद करता है जिनमें संक्रमण के पूरी अवधि के दौरान संक्रमित व्यक्ति लक्षण मुक्त (asymptomatic) बना हुआ रहता है।
  3. यह केवल यह जानने में मदद कर सकता है कि क्या व्यक्ति पहले भी संक्रमित था या नहीं।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 3

      (D) 2 और 3

 

7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) ने स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
  2. स्ट्रेप्टोमाइसिन का उपयोग पहले से ही तपेदिक (TB) रोगियों के लिए इलाज में महत्वपूर्ण है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 2

      (D) न 1 और न ही 2

 

8. स्वस्थ वायु के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इस प्रणाली को नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ NABL मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया गया है।
  2. इस सिस्टम के कुछ फायदे हैं लेकिन चूंकि यह बहुत महंगा है जिसके परिणामस्वरूप बड़ा नुकसान हुआ है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 1

      (C) केवल 2

      (D) न 1 और न ही 2

 

10. चित्रा GeneLAMP-N के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह एक नैदानिक परीक्षण किट है जो 2 घंटे में COVID-19 की पुष्टि कर सकती है।
  2. यह वायरस से निपटने के लिए बहुत महंगी किटों में से एक है।
  3. इसे आईआईएम द्वारा विकसित किया गया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 3

      (C) 1 और 3

      (D) 1, 2 और 3

 

 

उत्तर

स्वास्थ्य (Health)

 

1. बीसीजी वैक्सीन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह टीका तपेदिक के खिलाफ प्रतिरक्षा या सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. यह टीबी की पुष्टि होने पर व्यक्तियों को दिया जाने वाला टीका है।
  3. वर्ष 1978 से भारत में यूनिवर्सल बीसीजी नीति है।

दिए गए कथनों में से कौन सा सही नहीं है?

      (A) 1 और 2

      (B) 2 और 3

      (C) 1 और 3

      (D) केवल 3

त्तर: (B)

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने COVID-19 के लिए बीसीजी वैक्सीन के उपयोग को लेकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला है । स्वास्थ्य कर्मियों पर इसका उपयोग करने से पहले इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता को समझने के लिए वैक्सीन के यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षणों के महत्व को भी रेखांकित किया गया है।

बीसीजी वैक्सीन क्या है?

  • बीसीजी वैक्सीन तपेदिक (TB) के विरुद्ध प्रतिरक्षा या सुरक्षा प्रदान करता है।
  • यह टीका TB के संक्रमण के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को दिया जा सकता है।
  • इसका उपयोग मूत्राशय ट्यूमर या मूत्राशय के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है।
  • भारत में वर्ष 1968 से एक सार्वभौमिक बीसीजी नीति है और पुष्टि कोरोनवायरस संक्रमण के अनुपात के रूप में अपेक्षाकृत कम मौतें हुई हैं ।

COVID-19 के साथ संबंध :

  • बीसीजी वैक्सीन में तपेदिक बैक्टीरिया का एक जीवित लेकिन कमजोर उपभेद होता है जो शरीर को TB बैक्टीरिया पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी विकसित करने के लिए तैयार करता है ।
  • इसे अनुकूलित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कहा जाता है, क्योंकि शरीर एक विशिष्ट रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव या रोगजनक के विरुद्ध इसका सामना करने के बाद प्रतिरक्षा विकसित करता है।
  • अधिकांश टीके एक ही रोगजनक के लिए एक अनुकूलित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाते हैं।

 

2. अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है।
  2. यह घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है और गंभीर रक्तस्राव का कारण बनता है।
  3. पहली बार 1960 के दशक में अफ्रीका में इसका पता चला था।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 2

      (C) केवल 3

      (D) 1, 2 और 3

त्तर: (A)

  • असम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि केंद्र ने राज्य सरकार को अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) से प्रभावित सूअरों को मारने के लिए सलाह दी है।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बारे में:

