Arora IAS
रेडक्लिफ आयोग (1947)
(Radcliffe Commission (1947)
राजव्यवस्था नोट्स
(Polity Notes in Hindi)
रेडक्लिफ पुरस्कार कोई पुरस्कार नहीं था, बल्कि सर सिरिल रेडक्लिफ की अध्यक्षता वाले दो सीमा आयोगों द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण करने का परिणाम था। 17 अगस्त 1947 को प्रकाशित रेडक्लिफ रेखा ने पंजाब और बंगाल प्रांतों को विभाजित किया, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक हिंसा और विस्थापन हुआ।
पृष्ठभूमि:
- 1947 में भारत के विभाजन के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण करना एक जटिल और विवादास्पद कार्य था।
- दो प्रमुख धर्मों, हिंदू और मुस्लिम के बीच बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक क्षेत्रों का विभाजन करना आवश्यक था।
- भाषाई, सांस्कृतिक और आर्थिक कारकों पर भी विचार करना था।
रेडक्लिफ आयोग:
- ब्रिटिश सरकार ने सर सिरिल रेडक्लिफ, एक वकील और न्यायाधीश को सीमा आयोगों का अध्यक्ष नियुक्त किया।
- आयोग में पांच सदस्य थे, जिनमें दो भारतीय मुस्लिम, दो भारतीय हिंदू और एक ब्रिटिश नागरिक शामिल थे।
- आयोग को केवल 35 दिन में सीमा का निर्धारण करने का काम सौंपा गया था।
रेडक्लिफ रेखा:
- 17 अगस्त 1947 को, रेडक्लिफ रेखा प्रकाशित की गई, जिसमें पंजाब और बंगाल प्रांतों को विभाजित करने वाली सीमा का वर्णन किया गया था।
- पंजाब को पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) और पूर्वी पंजाब (अब भारत) में विभाजित किया गया था।
- बंगाल को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) और पश्चिमी बंगाल (अब भारत) में विभाजित किया गया था।
- सीमा का निर्धारण धार्मिक बहुमत के आधार पर किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जनसंख्या विस्थापन हुआ।
परिणाम:
- रेडक्लिफ रेखा को लेकर दोनों पक्षों में असंतोष था।
- पाकिस्तान ने पूर्वी पंजाब में हिंदुओं की संख्या को कम करके दिखाने का आरोप लगाया।
- भारत ने पूर्वी बंगाल में मुस्लिमों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया।
- सीमा के दोनों ओर हिंसा और दंगे भड़क उठे, जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोग मारे गए और **करोड़ों लोग विस्थापित हुए।
विरासत:
- रेडक्लिफ रेखा आज भी भारत और पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीमा का आधार बनी हुई है।
- यह विभाजन और सीमा के विवादों ने दक्षिण एशिया में तनाव और संघर्ष का एक लंबा इतिहास बनाया है।