  • यह एक बेहद संक्रामक और घातक पशु रोग है जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है और गंभीर रक्तस्राव का कारण बनता है।
  • पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में इसका पता चला था ।
  • इसके द्वारा मृत्यु दर 100% के करीब है और चूंकि बुखार का कोई इलाज नहीं है, इसलिए इसके फैलाव को रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मार देना है ।
  • ASF मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं है क्योंकि यह केवल जानवरों से अन्य जानवरों में फैलता है।
  • ASF एक ऐसी बीमारी है जो विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) स्थलीय पशु स्वास्थ्य संहिता में सूचीबद्ध है और इस प्रकार, इसे OIE को सूचित किया जाता है ।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के बारे में:

  • यह दुनिया भर में पशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए जिम्मेदार एक अंतरसरकारी संगठन है ।
  • 2018 में इसमें कुल 182 सदस्य देश थे (भारत उनमें से एक है) ।
  • OIE मानकों को विश्व व्यापार संगठन द्वारा संदर्भ अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता नियमों के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।

 

3. हॉग हैजा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह घरेलू और जंगली सूअर की संक्रामक वायरल बीमारी है।
  2. यह बीमारी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाती।
  3. यह भारत में सूअरों को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 3

      (B) 2 और 3

      (C) केवल 3

      (D) 1, 2 और 3

त्तर: (D)

  • संदिग्ध हॉग हैजा से मेघालय के दो जिलों में कम से एक दर्जन सूअरों की मृत्यु हुई है । यह घटना भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के कारण असम में 2,900 से अधिक सूअरों की मौत के साथ घटित हुई ।

हॉग हैजा:

  • क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) को हॉग हैजा (HC) या सिर्फ स्वाइन फीवर के रूप में जाना जाता है जो सूअरों की एक विशिष्ट वायरल बीमारी है।
  • यह घरेलू और जंगली सूअर की संक्रामक वायरल बीमारी है। यह किसी अन्य प्रजाति को प्रभावित नहीं करता है।
  • यह भेड़ों में बीमारियों तथा सूअरों में वायरल डायरिया लाने वाले वायरस के कारण होता है।
  • यह बीमारी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाती।

नोट:

  • क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) भारत में सूअरों को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है ।
  • इससे भारत में हर साल करीब चार सौ करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
  • इसकी वजह से 2019 में सूअरों की आबादी में काफी कमी आई थी।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी रिसर्च (IVRI) ने क्लासिकल स्वाइन फीवर को कंट्रोल करने के लिए नया टीका तैयार किया है।
  • हालांकि, वर्तमान में, केवल 1.2 मिलियन खुराक का उत्पादन किया जा रहा है। इसके कम उत्पादन के पीछे कारण यह है कि एक खरगोश की तिल्ली से केवल 50 खुराक तैयार की जा सकती है।

 

4. संजीवनी ऐप के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसे आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
  2. यह जनसंख्या के बीच आयुष वकालत और उपायों की स्वीकृति तथा उपयोग के बारे में डेटा जुटाने में मदद करने के लिए शुरू किया गया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा सही नहीं है?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 2

      (D) न 1 और न ही 2

त्तर: (A)

  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने COVID-19 प्रतिक्रिया के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए ‘आयुष संजीवनी ऐप’ लॉन्च किया है।

आयुष संजीवनी ऐप के बारे में:

  • इसे आयुष मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 50 लाख लोगों के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए विकसित किया गया है।
  • यह जनसंख्या के बीच आयुष वकालत और उपायों की स्वीकृति तथा उपयोग और COVID19 की रोकथाम पर इसके प्रभाव के बारे में डेटा उत्पन्न करने में मदद करने हेतु शुरू किया गया है ।
  • यह वैश्विक समुदाय की व्यापक भलाई के लिए आयुष ज्ञान को बढ़ावा देने में मदद करेगा ।

 

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. एलिसा SARS-CoV-2 नॉवल कोरोनावायरस द्वारा संक्रमण की प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर द्वारा विकसित एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एक इम्यूनोलॉजिकल जांच किट है।
  2. पहली बार भारत ने कोरोनावायरस के लिए स्वदेशी एलिसा परीक्षण विकसित किया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 1

      (C) केवल 2

      (D) न 1 और न ही 2

त्तर: (A)

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे ने SARS-CoV-2 नॉवल कोरोनावायरस द्वारा संक्रमण की प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर द्वारा विकसित एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एक इम्यूनोलॉजिकल जांच किट-enzyme-linked immunosorbent assay (ELISA) विकसित की है ।

एलिसा क्या है?

  • इस टेस्ट से रुधिर के नमूनों में एंटीबॉडी का पता लगाया जाएगा। एलिसा नियमित रूप से HIV संक्रमण का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • यद्यपि कोरोनावायरस के लिए एलिसा परीक्षण अन्य देशों में पहले से ही उपलब्ध हैं, फिर भी विशेष रूप से महामारी के दौरान उन्हें बड़ी संख्या में खरीदना एक चुनौती हो सकती है। इसके विपरीत, जब भारत में स्थानीय रूप से विकसित परीक्षण का निर्माण किया जाता है तो उपलब्धता जैसा कोई मुद्दा नहीं होगा।
  • एलिसा टेस्ट का इस्तेमाल समुदाय में वायरस के फैलने की सीमा को समझने के लिए 75 हॉटस्पॉट जिलों से 30,000 नमूनों की स्क्रीनिंग के लिए किया जाएगा ।
  • चूंकि एलिसा परीक्षण एंटीबॉडी का पता लगाने पर आधारित है, इसलिए यह केवल यह जानने में मदद कर सकता है कि व्यक्ति पहले कोरोनावायरस से संक्रमित हुआ है या नहीं।

महत्व:

  • चूंकि यह एंटीबॉडी का पता लगाता है, यहां तक कि जो लोग संक्रमण की पूरी अवधि के दौरान लक्षण मुक्त (asymptomatic) बने हुए हैं, उनका भी परीक्षण सकारात्मक होगा।
  • जबकि RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) परीक्षण, जो कोरोनावायरस के RNA का पता लगाता है, वर्तमान संक्रमण का पता लगाने में सक्षम बनाता है, यह परीक्षण उपयोगी नहीं होगा यदि संक्रमण के बाद के दिनों में परीक्षण किया जाता है क्योंकि वायरस अब मौजूद नहीं होगा।
  • हालांकि, कोरोनावायरस संक्रमण की प्रतिक्रिया स्वरूप विकसित एंटीबॉडी रक्त में लंबी अवधि के लिए मौजूद रहती हैं और इसलिए एलिसा परीक्षण पिछले संक्रमण का पता लगाने में मदद कर सकता है।

 

6. एलिसा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. एलिसा नियमित रूप से एचआईवी और कोलेरा संक्रमण का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  2. एलिसा परीक्षण एंटीबॉडी के साथ ही उन मामलों का पता लगाने में मदद करता है जिनमें संक्रमण के पूरी अवधि के दौरान संक्रमित व्यक्ति लक्षण मुक्त (asymptomatic) बना हुआ रहता है।
  3. यह केवल यह जानने में मदद कर सकता है कि क्या व्यक्ति पहले भी संक्रमित था या नहीं।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 3

      (D) 2 और 3

त्तर: (D)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के बारे में:

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1952 में पुणे (महाराष्ट्र) में ICMR और रॉकफेलर फाउंडेशन (RF), यूएसए के तत्वावधान में वायरस रिसर्च सेंटर (VRC) के रूप में की गई थी।
  • यह आर्थ्रोपोड बोर्न वायरस की जांच के लिए RF के वैश्विक कार्यक्रम का परिणाम था ।
  • RF ने 1967 में अपना समर्थन वापस ले लिया था और तब से यह संस्थान पूरी तरह से ICMR द्वारा वित्त पोषित है।
  • इस संस्थान को 1967 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सहयोगी प्रयोगशालाओं में से एक के रूप में नामित किया गया था और इसने 1969 से आरबोवायरस अध्ययन के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए WHO के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में काम करना शुरू किया ।
  • इसके विस्तारित दायरे और गतिविधियों को देखते हुए VRC को 1978 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के रूप में फिर से नामित किया गया।

 

7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) ने स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
  2. स्ट्रेप्टोमाइसिन का उपयोग पहले से ही तपेदिक (TB) रोगियों के लिए इलाज में महत्वपूर्ण है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 2

      (C) 1 और 2

      (D) न 1 और न ही 2

त्तर: (B)

  • हाल ही में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) के तहत पंजीकरण समिति (RC) ने एंटीबायोटिक्स स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।

अधिक जानकारी :

  • RC ने फसलों पर एंटीबायोटिक्स स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन के प्रयोग पर तत्काल प्रभाव से वहां प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है जहां बैक्टीरियल डिजीज कंट्रोल के लिए अन्य विकल्प उपलब्ध हैं ।
  • जहां कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है वहां इन एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को 2022 के अंत तक चरणबद्ध रूप से समाप्त किया जाना चाहिए ।
  • तब तक, एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग लेबल दावे यानी स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट (9%) और टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड (1%) के अनुसार फसलों पर सख्ती से किया जा सकता है।
  • RC ने माना कि फसलों में बीमारियों का प्रबंधन इंटीग्रेटेड कीट प्रबंधन और अन्य प्रथाओं का इस्तेमाल करके किया जा सकता है।

स्ट्रेप्टोमाइसिन:

  • स्ट्रेप्टोमाइसिन का उपयोग पहले से ही तपेदिक (TB) रोगियों के लिए इलाज में महत्वपूर्ण है।
  • इसका उपयोग मल्टीड्रग प्रतिरोधी TB रोगियों और TB दिमागी बुखार (मस्तिष्क TB) के कुछ मामलों में भी किया जाता है।
  • हालांकि स्ट्रेप्टोसाकलाइन का उपयोग CIBRC द्वारा आठ फसलों के लिए अनुमन्य है, लेकिन व्यवहार में इसका कई अन्य फसलों पर भी इस्तेमाल किया जाना पाया गया ।
  • स्ट्रेप्टोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आने से मनुष्यों और जानवरों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का विकास हो सकता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) स्ट्रेप्टोमाइसिन को मानव उपयोग के लिए एक गंभीर रूप से महत्वपूर्ण दवा के रूप में मान्यता देता है ।

 

8. स्वस्थ वायु के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इस प्रणाली को नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ NABL मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया गया है।
  2. इस सिस्टम के कुछ फायदे हैं लेकिन चूंकि यह बहुत महंगा है जिसके परिणामस्वरूप बड़ा नुकसान हुआ है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) 1 और 2

      (B) केवल 1

      (C) केवल 2

      (D) न 1 और न ही 2

त्तर: (D)

  • CSIR – CSIR की प्रयोगशाला के एक घटक नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (NAL) बैंगलोर ने COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए 36 दिनों के रिकॉर्ड समय में एक नॉन इनवेसिव BiPAP वेंटिलेटर विकसित किया है।

जानकारी :

  • BiPAP नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर एक माइक्रोकंट्रोलर आधारित सटीक क्लोज-लूप अनुकूलित नियंत्रण प्रणाली है जिसमें HEPA फिल्टर (अत्यधिक कुशल पार्टिकुलेट एयर फिल्टर) के साथ एक अंतर्निहित जैव अनकूल “3D printed manifold & coupler” होता है।
  • ये अनूठी विशेषताएं वायरस फैलने के डर को कम करने में मदद करते हैं। इसमें स्वाभाविक, CPAP, टाइम्ड, ऑटो BiPAP मोड जैसे फीचर्स दिए गए हैं, जिनमें ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर या एनरिचमेंट यूनिट को बाहर से जोड़ने का प्रावधान है। 
  • इस प्रणाली को NABL मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया गया है। इस प्रणाली का NAL स्वास्थ्य केंद्र में जटिल बायोमेडिकल टेस्ट और बीटा क्लीनिकल ट्रायल हुआ है।

महत्व:

  • इस मशीन का प्रमुख लाभ यह है कि इसे अधिकांश स्वदेशी घटकों के साथ किसी भी विशेष नर्सिंग, लागत प्रभावी, कॉम्पैक्ट और कॉन्फ़िगर किए बिना उपयोग करना सरल है।
  • यह वर्तमान COVID-19 परिदृश्य में वार्डों में COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए आदर्श है।

 

10. चित्रा GeneLAMP-N के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह एक नैदानिक परीक्षण किट है जो 2 घंटे में COVID-19 की पुष्टि कर सकती है।
  2. यह वायरस से निपटने के लिए बहुत महंगी किटों में से एक है।
  3. इसे आईआईएम द्वारा विकसित किया गया है।

दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

      (A) केवल 1

      (B) केवल 3

      (C) 1 और 3

      (D) 1, 2 और 3

त्तर: (A)

भारत में COVID-19 परीक्षण में तेजी लाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित प्रयोगशाला के द्वारा विकसित एक आशाजनक प्रौद्योगिकी में कई और हफ्तों की देरी हो सकती है ।

  • तिरुवनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) द्वारा विकसित चित्रा GeneLAMP-N को इसके विन्यास में अधिक पुष्टिकारक परीक्षण और बदलाव की आवश्यकता है ।

चित्रा GeneLAMP-N:

  • चित्रा GeneLAMP-N एक डायग्नोस्टिक टेस्ट किट है जो कम लागत पर 2 घंटे में COVID-19 की पुष्टि कर सकती है।
  • फ्लोरेसेंस में बदलाव से मशीन से परिणाम पढ़े जा सकते हैं।
  • फ्लोरेसेंस किसी ऐसे पदार्थ द्वारा प्रकाश का उत्सर्जन है जिसने प्रकाश या अन्य विद्युत चुम्बकीय विकिरण को अवशोषित कर लिया है।

RT-LAMP कैसे काम करता है?

  • पुष्टिकारक नैदानिक परीक्षण, वायरल न्यूक्लिक एसिड (RT-LAMP) के रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस लूप-मध्यस्थता प्रवर्धन का उपयोग करके SARS-COV2 के N जीन का पता लगाता है।
  • परीक्षण किट SARS-CoV-2 N जीन के लिए अत्यधिक विशिष्ट है और जीन के दो क्षेत्रों का पता लगा सकती है।
  • यह RNA के प्रवर्धन के लिए एक तकनीक है। इसका इस्तेमाल वायरस का पता लगाने में किया जाता है।
  • इस विधि में, रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज द्वारा वायरल RNA की DNA प्रति उत्पन्न की जाती है, और फिर कुल DNA की मात्रा को बढ़ाने के लिए आइसोथर्मल प्रवर्धन किया जाता है।

क्या है RT-PCR?

  • रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) एक प्रयोगशाला तकनीक है जो DNA (पूरक DNA या c-DNA) में RNA के रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन को जोड़ती है और पॉलिमरस चेन रिएक्शन का उपयोग करके विशिष्ट DNA लक्ष्यों का प्रवर्धन करती है।
  • रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन कोशिकाओं में होने वाली वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक एंजाइम RNA से DNA की एक प्रति बनाता है।
  • DNA कॉपी बनाने वाले एंजाइम को रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज कहा जाता है और यह रेट्रोवायरस में पाया जाता है, जैसे ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)।
  • RT-PCR का उपयोग मुख्य रूप से एक विशिष्ट RNA की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। 

 

 

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